नांदेड़: 3 हजार टीके के बावजूद सर्पदंश के मरीज की हुई मौत - उठ रहे सवाल

3 हजार टीके के बावजूद सर्पदंश के मरीज की हुई मौत - उठ रहे सवाल
  • 3 हजार टीके मिले
  • सर्पदंश के मरीज की हुई मौत
  • सवालों के घेरे में अस्पताल

डिजिटल डेस्क, धनराज भारती, नांदेड़। सरकारी अस्पताल में मरने वालों में सर्पदंश का मरीज था। अस्पताल को पिछले मार्च में हाफकिन संस्थान से 3,570 सर्प-दंश रोधी टीकों की आपूर्ति की गई थी। इतने सारे टीकों के बाद भी सर्प दंश के मरीजों की मौत कैसे हो गई? यह सवाल भी उठ रहे है। राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति के लिए खरीद सेल की स्थापना की। इसका प्रबंधन हाफकिन इंस्टीट्यूट ऑफ परल द्वारा किया जाता है। खरीद इकाई ने 30 मार्च को सांप रोधी टीके खरीदे। प्रत्येक टीके की कीमत 560 रुपए थी. 3 करोड़ 46 लाख 94 हजार 240 रुपए के 61 हजार 954 टीके लिए गए। खरीद विभाग के महाप्रबंधक डॉ. अनंत शिंगारे ने कहा कि 19 मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और स्वास्थ्य इकाइयों को इसकी आपूर्ति की गई है। शंकरराव चव्हाण मेडिकल कॉलेज में श्री गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल को मांग के अनुसार 3,570 टीकों की आपूर्ति की गई थी। सूत्रों ने कहा कि, सरकार के आदेश के बावजूद कि, खरीद इकाई को अधिकतम दवाएं इंस्टीट्यूट से खरीदनी चाहिए, खरीद इकाई पहले अभया लैब, सीरम, भारत सीरम जैसी निजी कंपनियों से टीके खरीद रही है। खरीदारी कक्ष के बाहर निजी कंपनियों के दलाल लगातार सक्रिय नजर आ रहे हैं। इसी प्रकार औषधियों की खरीद के लिए क्रय विभाग को सरकार द्वारा धनराशि दी जाती है। यह भी सामने आया है कि, खरीद विभाग द्वारा सैकड़ों करोड़ रुपए के फंड का उपयोग ही नहीं किया गया है।

प्रबंध निदेशक की अनुपस्थिति से हाफकिन संस्थान को नुकसान

हॉकी के प्रबंध निदेशक अभिमन्यु काले प्रभारी हैं। चूंकि वे हाफकिन संस्थान में शामिल नहीं होते हैं, इसलिए उन्हें हाफकिन संस्थान द्वारा दवा निर्माण और आपूर्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह जानकारी लेंगे। लेकिन परचेज रूम के डॉक्टर शिंगारे ने कहा कि, उन्होंने सुबह ही काले को पूरी जानकारी दे दी थी।

Created On :   5 Oct 2023 3:07 PM GMT

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