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कोर्ट-कचहरी: दो लोगों को कुचलने के मामले में रितु मालू को कोर्ट से लगा झटका , अग्रिम जमानत याचिका खारिज
- नशे में रामझूले पर दो लाेगों को कार से कुचला
- जांच में गुमराह करने का आरोप
- टीम को जांच में सहयोग भी नहीं कर रही
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नशे में तेजी से कार चलाकर दो लोगों को कुचलने के मामले में आरोपी रितिका उर्फ रितु दिनेश मालू की अग्रिम जमानत याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने खारिज कर दी। कोर्ट ने आदेश में कहा कि जांच के दौरान रितु मालू के आचरण से पता चलता है कि उन्होंने न केवल जांच को भटकाने का प्रयास किया, बल्कि जांच एजेंसी को सहयोग भी नहीं किया। ऐसे में मालू अग्रिम जमानत देने के माध्यम से किसी भी राहत की हकदार नहीं हैं। न्या. उर्मिला जोशी-फलके ने बुधवार को यह फैसला दिया है।
यह है मामला : आरोपी कार चालक रितु मालू घटना के दिन 24 फरवरी की रात माधुरी शिशिर सारडा (37), वर्धमान नगर निवासी के साथ सीपी क्लब से निकलीं। उस दौरान दोनों शराब के नशे में थीं। कार रितु चला रही थीं। जयस्तंभ चौक से मेयो अस्पताल चौक की तरफ जाते समय रितु ने अपनी मर्सडिज कार (एम.एच.-49-ए.एस.-6111) से दोपहिया वाहन (एम.एच.-37-क्यू.-2948) को टक्कर मारी। हादसे के दौरान कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि दोपहिया वाहन पर सवार मो. हुसैन गुलाम मुस्तफा (34), नालसाहब चौक और मो. आतीक मो. जिया (32), अवस्थी नगर गेंद की तरह उछले और गिरने से उनकी मौत हो गई।
कोर्ट ने क्या कहा : रितु मालू की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एक विवेकशील व्यक्ति शराब के नशे में वाहन नहीं चलाएगा। सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि रितु मालू ने जिस तरह से कार चलाई है, उससे दो लोगों की मौत हुई है, जिसके लिए उसका ज्ञान जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। शराब पीने के बाद स्टीयरिंग व्हील पर बैठना, कार को तेजी और लापरवाही से चलाने का उसको ज्ञान था, यह कहा जा सकता है। भारतीय दंड कानून के तहत, उसका यह ज्ञान उसकी मनःस्थिति को दर्शाता है।
अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था: इस मामले में पहले तहसील पुलिस ने घातक दुर्घटना का मामला दर्ज कर रितु को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया, लेकिन बाद में उनके खिलाफ सदोष मनुष्यवध का मामला दर्ज किया गया। इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए रितु ने न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर की थी। जिला व सत्र न्यायालय ने रितु की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसलिए रितु मालू ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर की। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था। मालू की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ सुनील मनोहर और एड. प्रकाश जयस्वाल ने पैरवी की। राज्य सरकार की आेर से मुख्य सरकारी वकील देवेन चौहान ने पक्ष रखा।
Created On :   27 Jun 2024 11:27 AM IST