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पड़ताल: भगदड़ हादसे में मौत का जिम्मेदार आखिर कौन? भास्कर ने जिम्मेदारों से पूछे सवाल
- कामगार विभाग : कार्यक्रम भाजपा का था, हमारा नहीं
- भाजपा : आयोजन कामगार विभाग का था, हमारा नहीं
- किचन किट दिलाने सक्रिय थे एजेंट
- हादसे के दूसरे दिन भाजपा के सारे पोस्टर गायब
डिजिटल डेस्क, नागपुर. सरकारी किचन किट वितरण कार्यक्रम में मची भगदड़ में एक महिला की मृत्यु होने के बाद विरोधी दल के नेता आयोजकों को लेकर आक्रामक है। आयोजकों पर अपराध दर्ज करने की मांग की जा रही है। फिलहाल आयोजकों को लेकर अब भी भ्रम की स्थिति बनी है। भाजपा आयोजन का ठीकरा महाराष्ट्र इमारत व इतर बांधकाम कामगार कल्याणकारी मंडल पर फोड़ रही है, तो मंडल आयोजन के लिए भाजपा को जिम्मेदार बता रहा है। अब घटना के बाद कामगार कल्याण मंडल ने इससे पलड़ा झाड़ते हुए जिम्मेदारी भाजपा पर ढकेल दी है। कामगार कल्याण मंडल के अपर आयुक्त नितीन पाटकर ने कहा कि मंडल का कार्यक्रम से कोई संबंध नहीं है। कार्यक्रम का आयोजन भाजपा ने किया था। यह उनकी जिम्मेदारी है। जो कुछ पूछना है, वह भाजपा से पूछें। मैं हॉस्पिटल में हूं, ज्यादा बात नहीं कर सकता।
डिप्टी सीएम का पत्र : उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यालय द्वारा कामगार कल्याण मंडल को लिखा पत्र हाथ लगा है। पत्र में जिम्मेदारी कामगार कल्याण मंडल को देने का उल्लेख है। पत्र में लिखा गया था कि नागपुर क्षेत्र में बांधकाम कामगारों को बांधकाम मंडल के माध्यम से मिलने वाले सभी लाभ ज्यादा से ज्यादा कामगारों को दिलाने के लिए कामगार पंजीयन व नवीनीकरण और सुरक्षा व किचन कीट का वितरण करने के लिए शिविर सुरेश भट सभागृह में 8 से 11 मार्च तक आयोजित किया गया है। इस संयुक्त शिविर के लिए आवश्यक प्रशासकीय व्यवस्था करने के लिए संबंधितों को योग्य दिशा निर्देश दिए जाएं। पत्र में अधिकारियों को व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।
किचन किट दिलाने के नाम पर शहर में कई वसूली एजेंट सक्रिय रहे हैं। इससे पहले श्रमिक किट वितरण में भी काफी गड़बड़ी हुई थी। भगदड़ में महिला की मृत्यु के मामले के बाद कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। दावा किया जा रहा है कि किट वितरण मामले की जांच कराई जाए तो कई खुलासे होंगे।
डुप्लेक्स व बंगलों में रहने वालों को बनाया लाभार्थी : इस योजना को कुछ लोगों ने राजनीतिक हित लेने का साधन बनाया। वहीं ऐसे लोगों को लाभार्थी बनाया जो डुप्लेक्स व बंगलों में रहते हैं। किचन किट के लिए बांधकाम मजदूर ही नहीं, बल्कि उन सभी कामगारों को पात्र ठहराया गया था, जो असंगठित कामगार की श्रेणी में आते हैं। इनमें मोलकरीन, वेटर से लेकर रिक्शा चालक भी शामिल हुए।
फर्जी सर्टिफिकेट देकर भीड़ जुटाई
नियमानुसार मनपा में कनिष्ठ अभियंता व मनपा के ही अधिकृत निर्माण कार्य ठेकेदार की सहमति से ही लाभार्थी तय होना है, लेकिन कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताआें ने ठेकेदार का फर्जी सर्टिफिकेट व अभियंता की स्वीकृति का पत्र दिलाने का झांसा देकर कामगारों की भीड़ जुटाई। वाट्सएप, फेसबुक पर भी प्रचार किया गया। शहर के विविध चौराहों पर होर्डिंग्स लगाए गए, लेकिन हादसे के बाद कई होर्डिंग्स हटा लिए गए।
इससे पहले भी ‘वसूली’ का खेल
इससे पहले बांधकाम कामगारों को 5000 रुपये की सहायता की योजना चलाई गई थी। उस समय कुछ इंटरनेट कैफे संचालकों के साथ मिलकर वसूली एजेंटी ने लूट मचाई थी। लाभार्थी के कागजात का इस्तेमाल किया गया। प्रति कामगार 1500 रुपए की वसूली की गई। कामगारों के लिए सेफ्टी किट के वितरण कार्यक्रम में भी जमकर राजनीति हुई थी। पूर्व, उत्तर व दक्षिण-पश्चिम नागपुर में सबसे अधिक किट वितरण किया गया। दावा तो यह भी किया जा रहा है कि रात में ट्रकों से किट लाकर सुबह होने के पहले तक कई लोगों के घरों तक किट पहुंचाई गई। जिन्हें किट दी गई, वे पार्टी विशेष के मतदाता के तौर पर पहचान रखते हैं। किट वितरण की प्रचार टीम के पदाधिकारी भी अब कुछ नहीं बोल रहे हैं।
Created On :   11 March 2024 12:58 PM GMT