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नागपुर: ओबीसी आयोग के सदस्य का इस्तीफा, आम सहमति नहीं बनने से नाराजगी
- किसी मुद्दे पर आम सहमति नहीं बनने से नाराज होने की खबर
- मराठा समाज के पिछड़ेपन को देखने के लिए मानक हुए तय
डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य ओबीसी आयोग की 1 दिसंबर को पुणे में बैठक हुई। बैठक के तुरंत बाद आयोग के सदस्य एड. सगर किल्लारीकर ने अपना इस्तीफा दे दिया। बैठक में किसी मुद्दे पर आम सहमति नहीं बनने से नाराज होकर इस्तीफा देने की खबर है। बैठक में मराठा समाज के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। मराठा समाज के पिछड़ेपन को देखने के लिए मानक भी फाइनल हुए।
घर-घर जाकर परिवार का सर्वे करने पर सहमति
मराठा समाज के पिछड़ेपन को देखने के लिए घर-घर जाकर सर्वे किया जाएगा। सर्वे के साथ ही इसका एनालिसिस भी किया जाएगा। यह सारा काम आेबीसी आयोग की निगरानी में होगा। मराठा समाज के व्यक्ति का सर्वे करने की बजाय परिवार का सर्वे करने पर बैठक में सहमति बनी। खबर है कि आयोग के एक सदस्य ने मराठा समाज की तरह अन्य जातियों का भी सर्वे करने की मांग की। इस मांग पर आम सहमति नहीं बनने की चर्चा है। इसी बात से नाराज होकर आयोग के सदस्य एड. सगर किल्लारीकर के इस्तीफा देने की खबर है। इस्तीफे के पीछे क्या कारण है, इस बारे में कोई बोलने को तैयार नहीं है। सर्वे की प्रश्नावली पर काम अंतिम चरण में है।
आयोग की निगरानी में ही सर्वे, निधि प्रस्ताव भेजा
मराठा समाज के सर्वे व एनालिसिस के काम के लिए शासकीय व निजी एजेंसियों की मदद ली जाएगी। फिलहाल पुणे के गोखले इंस्टिट्यूट की मदद लेने का निर्णय हुआ है। यह सारा काम ओबीसी आयोग की निगरानी में ही होगा। बैठक में सर्वे के लिए मनुष्यबल व संसाधनों के लिए निधि का मुद्दा उठा। आयोग ने निधि देने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है।
आयोग में अब 2 सदस्य कम
आयोग में अध्यक्ष समेत कुल 10 सदस्य होते हैं। गत माह यशवंतराव चव्हाण मुक्त विद्यापीठ नाशिक के कुलगुरु डा. संजीव सोनवणे ने सदस्य पद से इस्तीफा दिया था। शुक्रवार 1 दिसंबर को आयोग के सदस्य एड. किल्लारीकर ने इस्तीफा दिया। आयोग में अब दो सदस्य कम हो गए हैं। आयोग में पहली बार मराठा समाज केे दो सदस्यों को लिया गया है।
शीघ्र होगी अगली बैठक
पूर्व न्या. चंद्रलाल मेश्राम, सदस्य, राज्य ओबीसी आयोग के मुताबिक प्रश्नावली का काम अंतिम चरण में है। सर्वे के लिए मनुष्यबल व संसाधनों की जरूरत है और इसके लिए निधि लगेगी। निधि संबंधी प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। पुणे की गोखले इंस्टिट्यूट की मदद सर्वे के काम में ली जाएगी। आयोग के सुपरविजन व निगरानी में ही सर्वे होगा। आयोग की अगली बैठक शीघ्र होगी।
Created On :   3 Dec 2023 5:57 PM IST