Nagpur News: सड़कों पर मिले इन मासूमों को अपनों का इंतजार, लावारिस अवस्था में मिले

सड़कों पर मिले इन मासूमों को अपनों का इंतजार, लावारिस अवस्था में मिले
  • परिजनों के नहीं पहुंचने पर दिए जाते हैं गोद
  • लावारिस अवस्था में मिले

Nagpur News. मासूम जिंदगियां सड़कों पर क्यों मिलती हैं, क्या मजबूरियां होती है। कुछ बच्चे घर से भाग जाते हैं या कुछ को घर से भगा दिया जाता है। ऐसे बच्चों को सुरक्षित परिवार की जरूरत है। इन संघर्षरत बच्चों की अलग-अलग कहानियां होती हैं। इन्हें जहां खाने को जाे मिल जाए उससे पेट भरना और जहां नींद आए वहीं पर सो जाना। यही बच्चों की दिनचर्या होती है। ऐसे हालातों से जूझते 7 मासूम बाल कल्याण समिति को मिले हैं, जिन्हें अपनों का इंतजार है।

चार सगे भाई-बहन पहुंचे अनाथालय

राजवीर (13), प्रगति (10), तेजस्विनी (8) व खुशी (5) ये चारों बच्चे शैलेश प्रजापति के बच्चे हैं। एक ही परिवार के चारों सगे बहन-भाई आखिर कैसे भटके, यह बड़ा सवाल है। 13 दिसंबर 2022 को ये यवतमात के जयविजय चौक में मिले थे। लावारिस अवस्था में होने के कारण किसी ने बाल कल्याण समिति को जानकारी दी। पुलिस के सहयोग से समिति के आदेशानुसार उन बच्चों को नागपुर के श्रद्धानंद अनाथालय में रखा गया। बाद में राजवीर को शासकीय बालगृह में रखा गया। समिति और अनाथालय ने बच्चों के परिजनों का पता लगाने की कोशिश की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। प्रयास जारी है। अधिकारी वर्ग खुद आश्चर्य में है कि एक ही परिवार के 4 बच्चे आखिर सड़कों तक कैसे पहुंचे।

लावारिस अवस्था में मिले

नागपुर के बड़ा ताजबाग परिसर में लावारिस अवस्था में दो मासूम बहन-भाई शाहरुख शेर खान (6) व सितारा शेर खान (9) 25 सितंबर 2023 को मिले थे। बाल कल्याण समिति ने उन्हें श्रद्धानंद अनाथाश्रम में रखा। बाद में शाहरुख खान को कामठी के विवेकानंद बालसदन में रखा गया। 28 अगस्त 2023 को उमरेड पुलिस को एक मासूम बच्ची सिद्धि कठरे लावारिस अवस्था में मिली। बाल कल्याण समिति ने इस बालिका को एक संस्था में रखा है। बाल कल्याण समिति के पास पहुंचने पर इन बच्चों की परवरिश की जाती है। उनका समुपदेशन, शिक्षा, रहना, भोजन आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। समिति बच्चों के माता-पिता, परिजन व रिश्तेदारों की खोजबीन करती है। 25 फीसदी मामलों में मासूमों के परिजनों व रिश्तेदारों का पता नहीं लगता।

यहां संपर्क कर सकते हैं

इन बच्चों के पुनर्वसन व पालन-पोषण की जिम्मेदारी महिला व बाल विकास विभाग द्वारा उठाई जा रही है। विभाग अंतर्गत बालरक्षक सेवारत हैं। इन बच्चों के परिजनों व रिश्तेदारों को तुरंत संपर्क करने को कहा गया है। जिला महिला व बाल विकास अधिकारी रणजीत कुरहे व जिला बाल संरक्षण अधिकारी मुश्ताक पठान से प्रशासकीय इमारत क्रमांक दो छठवां माला, सिविल लाइन नागपुर से संपर्क किया जा सकता है। इसके लिए 15 दिन का समय दिया गया है। अन्यथा केंद्रीय दत्तक प्राधिकरण के नियमानुसार आगे गोद देने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। मुश्ताक पठान ने कहा कि इन मासूम बच्चों को गोद लेने वाले इच्छुक भी संपर्क कर सकते हैं। सालाना लगभग 400 ऐसे बच्चे मिलते हैं। इनमें से 75 फीसदी को लेने परिजन आते हैं, जबकि 25 फीसदी बच्चे परिवार के इंतजार में रहते हैं।

Created On :   1 March 2025 8:23 PM IST

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