जीवन का हर साल उपहार रहा: प्रोजेरिया सिंड्रोम से पीड़ित जबलपुर के रिअल औरो श्रेयस का नागपुर में निधन

प्रोजेरिया सिंड्रोम से पीड़ित जबलपुर के रिअल औरो श्रेयस का नागपुर में निधन
  • प्रोजेरिया सिंड्रोम से पीड़ित थे श्रेयस
  • रिअल औरो श्रेयस का नागपुर में निधन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रोजेरिया सिंड्रोम से पीड़ित 19 साल के कलाकार श्रेयस बारमते का उपराजधानी में निधन हो गया। वे जबलपुर के रहने वाले थे और इलाज कराने नागपुर आते थे। बीते सोमवार को अस्पताल में उनका निधन हो गया। श्रेयस बारमते‘रिअल औरो’ के नाम से प्रसिद्ध थे। बारमते ने 8 जुलाई को अपना 18वां जन्मदिन मनाया था। बारमते सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ कौन बनेगा करोड़पति में भी भाग ले चुके हैं। सेट पर जब से अमिताभ से मिले थे। उस वक्त13 साल के थे। वे संगीत के लिए भी काफी प्रसिद्ध थे। इंडियाज गॉट टैलेंट शो में भी हिस्सा ले चुके हैं। श्रेयस को कई शो और कार्यक्रमों में भी परफॉरमेंस के लिए बुलाया जाता था। मध्य प्रदेश सरकार ने तो श्रेयस को एक दिन के लिए बाल संरक्षण आयोग का अध्यक्ष भी बनाया था।


फिल्‍म 'पा' औरो की तरह फेमस थे

श्रेयस बारमते‘ फिल्‍म 'पा' के औरो की तरह फेमस थे। जिसमें औरो नामक 12 साल का एक बच्‍चा प्रोजेरिया नामक की बीमारी पीड़ित बताया गया। इस बीमारी में व्‍यक्ति बहुत तेजी से बूढ़ा होता है। पा फिल्म के किरदार में औरो यानि अमिताभ बच्चन बुद्धिमान और तीक्ष्ण बुद्धि वाला बालक है। मानसिक रूप से बच्चा लेकिन शारीरिक रूप से ज्यादा उम्र का दिखाई देता है, लेकिन वो अपनी तीक्ष्ण बुद्धि से सबका दिल जीत लेता है।

जीवन में हर कदम उत्साह से आगे बढ़ाने की चाह रखने वाले श्रेयश बारमाटे ने एक बार कहा था कि "हर साल एक उपहार है, और मैं अपने आस-पास के सभी लोगों से मिले प्यार और समर्थन के लिए आभारी हूं। मैं संगीत के प्रति अपने जुनून को पूरा करने और अपनी पढ़ाई जारी रखने की योजना बना रहा हूं।"


प्रोजेरिया का कारण एलएमएनए जीन में उत्परिवर्तन है, जिससे प्रोजेरिन नामक असामान्य प्रोटीन का उत्पादन होता है, जो सेलुलर स्थिरता और कार्य को प्रभावित करता है। यह दुनिया भर में अनुमानित 350 बच्चों को प्रभावित करता है। प्रोजेरिया से पीड़ित बच्चों में विकास देरी से होता है, बालों का झड़ना, त्वचा और जोड़ों में असामान्यताएं जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

इस सबके बावजूद श्रेयस बारमते जीवन के हर रंग को खुलकर जी रहे थे।

Created On :   4 Sept 2024 4:05 PM GMT

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