कला: सांस्कृतिक आंदोलन को मिलेगी ताकत, आयोजन से कलाकारों का होगा संगम

सांस्कृतिक आंदोलन को मिलेगी ताकत, आयोजन से कलाकारों का होगा संगम
  • कला का आदान-प्रदान करने के लिए ‘नागपुरी कलाकार कट्टा’ शुरू
  • कलाकारों ने की चर्चा, याद आया धनवटे रंग मंदिर
  • विष्णुजी की रसोई के फर्स्ट फ्लोर पर नाटकों का कर सकेंगे रिहर्सल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। की कला के उत्थान के लिए गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विष्णुजी की रसोई में साहित्य, नाटक, चित्रकला जैसे कला के विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों का मेला लगा। धनवटे रंग मंदिर की यादों को ताजा करते हुए वरिष्ठ कलाकारों ने विश्वास व्यक्त किया कि ‘नागपुरी कलाकार कट्टा' की पहल पर नागपुर के सांस्कृतिक आंदोलन को ताकत मिलेगा। शहर के बिखरे हुए कलाकारों को एक साथ लाने, विचारों और कला का आदान-प्रदान करने और उन्हें अपनी कला प्रदर्शित करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से ‘नागपुरी कलाकार कट्टा' नामक संस्था ने अभिनव पहल की है। ‘नागपुरी कालकार कट्टा' का उद्घाटन 88 वर्षीय वरिष्ठ कलाकार मधुभाई जोशी और महेश पातुरकर ने किया। इससे पहले कलाकार स्व. अजीत दिवाडकर को श्रद्धांजलि दी गई।

नाटकों के लिए रिहर्सल की दूर होगी समस्या : शहर में कई थिएटर संगठन नाटकों का मंचन करते हैं, लेकिन उन्हें रिहर्सल करने की जगह नहीं मिलती। अब यह समस्या दूर हो जाएगी और विष्णुजी की रसोई के फर्स्ट फ्लोर पर नाटकों की रिहर्सल के लिए हॉल निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके अलावा इस मौके पर नरेश गाडेकर ने घोषणा की कि थिएटर कंपनियां विष्णुजी की रसोई परिसर की दीवारों पर अपने नाटकों के प्रचार पोस्टर भी लगा सकेंगी।

नए विचार सामने आएंगे : शेफ विष्णु मनोहर ने ‘नागपुर कलाकार कट्टा’ के निर्माण के पीछे की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि पहले धनवटे रंग मंदिर में कला के सभी क्षेत्रों के कलाकार आते थे, वे चर्चा करते थे, विचार व्यक्त करते थे। अब फिर एक बार नए विचार सामने आएंगे। रंग मंदिर के बंद होने के बाद नागपुर की कला पर गंभीर असर पड़ा। इसमें गिरावट देखी गई। श्याम पेठकर, नरेश गाडेकर, राजेश चिटनीस सभी सांस्कृतिक आंदोलन को मजबूत करने के उद्देश्य से ‘कट्टा’ शुरू करने के लिए एक साथ आए हैं।

हर महीने रविवार को साथ होंगे : मधुभाई जोशी ने पुरानी यादें और महेश पातुरकर ने धनवटे रंग मंदिर की यादें ताजा कीं। उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि उस समय के कई चेहरे आज मौजूद हैं। ‘नागपुरी कलाकार कट्टा’ के माध्यम से गायन, संगीत और साहित्य के क्षेत्र के कलाकारों का एक सुंदर संगम यहां देखा जा सकता है। इसके बाद देवेंद्र दोडके ने स्व रचित नाटक ‘बंधन' का वाचन किया। संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन विजय जथे ने किया। ‘नागपुरी कलाकार कट्टा’ पर सभी कलाकार हर महीने एक रविवार को एक साथ आएंगे। अगला कट्टा 4 अगस्त को आयोजित किया जाएगा। नागपुर के कलाकारों से बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की गई है।


Created On :   23 July 2024 11:22 AM GMT

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