खुलासा: धर्मदाय आयुक्त की आंखों में धूल झोंकते हुए संस्था की जमीन बेची

धर्मदाय आयुक्त की आंखों में धूल झोंकते हुए संस्था की जमीन बेची
  • पुणे के डेक्कन कॉलेज ट्रस्ट पर गंभीर आरोप
  • कोर्ट ने दिए शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने के आदेश

डिजिटल डेस्क, नाशिक, सोमनाथ कोठुले। पुणे के डेक्कन कॉलेज ट्रस्ट ने धर्मदाय आयुक्त की आंखों में धूल झोंकते हुए संस्था की जमीन बिक्री करते हुए आठ करोड़ रूपए का घोटाला करने की शिकायत की। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में शिकायतकर्ता के बयान दर्ज करने के आदेश दिए हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार किसी भी ट्रस्ट को संस्था की संपत्ती बिक्री करने के लिए सहधर्मादाय आयुक्त अथवा धर्मादाय आयुक्त की मंजूरी आवश्यक होती है। जिसके अनुसार डेक्कन कॉलेज पूना ट्रस्ट ने सहधर्मादाय आयुक्त के पास नियमों के अनुसार वर्ष 2014 में अवेदन किया। इसमें डेक्कन कॉलेज पूना ट्रस्ट के पास छात्रा और छात्रों के लिए छात्रावास नहीं होने और अन्य कारण दिए हैं। सहधर्मदाय आयुक्त ने ट्रस्ट की संपत्ती कुणाल बिल्डर व पुष्पा प्रॉपर्टी को बिक्री करने के लिये वर्ष 2020 को मंजूरी दी। लेकिन, अभिजीत खेडकर व डॉ अभिषेक हरिदास ने इस मामले में संशोधन करने पर डेक्कन कॉलेज पोस्ट ग्रेज्युएट एंड रिसर्च इन्स्टिट्यूट के पास से पहले से ही छात्र और छात्रों के लिए छात्रावास उपलब्ध हैं।

इसके बावजूद ट्रस्ट ने 2014 में यह जानकारी छुपाकर सहायक धर्मादाय आयुक्त के साथ धोखाधड़ी करते हुए ट्रस्ट के संपत्ती की बिक्री की। संस्था यहां पर नहीं रुकी वर्ष 2023 में राज्य सरकार के पास से छात्रावास बनाने के लिए करोड़ों रूपए अनुदान के रूप में वसूल किए। इस भ्रष्टाचार के खिलाफ डॉ अभिषेक हरिदास व अभिजीत खेडकर ने सहसंचालक उच्च शिक्षण व प्रथमवर्ग न्याय दंडाधिकारी पुणे के कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई।

इस दरम्यान, पुणे कोर्ट ने डेक्कन कॉलेज पूना ट्रस्ट के मामले में शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। इससे उच्च शिक्षण विभाग के सहसंचालक का इस प्रकरण को दबाने का प्रयास असफल साबित होने का आरोप किया गया है। शिकायतकर्ता के अनुसार इससे पूर्व, डेक्क्न कालोज पोस्ट ग्रेज्यूएट एंड रिसर्च इन्स्टि्टूयट ने वर्ष 2023 में छात्रावास के लिए दो बार करोड़ रूपए सरकार के पास अनुदान वसूले हैं। इस संदर्भ में दैनिक भास्कर ने उच्च शिक्षण विभाग के संचालक डा. शैलेन्द्र देवलनकर के साथ संपर्क करते हुए इस मामले की हकिकत को लेकर पूछा, तो उन्होंने इसकी कोई जानकारी नहीं होने का दावा किया। साथ ही, अधिकारीक सूत्रों से जानकारी प्राप्त करने के बाद पक्ष रखने की बात कही, लेकिन चार दिनों में दो बार उनके साथ संपर्क करने के बावजूद उन्होंने इस मामले में कुछ नहीं कहा।

भूमिका संदेहास्पद

डा. अभिषेक हरिदास, शिकायतकर्ता के मुताबिक डेक्कन कॉलेज पुना ट्रस्ट के पास अभी 112 एकड़ जमीन शेष हैं। इसमें से येरवाड़ा परिसर के सर्वे क्रमांक 24 की, 24 एच, 17 आर जमीन आठ करोड़ रूपए में पुणे के कुणाल बिल्डर और पुष्पा प्रापर्टीज को बिक्री की गई। संस्था की यह संपत्ती बिक्री करते समय धर्मदाय विभाग के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकी गई हैं। किसीं भी प्रकार की संपत्ती की बिक्री करने के लिए संस्था के सभी सदस्यों का एकमत होना अनिवार्य है। वास्तविकता में वर्तमान अध्यक्ष सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के कुलगुरू डॉ.सुरेश गोसावी और उच्च शिक्षण विभाग के संचालक डॉ. शैलेन्द्र देवलनकर ने इसपर आपत्ती दर्ज करानी अपेक्षित थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ हैं। इसलिए इस मामले में दोनों की भूमिका संदेहास्पद दिखाई दे रही है। इसमें से डॉ. देवलनकर पूर्व शिक्षामंत्री विनोद स्वीय सहायक थें।

अभिजीत खेडकर, शिकायतकर्ता के मुताबिक ट्रस्ट ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की वर्ष 1985 की रिर्पोट में आपनी संस्था पास 100 छात्रों व 21 छात्रा के लिए छात्रावास की व्यवस्था हाेने और 45 कर्मियों के लिए निवास की व्यवस्था होने की बात कही है। इसके अलावा संस्था ने वर्ष 2002 की नैक की रिर्पोट में आपने पास सभी छात्रों के लिए छात्रावास उपलब्ध होने का दावा किया। वहीं वर्ष 2014 की रिर्पोट में छात्रों के लिए 54 कमरे और छात्राओं के लिए 36 कमरे हैं। अन्य 9 कमरें अतिथियों के लिए होने की बात कही है। जबकी संपत्ती बिक्री करते समय सह धर्मदाय आयुक्त को दिए गए प्रस्ताव में जमीन बिक्री का कारण छात्रावास नहीं होने और उसे बनाने के लिए निधी की कमी का कारण बताया है।

मुझे कोई जानकारी नहीं

उच्च शिक्षण विभाग के संचालक डा. शैलेन्द्र देवलनकर ने कहा कि नियुक्ती के बाद मैंने के केवल एकबार संस्था का दौरा किया था। संबंधित घटनाक्रम की मुझे कोई जानकारी नहीं हैं, लेकिन मैं इस संदर्भ में जानकारी प्राप्त करने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा।


Created On :   11 Oct 2023 3:14 PM GMT

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