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शिक्षा का हाल: पुराने पर ध्यान नहीं, नए 130 स्कूलों को डिजिटल बनाने का प्रस्ताव
- जो स्कूल डिजिटल हुए, उनकी समीक्षा करने की अधिकारियों के पास फुर्सत तक नहीं
- गुणवत्ता सुधार पर कम, शैक्षणिक सामग्री खरीदने पर फोकस ज्यादा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद स्कूलों में घटती विद्यार्थी संख्या को रोकने के लिए शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार अपेक्षित है। जिला परिषद का शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने पर कम और शैक्षणिक सामग्री खरीदी पर ज्यादा फोकस दिया जा रहा है। 7 साल पूर्व खरीदे गए डिजिटल इंटरेक्टिव बोर्ड का पूरी तरह उपयोग नहीं हो रहा है। अब 130 स्कूलों के डिजिटाइजेशन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। खरीदी गई शैक्षणिक सामग्री का विद्यार्थियों के लिए उपयोग हो रहा है या नहीं, इसकी समीक्षा करने के लिए विभाग के अधिकारी और पदाधिकारियों के पास फुर्सत नहीं है।
पुराने बोर्ड इंस्टालेशन के लिए निधि का प्रस्ताव : वित्तीय वर्ष 2016-2017 में सेस फंड से 45 लाख रुपए खर्च कर 101 डिजिटल इंटरेक्टिव बोर्ड खरीदे गए। उसमें से 20 के आसपास डिजिटल बोर्ड अभी तक इंस्टॉल ही नहीं हुए। सप्लायर ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर पूरी रकम प्राप्त कर ली। जो डिजिटल इंटरेक्शन बोर्ड पड़े हैं, उसका इंस्टालेशन करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। स्कूलों में पड़े डिजिटल इंटरेक्शन बोर्ड के इंस्टॉलेशन के लिए जिप के बजट में निधि की मांग का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
डिजिटल स्कूल के लिए निधि की मांग : जिप के शिक्षा विभाग ने 130 स्कूलों के डिजिटइजेशन का प्रस्ताव तैयार किया है। राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्र विकास के लिए विविध योजनाएं चलाती है। उनमें से स्कूलों के डिजिटाइजेशन के लिए निधि की मांग की जाएगी। इससे पहले भी स्कूलों का डिजिटाइजेशन के लिए खनिज विकास प्रतिष्ठान से 2 करोड़ रुपए निधि उपलब्ध कराने का जिलाधिकारी को प्रस्ताव भेजा गया था। उसे मंजूरी नहीं दी गई। निधि मंजूर होने पर 70 से 80 स्कूलों के डिजिटाइजेशन का नियोजन था। अब नए सिरे से प्रस्ताव तैयार किया गया है।
Created On :   30 Dec 2023 8:52 AM GMT