आरोप: सुरजागढ़ स्टील परियोजना के भूमिपूजन को लेकर विपक्ष ने उठाया सवाल

सुरजागढ़ स्टील परियोजना के भूमिपूजन को लेकर विपक्ष ने उठाया सवाल
  • विजय वडेट्‌टीवार ने पूछा-पर्यावरण विभाग मंजूरी न दे तो कौन जिम्मेदार रहेगा
  • डीसीएम देवेंद्र फडणवीस व अजित पवार ने किया है भूमिपूजन
  • 10 हजार करोड़ का निवेश अनुमानित

डिजिटल डेस्क , नागपुर। सुरजागढ़ स्टील परियोजना के भूमिपूजन को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्‌टीवार ने कहा है कि इनवायरमेट डिपार्टमेंट अर्थात पर्यावरण विभाग की मंजूरी मिलने के बिना ही परियोजना का भूमिपूजन कर दिया गया है। चुनाव में बाद पर्यावरण विभाग मंजूरी न दें तो यह परियोजना अटक जाएगी। फिलहाल परियोजना को भूमिपूजन जनता के साथ धोखाधड़ी समान है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया गया है।

शुक्रवार को वडेट्‌टीवार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है-किसी भी परियोजना को स्थापित करने के पहले पर्यावरण विभाग की मंजूरी व जनसुनवाई की जाती है। लेकिन यहां मंजूरी नहीं ली गई है। पर्यावरण विभाग मंजूरी न दे तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। वडेट़टीवार ने लिखा है- लोकसभा चुनाव में गडचिरोली में करारी हार से महायुति को झटका लगा है। ढाई साल तक सरकार चलाते समय उन्हें गडचिरोली की याद नहीं आयी। अब विधानसभा चुनाव के पहले विकास कार्यो का दिखावा किया जा रहा है।

क्या है मामला : गडचिरोली की अहेरी तहसील के वडलापेठ में सुरजागढ़ स्टील परियोजना का भूमिपूजन बुधवार 17 जुलाई को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, उद्योग मंत्री उदय सामंत की उपस्थिति में हुआ। परियोजना के लिए खाद्य व प्रशासन मंत्री धर्मराव बाबा आत्राम ने की है। दावा किया गया है कि 10 हजार करोड की लागत की इस परियोजना से 7 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। परियोजना के लिए मंत्री आत्राम ने 250 एकड़ जमीन दान देने की घोषणा की है। इस परियोजना के भूमिपूजन के बाद से ही विपक्ष की ओर से विविध आरोप लगाए जाने लगे है। कांग्रेस के गडचिरोली जिला अध्यक्ष महेंद्र ब्राम्हणवाडे ने तो परियोजना के लिए जमीन खरीदी को लेकर भी सवाल उठाए हैं। ब्राम्हणवाडे ने पूछा है-मंत्री ने जमीन दान दी या कंपनी ने जमीन खरीदी, इस संबंध में स्थिति साफ करना चाहिए। यह भी कहा गया है कि सुरजागड इस्पात प्रा.लिमिटेड कंपनी एक साल पुरानी है। किसी नई कंपनी को इतनी बड़ी परियोजना का काम नहीं दिया जा सकता है।

Created On :   19 July 2024 10:44 AM GMT

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