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नाशिक: सिंहस्थ कुंभ मेले के खर्च में कटौती, 15 हजार करोड़ का बजट घॉकर हुआ 8.5 हजार करोड़
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- बजट में और भी हो सकती है काट-छांट
- सिंहस्थ कुंभ मेले के खर्च में कटौती कर दी गई
डिजिटल डेस्क, नाशिक। साल 2027 में होने वाले सिंहस्थ को तैयार किए गए ड्राफ्ट का खर्च आधा हो गया है। महापालिका ने विभागीय आयुक्त डॉ. प्रवीण गेडाम को 15 हजार 172 करोड रुपये का ड्राफ्ट सौंपा था, लेकिन इतनी बड़ी रकम मिलने की संभावना नहीं होने के कारण कम करने के निर्देश दिए थे। विभागीय आयुक्त के निर्देशों के अनुसार महापालिका के अधिकारियों ने समीक्षा करते हुए ड्राफ्ट अब लगभग 8 हजार 800 करोड़ तक कम किया है। इसमें सिंहस्थ में कुछ भूमि अधिग्रहण को छोड़ दिया गया है, 'टीडीआर' का विकल्प भी पेश किया गया, लेकिन, डॉ. गेडाम ने इसमें भी और कटौती के निर्देश प्रशासन को दिए हैं। नाशिक और त्र्यंबकेश्वर में 2026-27 में सिंहस्थ होने वाला है, जिसमें केवल 2 से ढ़ाई साल बाकी हैं, इसलिए प्रशासनिक स्तर पर पिछले एक साल से तैयारी चल रही है। महापालिका आयुक्त ने इसके लिए सिंहस्थ ड्राफ्ट समन्वय समिति स्थापित की थी और 11 हजार 117 करोड रुपये का प्रारूप ड्राफ्ट तैयार किया था। सिंहस्थ के लिए रिंगरोड भी बनाया जाने वाला है, जिसके लिए 5 हजार करोड रुपये का खर्च अपेक्षित है। इसलिए यह ड्राफ्ट 17 हजार 172 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था।
सिंहस्थ शिखर समिति के सामने ड्राफ्ट पेश करने से पहले, जिला प्रशासन ने इसकी समीक्षा की। पिछले सिंहस्थ में 2200 करोड रुपये खर्च हुए थे, जबकि 17 हजार करोड रुपये के ड्राफ्ट ने जिला प्रशासन को भी चिंतित कर दिया था, इसलिए, जिला अधिकारी जलज शर्मा के निर्देश पर आयुक्त डॉ. अशोक करंजकर ने समीक्षा करते हुए इस ड्राफ्ट को 15 हजार 172 करोड रुपये तक कम किया था। इसके बाद डॉ. गेडाम को 15 दिन पहले प्रस्तुतीकरण के बाद उन्होंने भी इतनी बड़ी रकम मिलने की संभावना कम होने के कारण इसे घटाने के निर्देश दिए थे। इसके अनुसार, प्रशासन ने इस ड्राफ्ट को साड़े 8 हजार करोड़ रुपये तक कम किया है, लेकिन डॉ. गेडाम ने इसमें भी और कटौती करने के निर्देश दिए हैं।
नगरचना और बांधकाम विभाग ने महापालिका के सिंहस्थ ड्राफ्ट में सड़कों, पुलों, साधुग्राम और पार्किंग के लिए जमीन और उसके अधिग्रहण पर साड़े 8 हजार करोड़ रुपये का खर्च रखा था। इसके कारण, डॉ. गेडाम के निर्देश पर साधुग्राम के भूमि अधिग्रहण, सड़कों और पुलों की संख्या कम की गई है। साधुग्राम के लिए 500 एकड़ के भूमि अधिग्रहण की योजना थी, जिसे अब 400 एकड़ पर लाया गया है। नदी पर पुलों की संख्या भी 27 रखी गई थी, जिसे भी कम किया जाएगा। बांधकाम, वैद्यकीय, पाणीपुरवठा विभागों के कामों में भी कटौती की जाएगी। 204 और 2015 में महापालिका क्षेत्र में हुए सिंहस्थ के लिए 1052 करोड रुपये खर्च हुए थे। सरकार ने सभी विभागों के लिए 2200 करोड रुपये तक खर्च की मंजूरी दी थी। इस बार भी इतनी बड़ी रकम सरकार से मिलने की संभावना कम है। डॉ. गेडाम ने कहा कि नगर रचना विभाग के अधिकारी अपने काम में और अधिक ध्यान दें और एक स्पष्ट और वास्तविक ड्राफ्ट तैयार करें।
Created On :   11 Aug 2024 8:43 PM IST