नागपुर: विकास योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से ही होगा आदिवासियों का विकास - हुसैन

विकास योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से ही होगा आदिवासियों का विकास - हुसैन
  • शिक्षा से ही होगा आदिवासी समाज का उद्धार
  • घरकुल की राशि में हो बढ़ोतरी
  • स्थानीय स्तर पर हो समस्या का समाधान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार की विभिन्न आदिवासी विकास योजनाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य और घर के तीन बुनियादी पहलुओं पर जोर दिया गया है। जिले में आज भी अधिकांश आदिवासी ग्रामीण इलाकों और जंगलों के आसपास रहते हैं। उन्हें विकास की धारा में लाने शैक्षणिक सुविधाएं उनतक पहुंचानी चाहिए। विकास योजनाओं को अमली जामा पहनाने से ही आदिवासियों का विकास होगा। आदिवासी विभाग द्वारा जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई है, वे उस जिम्मेदारी को प्रभावी ढंग से निभाएं। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य जतोठु हुसैन ने जिला प्रशासन को सभी विभागों के साथ समन्वय बनाकर जिम्मेदारी से बचने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। अनुसूचित जनजाति विभाग के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक जिलाधीश कार्यालय स्थित बचत भवन में हुई। आयोग के सदस्य जतोठु हुसैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में जिलाधीश डॉ. विपिन इटनकर, आदिवासी विकास विभाग के अतिरिक्त आयुक्त रवींद्र ठाकरे, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौम्या शर्मा, पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार, आदिवासी विभाग के प्रकल्प अधिकारी नितिन इसोकर सहित सभी विभाग प्रमुख उपस्थित थे।

घरकुल की राशि में हो बढ़ोतरी

आदिवासी लोगों को उनके अधिकार का घरकुल मिले, इसलिए सरकार द्वारा शबरी घरकुल योजना चलाई जाती है। इसमें लाभार्थियों को घरकुल के काम के लिए 1 लाख 42 हजार रुपए दिए जाते हैं। इसमें पर्याप्त बढ़ोतरी के लिए अनुसूचित जनजाति आयोग सरकार को सूचित करेगा। इसी तरह अन्य सरकारी आश्रम शालाओं को भी एकलव्य आवासीय पब्लिक स्कूल की तर्ज पर परिवर्तित करने की जरूरत है। शिक्षा से ही आदिवासी समाज का अद्धार होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सरकारी तंत्र को एक लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए, ताकि आदिवासी बच्चे अन्य बच्चों की तरह इंजीनियर, डॉक्टर और अन्य क्षेत्रों में आगे आ सकें।

स्थानीय स्तर पर ही हो समस्या का समाधान

आदिवासियों की अधिकांश समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर सरकारी तंत्र के माध्यम से किया जा सकता है। इसके लिए तहसील स्तर की व्यवस्था को और अधिक जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए। उन्होंने यह सवाल भी किया कि जो लोग तहसील तक पहुंचने में सक्षम नहीं हैं वे जिला मुख्यालय और आयोग तक कैसे पहुंचेंगे। उन्होंने कृषि विकास, आदिवासी युवाओं को उद्योग धंधों के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से दी जाने वाली सब्सिडी, सरकारी नौकरियों में अवसरों के बारे में संबंधित विभाग से जानकारी ली। इस दाैरान डाॅ. चेतन कुमार मसराम, निताराम कुमरे ने आयोग के सदस्य जतोठु हुसैन को आदिवासियांे की समस्या से अवगत किया और न्याय की मांग की।

Created On :   30 July 2024 6:14 PM IST

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