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घोटाला: सूतगिरणी के संचालकों ने किया 3.45 करोड़ का घोटाला , 4 पदाधिकारियों पर मामला दर्ज
- निर्माणाधीन प्रोजेक्ट की डिपॉजिट के तौर पर जमा राशि का मामला
- डिपाजिट रकम लेकर नहीं दिया वर्क आर्डर
- टालमटोल करने पर मामला पुलिस तक पहुंचा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। रानी आदिवासी सहकारी सूतगिरणी के संचालकों ने करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। घटित प्रकरण के उजागर होने से बेलतरोड़ी थाने में सूतगिरणी के पदाधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। मामला 3.45 करोड़ रुपए के लेन-देन से जुड़ा होने के कारण अपराध शाखा के आर्थिक विभाग को इसकी जांच-पड़ताल सौंपी गई है।
यह हैं आरोपी : आरोपियों में रानी दुर्गावती आदिवासी सहकारी सूतगिरणी मर्या. येरला जिला वर्धा के अध्यक्ष गुलाबराव नानबाजी पंधरे, प्रबंध संचालक दिनेशचंद्र शर्मा और सदस्य प्रकाश गुलाबराव पंधरे व अन्य लोग शामिल हैं। घटित प्रकरण से आरोपियों ने सूतगिरणी के निर्माण कार्य का टेंडर पोर्टल के जरिए शिकायतकर्ता सूर्यनारायण की कंपनी ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड को दिया था। शिकायतकर्ता ने निर्माण कार्य से जुड़ी प्रोजेक्ट रिपोर्ट आरोपियों को दिखाई। उसको लेकर उनमें कई बार बैठकों को दौर चला, जिसमें यह तय हुआ था कि प्रोजेक्ट को लगने वाली कुल रकम की 1 प्रतिशत राशि यानि 3 करोड़ 45 लाख 99 हजार 443 रुपए शिकायतकर्ता की कंपनी बतौर डिपॉजिट जमा करेगी। जिस दिन यह रकम जमा होगी, उसी दिन वर्क ऑर्डर, एग्रीमेंट और निर्माणाधीन जगह का कब्जा निर्माण कार्य के लिए शिकायकर्ता की कंपनी को देने का तय हुआ था।
आरोपी टालमटोल करते रहे : किसी कारण से वर्क आर्डर और तय शर्तों के एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर नहीं हुए, तो उस पर विचार-विमर्श करने के लिए आरोपियों को 90 दिन का समय दिया गया था। उसके बाद भी सहमति नहीं बनी और एग्रीमेंट रद्द हुआ, तो 14 दिन के भीतर शिकायतकर्ता को उसकी डिपॉजिट की रकम वापस करने का तय हुआ था। इस बीच आरोपी मामले को लेकर टालमटोल करते रहे। बाद में उन्होंने येरला की कोई खाली जमीन शिकायतकर्ता को दिखाई और वहां पर निर्माण कार्य करने के लिए कहा था, लेकिन निर्माण कार्य के लिए उसका कब्जा नहीं िदया था। इस तरह से टालमटोल कर डिपॉजिट की रकम का आरोपियों ने घोटाला किया है, जिससे मामला थाने पहुंचा। प्रकरण दर्ज िकया गया है। अपराध शाखा का आर्थिक विभाग मामले की जांच-पड़ताल कर रहा है।
Created On :   10 July 2024 10:54 AM IST