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चर्चा: हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं लेकिन हमारी आजादी आज भी अधूरी
- मनोहर देव ने विविध मुद्दों पर खुलकर रखे विचार
- कहा- अब भी वीजा एक्सटेंशन के लिए करना पड़ता है आवेदन
- जमीन के मालकी हक के पट्टे अब तक नहीं मिले
डिजिटल डेस्क, नागपुर। हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं लेकिन हमारी आजादी आज भी अधूरी है। आजाद मुल्क के लिए आजाद कानून आज भी नहीं बना। पाकिस्तान में मुसलमानों ने सिंधी समाज को स्वीकार नहीं किया। 80 फीसदी सिंधी हिंदुस्तान में हैं लेकिन हिंदुस्तान में भी सिंधी समाज को स्वीकार नहीं किया गया। अब भी वीजा एक्सटेंशन के लिए आवेदन करना पड़ता है। जमीन के मालकी हक के पट्टे अबतक नहीं मिले। हम यह समझाने में नाकाम रहे कि सिंधी समाज भी आजाद हुआ था। अलायंस ऑफ ग्लोबल सिंधी एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोहर देव ने यह खिन्नता व्यक्त की। दैनिक भास्कर कार्यालय में सदिच्छा भेंट के दौरान मनोहर देव ने भारत की आर्थिक स्थिति, विकास, मीडिया की भागीदारी, न्याय व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था, चुनाव प्रक्रिया आदि विविध मुद्दों पर बेबाक विचार रखे।
लुप्त होती जा रही सिंधी भाषा और सिंध की गौरव गाथा : देश विभाजन की स्थिति को याद करते हुए मनोहर देव ने कहा कि हिंदुस्तान द्वारा सिंध प्रांत को पूरी तरह समर्पित कर दिया गया था। इसी शर्त पर हमें आजादी प्राप्त हुई। सिंध प्रांत की तत्कालीन परिस्थित का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि शिक्षा, व्यवसाय व आर्थिक रूप से हिंदु समुदाय ही मजबूत था। उस समय जमींदारों की अर्थव्यवस्था हिंदुओं के नियंत्रण में थी। पाकिस्तान में निवास करनेवाले सिंधी समुदाय ने ‘सूफी’ पंथ को स्वीकार किया था। इतिहास-संस्कृति अलग नहीं थी इसलिए सूफी पंथ को सहजता से स्वीकार किया गया। आरएसएस की जड़ें भी सिंध प्रांत में होने की बात कहते हुए उन्होंने बताया कि शहादत की गाथाएं, इतिहास और सिंधी बोली भी लुप्त होती जा रही है। विवेकानंद केंद्र से जुड़े मनोहर देव ने बताया कि 12 जनवरी को एमस्टरडम में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का शिलान्यास आयोजित किया गया है।
सिस्टम में बदलाव की आवश्यकता : उन्होंने तंज कसा कि मीडिया में भी पक्ष-विपक्ष है, निष्पक्ष कोई नहीं। मनोहर देव ने पुलिस, न्याय प्रणाली, चुनाव प्रक्रिया, प्रशासनिक व्यवस्था व नौकरशाही को रिफार्म करने की आवश्यकता जताई। सिस्टम में बदलाव की आवश्यकता जताते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों की फंडिंग पर नियंत्रण किया जाए तो 90 फीसदी समस्याएं दूर होंगी। राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतांत्रिक व्यवस्था विकसित होना जरूरी है। भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए सिस्टम को विकसित करने तथा इतिहास को भी दुरुस्त करने की आवश्यकता पर बल दिया।
विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारतपूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गांधी व डॉ मनमोहन सिंह द्वारा देश के विकास में भागीदारी को आधारभूत करार देते हुए मनोहर देव ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है तथा आगामी 4 वर्षों में विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत की हो सकती है। उन्होंने कहा की चीन का तेजी से विकास हुआ है लेकिन कछुआ चाल के बावजूद अब भारत चीन को पछाड़कर विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने भारत-यूनाइटेड अरब अमीरात के संबंधों पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यूएई को भारत की जरुरत है न कि भारत को यूएई की।
Created On :   11 Jan 2024 1:52 PM IST