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विधानसभा चुनाव :: मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर दोनों गठबंधनों में तकरार
- उद्धव गुट चाहता है घोषित हो सीएम का उम्मीदवार, कांग्रेस की ना
- कांग्रेस अपने पत्ते खोलने के लिए तैयार नहीं
- महायुति भी सामने नहीं ला रहा चेहरा
डिजिटल डेस्क. मुंबई । महाविकास आघाडी और महायुति में मुख्यमंत्री पद चेहरे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। दोनों ही गठबंधनों के नेता अभी तक यह तय नहीं कर पाए हैं कि किसको सीएम फेस बना कर चुनाव मैदान में उतरा जाए। दोनों गठबंधनों मे तीन-तीन दल शामिल हैं। इस लिए चुनाव के पहले मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सहमति बनना मुश्किल दिखाई दे रहा है। हालांकि महाविकास आघाडी में शामिल शिवसेना (उद्धव) चुनाव लड़ने से पहले ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम साफ कर लेना चाहती है। लेकिन कांग्रेस अपने पत्ते खोलने के लिए तैयार नहीं है। वहीं महायुति में भी अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि चुनाव बाद मुख्यमंत्री पद का दावेदार कौन होगा। ऐसे में दोनों ही गठबंधनों में मुख्यमंत्री पद को लेकर राह आसान नहीं होने वाली है।
दोनों गठबंधनों के नेता पिछले काफी समय से यह कहते आए हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद अगर बहुमत उनके गठबंधन को मिलता है तो फिर मुख्यमंत्री उन्हीं की पार्टी का होगा। महायुति में मुख्यमंत्री पद को लेकर भले ही कोई खुलकर नहीं बोल रहा हो लेकिन महाविकास आघाडी में मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी से खींचतान शुरू हो गई है। खबर है कि शिवसेना (उद्धव) के नेताओं ने कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक में मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ आगामी विधानसभा चुनाव में उतरने को लेकर चर्चा की है। हालांकि कांग्रेस ने अपने सहयोगी दल की इस मांग को खारिज कर दिया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण तो यहां तक कह चुके हैं कि गठबंधन में मुख्यमंत्री उस पार्टी का बनेगा, जिसकी ज्यादा सीटें होंगी। चव्हाण ने कहा कि अभी फिलहाल मुख्यमंत्री चेहरे की जरूरत नहीं है। हम सिर्फ महाविकास आघाडी के चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे। जबकि उद्धव गुट चाहता है कि उद्धव ठाकरे को सीएम फेस बन कर चुनाव मैदान मे उतरा जाए।
इस बीच शिवसेना (उद्धव) सांसद संजय राऊत ने कहा है कि चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, दोनों को मुख्यमंत्री के चेहरे की जरूरत होती है। दरअसल राऊत चाहते हैं कि महाविकास आघाडी में आगामी विधानसभा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चेहरे पर लड़ा जाना जाना चाहिए, लेकिन कांग्रेस इसके विरोध में है। राऊत ने कहा कि लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता था।
पिछला विधानसभा चुनाव महायुति ने फडणवीस के चेहरे पर लड़ा था : साल 2019 का विधानसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना (अविभाजित) ने मिलकर लड़ा था। उस चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभाओं में बार-बार देवेंद्र फडणवीस को फिर से मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया था। लेकिन चुनाव के नतीजे के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और उद्धव ठाकरे में विवाद हो गया। ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद मांगा तो भाजपा ने इंकार कर दिया। जिसके बाद ठाकरे ने कांग्रेस और राकांपा (अविभाजित) के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। यह चुनाव कांग्रेस और राकांपा (अविभाजित) ने मिलकर लड़ा था लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर दोनों ही दलों में कोई बातचीत नहीं हुई थी।
Created On :   9 Aug 2024 3:34 PM GMT