Pune News: एक हजार किसानों ने गन्ने की खेती के लिए एआई तकनीक का सहारा लिया, नडेला ने की तारीफ

एक हजार किसानों ने गन्ने की खेती के लिए एआई तकनीक का सहारा लिया, नडेला ने की तारीफ
  • पानी की 60 प्रतिशत बचत हुई
  • माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने की तारीफ

Pune News/बारामती. एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट ट्रस्ट की ओर से माइक्रोसॉफ्ट की मदद से राज्य के एक हजार किसानों के खेतों में गन्ने की खेती के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया। जो काफी कारगर रही। परंपरागत खेती के मुकाबले कम लागत लगी और पानी की बचत भी हुई। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि बारामती में खेती के इस प्रयोग से भारत में कृषि को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व भर के किसानों के लिए यह मददगार साबित होगी।

फसल पर निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के जरिए कृषि विज्ञान केंद्र में वॉर रूम

बारामती के कृषि विज्ञान केंद्र की प्रदर्शनी में इसका प्रदर्शन किया गया। राज्य के 500 किसानों के खेतों में सात से आठ माह की फसल लहलहा रही है। जबकि 500 किसानों के खेत में गन्ने की शुरूआती बुआई हुई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के जरिए कृषि विज्ञान केंद्र में वॉर रूम बनाया गया है। जहां सबंधित खेतों का डेटा तैयार किया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सेंसर के जरिए पता चलता है कि गन्ने के लिए कितने पानी की जरूरत है। कितने हिस्से में खाद की कमी है। मौसम में बदलाव, रोग व कीट का सटीक अनुमान जताया जाता है।

किसानों को भरोसा इसबार 30 प्रतिशित अधिक उत्पादन

नतीजा यह रहा कि एआई तकनीक की सहायता से परंपरागत खेती के मुकाबले कम लागत में अधिक उत्पाद हुआ। किसानों का कहना है कि इसबार उत्पादन 30 फीसदी अधिक होगा। हाल ही में भारत दौरे पर आए सत्या नडेला ने इस प्रयोग की सराहना की। नडेला के समक्ष एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीलेश नलावडे व उनके साथियों ने प्रेजेंटेशन दिया। नडेला ने बारामती की किसान सीमा चव्हाण से पूरी जानकारी ली। नडेला ने प्रयोग से खुशी जताते हुए कहा कि भविष्य में आधुनिक खेती इस तरह होगी। कम लागत और ज्यादा उत्पादन देने वाली खेती एआई तकनीक के जरिए होगी।

तुषार जाधव, प्रकल्प प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र के मुताबिक तहसील के 60 किसानों ने एआई पर आधारित गन्ने की खेती की। यह नया प्रयोग बेहद सफल रहा। पानी की 60 प्रतिशत बचत हुई। साथ ही खाद व दवाओं का छिड़काव भी कम हुआ। गन्ने के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। गन्ने की पेराई प्रति एकड़ 25 से 40 प्रतिशत तक बढेगी।


Created On :   14 Jan 2025 9:06 PM IST

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