अनदेखी: 34 थाने, 900 वाहन 50% पर भरोसा नहीं , खटारा वाहनों से पहरेदारी की कोशिश

34 थाने, 900 वाहन 50% पर भरोसा नहीं , खटारा वाहनों से पहरेदारी की कोशिश
  • दोपहिया पर थानेदार व्यवस्था ही लाचार
  • जरूरी है चुनावी जांच -पड़ताल
  • हांफ रहे हाईटेक पुलिस के वाहन

अभय यादव , नागपुर । चुनाव माहौल में शहर की हाईटेक पुलिस परेशान है। कारण, वाहन की दिक्कते हैं। सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है कि थानेदार स्तर के अधिकारी को दोपहिया वाहन से दौड़ लगानी पड़ रही है। जानकारी के अनुसार, शहर में अब 34 थाने हो चुके हैं, जिसमें 900 से अधिक वाहन हैं। इनमें दोपहिया और चारपहिया वाहनों का समावेश है। प्रत्येक थाने में 2 से अधिक चारपहिया वाहन दिए गए हैं। प्रत्येक थाने में सीआर मोबाइल दी गई है। शहर के आधा दर्जन से अधिक थाने के थानेदारों को सीआर मोबाइल का ही सहारा है।

शिकायत करें किससे : सूत्रों के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक पुलिस वाहनों की स्थिति मजबूत नहीं है। कुछ थानेदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके थाने में थानेदार को िदए गए वाहन सहित 2-3 वाहन खराब हो गए हैं। कुछ थानों के वाहन तो रख-रखाव के अभाव में खटारा हो चुके हैं। कई बार इन खटारा वाहनों पर ही सवार होना पड़ता है।

शिकायत का फायदा नहीं : लोकसभा का चुनाव सिर पर है। थानेदार हैरान हैं कि अगर उनके थाने के खराब वाहनों को दुरुस्त नहीं किया गया तो वह कैसे अपने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी रख सकेंगे। शहर के आधा दर्जन से अधिक थानों में थानेदारों सहित 2-3 वाहनों की खराबी के बारे में शहर पुलिस विभाग के परिवहन (एमटीओ) विभाग के संबंधित अधिकारी और कर्मचारी भी इस मुद्दे पर मौन धारण कर लिया। उत्तर नागपुर सहित शहर के अन्य थानेदारों की मानें तो खटारा और खराब वाहनों के बारे में शिकायत करने का भी कोई फायदा नहीं होता है। एमटीओ विभाग की अपनी ही कथनी और करनी है।

काम तो करना है : थानेदारों का कहना है कि काम तो करना है। एमटीओ की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह शहर के सभी थानों को दिए गए वाहनों के रख-रखाव का ध्यान रखें। एमटीओ के अधिकारी युवराज ठाकुर ने इस समस्या पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। शहर के आधा दर्जन से अधिक थाने में वरिष्ठ थानेदारों के सामने यह समस्या है। वह चाहते हैं कि खटारा और बेकार हुए चार पहिया वाहनों को दुरुस्त कर दिया जाए, ताकि काम और बेहतर हो सके। एमटीओ को सभी थानों को दिए गए वाहनों की हर माह प्राथमिक स्तर पर जांच करानी चाहिए। चर्चा यह भी हो रही है कि एमटीओ शहर में वीआईपी के दौरे में वाहनों को सुसज्ज रखने के चक्कर में शहर के थानों के वाहनों के रख-रखाव की ओर पूरी तरह ध्यान नहीं दे पाते हैं। कहने को शहर के 34 थानों में 100 से अधिक चारपहिया वाहन दिए गए हैं, लेकिन रख-रखाव के आभाव में शहर के आधा दर्जन से अधिक थानों में वाहन अब दम तोड़ने लगे हैं।

बीट मार्शलों के पास 400 से अधिक दोपहिया वाहन : सूत्रों के अनुसार, शहर के सभी थानों में बीट मार्शलों के पास 400 से अधिक दोपहिया वाहन हैं, इनकी भी स्थिति चार पहिया वाहनों जैसे हो गई है। उनकी दुरुस्ती कई बीट मार्शल अपने खर्च से करके चला रहे हैं। ऐसी ही स्थिति चार पहिया वाहन चालकों की है। प्रत्येक पुलिस थाने में एमटीओ (पुलिस मोटर वाहन तकनीक विभाग) के माध्यम से वाहन दिए गए हैं। अपराध की जांच करने, गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश करने के लिए भी थानेदारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

पुलिस की बाइक स्टार्ट ही नहीं हो पाती : पुलिस थाने में पुराने वाहनों की भरमार है, जिनको दुरुस्त करके काम लिया जा रहा है। शहर के थाना क्षेत्र में कानून व सुव्यवस्था की जानकारी के लिए वरिष्ठ पुलिस निरीक्षकों को पीटर वाहन दिया गया है, जिसे कंट्रोल रुम और थाने से अटैच किया गया है। कुछ बीट मार्शलों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कई बार तो उन्हें भी खुद के वाहन से मौके पर जाना पडता है, क्योंकि पुलिस की बाइक स्टार्ट ही नहीं हो पाती है।

Created On :   16 April 2024 10:41 AM IST

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