नाराजगी: वैधानिक विकास मंडल को लेकर अदालत सख्त , 2 साल से मामला लटकाने पर लगाई फटकार

वैधानिक विकास मंडल को लेकर अदालत सख्त , 2 साल से मामला लटकाने पर लगाई फटकार
  • केंद्र के रवैये से नाराज, कहा-यह आखिरी मौका
  • प्रस्ताव पर 26 जून तक लें फैसला
  • 2 साल से प्रस्ताव सरकार के पास लंबित

डिजिटल डेस्क , नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने केंद्र सरकार को आखिरी मौका देते हुए वैधानिक विकास मंडल का गठन करने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर फैसला लेने के आदेश दिए थे। इसके बाद भी केंद्र सरकार द्वारा अब तक कोई भी फैसला नहीं लिया गया। इस मामले पर बुधवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव के चलते लागू आचार संहिता का कारण आगे किया। केंद्र सरकार के इस रवैये पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने यह सवाल किया कि, आचार संहिता तो अब लागू हुई है, लेकिन पिछले 2 साल से यह प्रस्ताव सरकार के पास प्रलंबित है उसका क्या? साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए 26 जून तक का समय दिया है।

कोर्ट ने अल्टीमेटम दिया था : नागपुर खंडपीठ में स्वतंत्र विदर्भ समर्थक नितीन रोंघे और विदर्भ विकास मंडल के पूर्व सदस्य डॉ. कपिल चंद्रायण द्वारा जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका के अनुसार, राज्यपाल के पास संविधान के अनुच्छेद 371 (2) के तहत वैधानिक विकास मंडल गठित करने का विशेष अधिकार है। इस बीच, याचिका में कहा गया है कि राज्य कैबिनेट से निर्देश नहीं मिलने के कारण विकास मंडल का मामला रुका हुआ है। इसलिए कोर्ट ने राज्य सरकार को वैधानिक विकास मंडल की स्थापना के लिए एक कार्यक्रम प्रस्तुत करने का अल्टीमेटम दिया था।

4 सप्ताह का दिया था समय : कोर्ट के आदेश बाद राज्य सरकार ने सितंबर 2022 में कैबिनेट में वैधानिक विकास मंडल की स्थापना का प्रस्ताव तैयार कर लिया और यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार को आखिरी मौका देते हुए वैधानिक विकास मंडल का गठन करने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर चार सप्ताह में निर्णय लेने के आदेश दिया था। विशेष बात यह है कि, इस बारे में राज्यपाल ने खुद दो बार केंद्र सरकार को स्मरण-पत्र भेजा है। मामले पर बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. फिरदौस मिर्जा, एड. अक्षय सुदामे और केंद्र सरकार की ओर से एड. नंदेश देशपांडे ने पैरवी की।

केंद्र ने कहा प्रस्ताव विचाराधीन : अपना पक्ष रखते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि, वैधानिक विकास मंडल के गठन का प्रस्ताव विचाराधीन है। कैबिनेट में यह प्रस्ताव रखा जाएगा। फिलहाल आचार संहिता के कारण कैबिनेट की बैठक नहीं ली जा सकती है। चुनाव कामकाज खत्म होने के बाद ही प्रस्ताव पर फैसला लिया जाएगा।

Created On :   18 April 2024 1:19 PM IST

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