बारिश में संक्रमण: 5520 मरीज बुखार से पीड़ित पाए गए, 138 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे

5520 मरीज बुखार से पीड़ित पाए गए, 138 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे
  • डेंगू-चिकनगुनिया से लोग बेहाल
  • 19,408 स्थानों पर लार्वा मिले
  • उपाय योजना पर दिया जा रहा जोर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में चिकनगुनिया व डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है। नागपुर महानगर पालिका और जिला परिषद प्रशासन द्वारा बरसाती बीमारियों को रोकने के लिए विविध उपाय योजनाआें का दावा किया जा रहा है। बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों में पिछले महीना भर में डेढ़ गुना मरीज बढ़े हैं। बढ़े हुए मरीजों में 70 फीसदी में चिकनगुनिया व डेंगू के लक्षण पाए गए हैं। यह मरीज संदिग्ध थे, उपचार के बाद स्वस्थ हो रहे हैं। इन मरीजों में सर्दी, खांसी, बुखार, बदनदर्द, जोड़ों का दर्द, बुखार कम-ज्यादा होना, गैस्ट्रो आदि की शिकायतें पाई गईं हैं।

बढ़े हुए 1250 में से 875 को मौसमी बीमारियां : जून महीने में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) की ओपीडी में हर रोज अौसत 2500 मरीज आते थे। 25 दिन ओपीडी शुरू रहती है। इस हिसाब से जून में कुल 62,500 मरीज ओपीडी में पहुंचे थे। वहीं जुलाई महीने में यह संख्या डेढ़ गुना हुई है। यानी हर रोज ओपीडी में औसत 3750 मरीज आते थे। 1250 बढ़े हुए मरीजों में 70 फीसदी यानी 875 मरीजों में मौसम के कारण होनेवाली वायरल बीमारियां पाई जा रही हैं। इन मरीजों में सामान्य लक्षण दिखाई दिये हैं। यह लक्षण चिकनगुनिया व डेंगू के मरीजों जैसे होने से उन्हें संदिग्ध मानकर उपचार किया गया। हालांकि उनमें इन बीमारियों की पुष्टि नहीं हुई।

महानगरपालिका की ओर से डेंगू और चिकनगुनिया के संक्रमण को राेकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। जोन स्तर पर आशा स्वयंसेविकाओं की ओर से अब तक 1 लाख 22 हजार 369 घरांे का सर्वे किया गया है। मनपा प्रशासन ने अब तक 4 लाख 94 हजार 995 नागरिकों तक आशा वर्कर्स के पहुंचने का दावा किया है। सर्वेक्षण में करीब 5520 बुखार के मरीज पाए गए। 138 मरीजों के रक्त नमूने को जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर पर ही डेंगू अथवा चिकुनगुनिया की पुष्टि हो पाएगी।

दवा का हुआ छिड़काव: बरसात में कीटजन्य बीमारियों का संक्रमण रोकने के लिए उपाय योजना करने को लेकर आशा स्वयंसेविकाओं द्वारा सर्वेक्षण किया जा रहा है। सोमवार तक आशा स्वयंसेविकाएं 1 लाख 22 हजार 369 घरों के 4 लाख 94 हजार 995 नागरिकों तक पहुंची हैं। 19,408 स्थानों पर लार्वा पाया गया है। सोमवार तक 10 जोन में घरांे के सर्वेक्षण में 19408 दूषित जल जमाव के बर्तनों समेत अन्य स्थान पाए गए। इसमें से 4885 कूलर, 4229 टायर, 4154 गमले, 2187 ड्रम, 1055 मटके, 727 पक्षी एवं जानवरों के बर्तन समेत 1350 अन्य बर्तनों में डेंगू के लार्वा मिले। लार्वा वाले इलाकों में दवा का छिड़काव कर सूखा रखने के निर्देश दिए गए हैं।

Created On :   6 Aug 2024 8:24 AM GMT

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