सफलता: बैंक खाते से गायब हुए 2 करोड़ 48 लाख 69 हजार रुपए में से 1.7 करोड़ वापस मिले

बैंक खाते से गायब हुए 2 करोड़ 48 लाख 69 हजार रुपए में से 1.7 करोड़ वापस मिले
  • साइबर पुलिस के प्रयास से मिले 1.7 करोड़
  • बाकी रकम भी न्यायालय के आदेश पर जल्द मिलने की उम्मीद
  • अपराध की रोकथाम के लिए साइबर पुलिस का निरंतर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में बढ़ते अपराध की रोकथाम के लिए साइबर पुलिस का निरंतर प्रयास जारी है। शहर के एक वृद्ध कारोबारी के चेहरे पर मुस्कान लौट आई, जब उन्हें 1 करोड़ 7 लाख रुपए न्यायालय के आदेश पर साइबर पुलिस ने वापस लौटाए। उनके साथ करीब 2 करोड़ 48 लाख 69 हजार रुपए की ठगी हुई थी। बाकी रकम भी न्यायालय के आदेश पर साइबर पुलिस जल्द लौटाएगी। इस संबंध में कुछ कानूनी प्रक्रिया बाकी है। इस मामले में साइबर पुलिस ने चार आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है, जिसमें दो आरोपी आगरा (उत्तरप्रदेश) और दो आरोपी दिल्ली निवासी हैं। चारों आरोपी न्यायिक हिरासत के तहत नागपुर की सेंट्रल जेल पहुंच चुके हैं। दरअसल 78 वर्षीय वयोवृद्ध कारोबारी कैनाल रोड, रामदासपेठ निवासी मोती दुलारामानी के साथ 11 नवंबर 2023 से 8 जनवरी 2024 के दौरान साइबर अारोपी मनोज प्रतापचंद बंसल (50) सिकंदारा आगरा (उ.प्र.), राजेशकुमार सियाराम गोयल (57) गाजियाबाद (उ.प्र.), तुषार संजयकुमार गर्ग (30) और विकास किसनकुमार बंसल (52) नई दिल्ली निवासी ने धोखाधड़ी की।

आरोपियों ने खुद ही खोला था पीड़ित का फर्जी डीमैट अकाउंट : आराेपियों ने शेयर में निवेश करने का झांसा देकर उनका फर्जी डीमैट अकाउंट खोला। फर्जी लिंक से विविध कंपनी के शेयर्स खरीदी - बिक्री कराया। आरोपियों ने कारोबारी से अलग- अलग बैंक खाते में करीब 2 करोड़ 75 लाख रुपए जमा करा लिया। इसके बाद उनका भरोसा हासिल करने के लिए 26 लाख 30 हजार रुपए वापस लौटाया, तो उन्हें आरोपियों पर भरोसा हो गया। आरोपियों ने इसके बाद कारोबारी को सीएचसी- एसईबी एप के डीमैट खाते में रिचार्ज करने के बहाने उनसे 2 करोड़ 48 लाख 69 हजार रुपए ले लिया। यह रकम लेने के बाद आरोपियों ने रुपए वापस नहीं किए। कारोबारी को तब ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने इसकी शिकायत साइबर पुलिस थाने में की। पुलिस निरीक्षक अमित डोलस ने वरिष्ठों के मार्गदर्शन में तत्काल जांच शुरू कर कारोबारी की ओर से विविध बैंक खाते में भेजी गई रकम को सबसे पहले फ्रीज करने के लिए संबंधित बैंकों को पत्र भेज दिया। इसके बाद बैंक खाते डेबिट फ्रिज कर दिए गए। पुलिस ने जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार किया। उनके बैंक खातों से करीब 1.7 करोड रुपए जब्त किए गए। इसके बाद न्यायालय के आदेश पर यह रकम पीड़ित कारोबारी को पुलिस द्वारा लौटाई गई। बाकी ठगी की रकम कारोबारी के खाते में जल्द जमा होगी। इस संबंध में न्यायालय ने आदेश दिया है।

बाकी रकम भी न्यायालय के आदेश पर जल्द मिलने की उम्मीद साइबर पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक अमित डोलस ने बताया कि 4 से 30 जुलाई 2023 को महेश राजेश्वर मानकर को अज्ञात व्यक्ति ने डोलो नामक एप डाउनलोड करने का मैसेज भेजा। इस एप में निवेश करने पर बड़ा लाभ होने का लालच दिया। महेश ने अज्ञात व्यक्ति के झांसे में आकर उसके विविध खाते में करीब 8 लाख 38 हजार 152 रुपए निवेश किए। जब महेश को कोई फायदा नहीं मिला तब उन्हें समझ आया कि उनके साथ ठगी की गई। उनकी शिकायत पर 3 अगस्त 2023 को साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने तत्काल उनकी रकम को फ्रीज करने की प्रक्रिया बैंक को पत्र भेजकर पूरी की, जिससे उनके बैंक खाते डेबिट फ्रीज कर दिए गए। आरोपी के बैंक खाते में जमा हुई पूरी रकम 8 लाख 39 हजार 152 रुपए न्यायालय के आदेश पर महेश मानकर को साइबर पुलिस ने दिलाए, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पुलिस निरीक्षक अमित डोलस के नेतृत्व में सहायक पुलिस निरीक्षक संदीप बागुल, एएसआई दत्तात्रय निनावे, हवलदार गजानन मोरे, अजर पवार, योगेश काकड, रोहित मटाले, सुशील चंगोले ने कार्रवाई की।

रकम गायब होने पर आह्वान : पुलिस निरीक्षक अमित डोलस ने नागरिकों से आह्वान किया है कि अगर इस तरीके से कोई धोखाधड़ी करे, तो जरा सी सावधानी बरतकर सबसे पहले 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराएं। इस दौरान अपने बैंक खाता संबंधी जानकारी और यूटीआर नंबर जरूर दर्ज कराएं, ताकि आपके खाते से भेजी गई रकम को पुलिस तत्काल फ्रीज करा सके, पश्चात रकम आपको मिल सकती है।

Created On :   11 July 2024 9:21 AM GMT

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