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अवहेलना: सरकार का आदेश-किसानों का सिबिल मत देखो, बैंक मानने को तैयार नहीं
- सिबिल देखने के बाद दिया जा रहा कर्ज
- बैंकों के चक्कर लगाने को मजबूर हुए किसान
- सरकार के आदेश के बावजूद बैंक अपने नियम पर अड़ी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने फसल कर्ज देते समय किसानों का सिबिल नहीं देखने का आदेश दिया है, लेकिन राष्ट्रीयकृत बैंक सरकार का आदेश मानने को तैयार नहीं है। बैंकों का रुख स्पष्ट है कि सिबिल देखने के बाद जिनका बैंकिंग ट्रैक अच्छा है, उन्हें ही कर्ज दिया जाएगा।
आरबीआई का आदेश नहीं : राज्य सरकार ने संकट में फंसे किसानों को राहत देने के उद्देश्य से बिना सिबिल देखे फसल कर्ज देने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने शिखर बैंक की अगुवाई वाली महाराष्ट्र स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी को यह आदेश दिया है। राष्ट्रीयकृत बैंक रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देश पर काम करती हैं। आरबीआई ने इस बारे में अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया है। बैंक का स्पष्ट मानना है कि सिबिल जांचे बिना कर्ज देने का आदेश आरबीआई को देना चाहिए। जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि बगैर सिबिल देखे किसानों को कर्ज देने संबंधी राज्य सरकार का अादेश गुरुवार शाम तक जिला प्रशासन को प्राप्त नहीं हुआ। आदेश प्राप्त होने के बाद जिला अग्रणी बैंक के प्रबंधक को इस दिशा में कदम उठाने को कहा जाएगा।
नवंबर 23 के बाद किसानों को नहीं मिली क्षतिपूर्ति : गीले व सूखे अकाल का सामना कर रहे जिले के किसानों को नवंबर 2023 के बाद सरकार की तरफ से कोई क्षतिपूर्ति नहीं मिल सकी है। पीड़ित किसानों को सरकार की तरफ से आखिरी मदद नवंबर 2023 को मिली। इसके बाद कई बार बेमौसम बारिश हुई आैर फसल बर्बाद हो गई। प्रशासन ने समय-समय पर पंचनामें तैयार कर रिपोर्ट सरकार को भेजा है। पीड़ित किसान सरकार से मदद का इतंजार कर रहे हैं।
Created On :   28 Jun 2024 6:14 AM GMT