कोर्ट-कचहरी: एनडीसीसी बैंक घोटाला मामला, सजा पर रोक लगाने की गुहार, कोर्ट पहुंचे केदार

एनडीसीसी बैंक घोटाला मामला, सजा पर रोक लगाने की गुहार, कोर्ट पहुंचे केदार
  • नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर
  • कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया
  • जून महीने में सुनवाई होगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एनडीसीसी बैंक घोटाले के दोषी एवं बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष तथा पूर्व मंत्री सुनील केदार ने घोटाले में हुए सजा पर रोक लगाने की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है। इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए हैं।

एनडीसीसी बैंक के 170 करोड़ रुपए घोटाले के मामले में अतिरिक्त मुख्य न्याय दंडाधिकारी ने 22 दिसंबर 2023 को बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष सुनील केदार, बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चौधरी, रोखे दलाल केतन सेठ, अमित वर्मा, सुबोध भंडारी और नंदकिशोर त्रिवेदी को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा और 12.50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। इस फैसले को सत्र न्यायालय में चुनौती देते हुए केदार सहित अन्य दोषियाें ने जमानत की मांग की थी। कोर्ट ने सबसे पहले सुनील केदार की जमानत अर्जी नामंजूर की थी, लेकिन बाॅम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने केदार की जमानत मंजूर की। अब सुनील केदार ने सजा पर रोक लगाने की मांग करते हुए नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है। केदार की ओर से एड. विराट मिश्रा और एड. आयुष शर्मा ने पैरवी की। इस मामले में गर्मी की छुट्टियों के बाद जून महीने में सुनवाई होगी।

इसलिए केदार ने दायर की अर्जी : जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत दो साल से ज्यादा सजा होने पर विधायक और सांसद की सदस्यता रद्द करने का प्रावधान है। केदार की विधायिकी रद्द कर दी गई है, क्योंकि उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई है। नियमों के मुताबिक वे अगले छह साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इस साल राज्य में अक्टूबर या नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। अगर उनकी सजा रोक लगाई जाती है तो उन्हें अपनी विधायिकी सीट वापस मिल जाएगी और वह चुनाव भी लड़ सकेंगे। इसलिए केदार ने अर्जी दायर करते हुए सजा पर रोक लगाने की कोर्ट से मांग की है।

मैट जज की नियुक्ति पर निर्णय लें : बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (मैट) में न्यायिक और प्रशासनिक सदस्यों के रिक्त पदों को भरने पर दो महीने के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है। नागपुर खंडपीठ में एड. राहुल शिरालकर ने यह जनहित याचिका दायर की है। मामले पर न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने कोर्ट में जानकारी दी कि, मैट में न्यायिक और प्रशासनिक सदस्यों के रिक्त पदों को भरने के लिए 14 मार्च, 2024 को केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा गया है। साथ ही कोर्ट का ध्यान आकर्षित करते हुए यह भी बताया गया कि मैट की नागपुर पीठ में प्रशासनिक सदस्यों न होने के कारण दो न्यायाधीशों की पीठ का कामकाज बंद है। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार को मैट जज के नियुक्ति पर दो महिने के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया। साथ ही प्रस्ताव पर क्या निर्णय लिया गया। इसकी जानकारी 10 जुलाई को कोर्ट में पेश करने को कहा है।

Created On :   15 May 2024 9:47 AM GMT

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