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Nagpur News: शिक्षण सचिव ने जानी शैक्षणिक गुणवत्ता की जमीनी हकीकत, विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाना ही लक्ष्य

- कम विद्यार्थी संख्या बेहद चिंतनीय
- कोई बड़ा कदम उठाने के कयास
Nagpur News. सरकारी तथा स्थानीय निकाय स्कूलों में विद्यार्थियों को विविध सुविधा देने पर भी विद्यार्थी संख्या तेजी से कम हो रही है। इसके पीछे सरकारी स्कूलाें का शैक्षणिक गुणवत्ता में पिछड़ जाना बड़ा कारण माना जा रहा है। शिक्षण सचिव रणजीत सिंह देओल ने सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता की जमीनी हकीकत जानने के लिए दो स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। नगरपरिषद हाईस्कूल कलमेश्वर और कुही तहसील के जिला परिषद उच्च प्राथमिक स्कूल पचखेड़ी में दस्तक देकर स्कूल विद्यार्थियों के साथ संवाद साधा। स्कूल में चलाए जा रहे उपक्रम तथा शैक्षणिक सामग्री का विद्यार्थियों की पढ़ाई में कितना उपयोग किया जा रहा है आदि जानकारी ली। पालकों के साथ भी संवाद साधकर फीडबैक लिया।
कम विद्यार्थी संख्या बेहद चिंतनीय
जिला परिषद के 1512 स्कूल हैं। इन स्कूलों की विद्यार्थी संख्या 70 हजार पार है। विद्यार्थियों को हर साल दो गणवेश, पाठ्यपुस्तक, शूज, सॉक्स दिए जाते हैं। पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन दिया जाता है। अनेक स्कूलों में डिजिटल क्लास रूम तैयार किए गए हैं। डिजिटल इंटरेक्टिव बोर्ड, एलईडी स्क्रीन लगाए गए हैं। पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध कराने वाटर फिल्टर सुविधा उपलब्ध की गई है। इतनी सारी सुविधा उपलब्ध कराने के बावजूद विद्यार्थी संख्या कम हो रही है। शिक्षा विभाग के सामने यह चिंता का विषय है।
कोई बड़ा कदम उठाने के कयास
शिक्षण सचिव ने स्कूलों का औचक निरीक्षण कर जमीनी हकीकत जानने के पीछे भविष्य में कोई बड़ा कदम उठाने के कयास लगाए जा रहे हैं। िवद्यार्थी और पालकों के साथ संवाद साधकर सभी से शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए सहयोग करने का आह्वान किया।
सरकारी स्कूलों का अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद
शिक्षा क्षेत्र में निजी स्कूलों का वर्चस्व बढ़ रहा है। सरकारी स्कूलों की विद्यार्थी संख्या तेजी से घट रही है। पालकों का निजी स्कूलों की ओर रुझान बढ़ने से सरकारी स्कूलों का अस्तित्व खतरे में आ गया है। उसे बचाने के लिए सरकारी स्तर पर जद्दोजहद शुरू हो गई है। सरकारी तथा स्थानीय निकाय संचालित स्कूलों में विविध सुविधा देने पर भी विद्यार्थी संख्या घटने से चिंता में पड़ गई सरकारी मशीनरी उसके पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए मैदान में उतरी है। उसी की कड़ी में शिक्षण सचिव देओल नागपुर जिले के दौरे पर आए हैं। उन्होंने दो स्कूलों में अचानक दस्तक देकर शैक्षणिक गुणवत्ता जांचने का प्रयास किया। दौरे में शिक्षण उपसंचालक दीपेंद्र लोखंडे, प्राथमिक शिक्षणाधिकारी सिद्धेश्वर कालुसे, कलमेश्वर के गटशिक्षणाधिकारी विशाल गौर, कुही के गटशिक्षणाधिकारी आशा गणवीर, समग्र शिक्षा विभाग के सहायक कार्यक्रम अधिकारी प्रमोद वानखेड़े, समग्र के कार्यकारी अभियंता राकेश वाघमारे, अभियंजा जयस्वाल, शिक्षण विस्तार अधिकारी अभिमान वंजारी, केंद्र प्रमुख महेंद्र धारगांवे आदि का समावेश रहा।
Created On :   16 Feb 2025 6:50 PM IST