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नागपुर: कचरे के पहाड़ों से हो रही परेशानी, डंपिग यार्ड में कचरे के ट्रकों की लग रही कतारें
- कचरे के पहाड़ों को हटाने अरबों रुपए खर्च
- डंपिग यार्ड में कचरे के ट्रकों की कतारें लग रही हैं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका प्रशासन की ओर से स्वच्छ सुंदर और स्वस्थ्य शहर बनाने की घोषणा की जा रही है, लेकिन शहर से कचरा संकलन और व्यवस्थापन को लेकर कोई भी गंभीरता से प्रयास नहीं हो रहा है। ऐसे में शहर में कचरा जमा होने से ब्लैक स्पाट बन रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कचरे को भांडेवाड़ी में व्यवस्थापन करने की व्यवस्था तक नहीं हो पाई है। कचरे के पहाड़ों को हटाकर बायोमाइनिंग करने और रोजाना पहुंचने वाले कचरे से गैस बनाने में लापरवाही होने से परेशानी बढ़ रही है। हालात यह हो गए हैं कि अब भांडेवाड़ी में कचरा डालने के लिए और जगह नहीं बची है। ऐसे में मनपा के डोजर और पोकलेन से पुराने कचरे को फैलाकर नई जगह बनाकर कचरा डाला जा रहा है। कचरा कंपनी के ट्रकों को रोजाना खाली करने के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। रविवार सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक डंपिग यार्ड में ट्रकों की कतारे लगी रही। हालांकि प्रशासन ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए कतारों के मामले में लीपापोती करने का प्रयास किया है।
कचरे के पहाड़ों को हटाने अरबों रुपए खर्च
मनपा प्रशासन पिछले कई सालों से कचरा संकलन और व्यवस्थापन के नाम पर अनेक योजनाएं बना चुकी है। इन योजनाओं को साकार करने के लिए अरबों रुपए का खर्च भी किया गया, लेकिन भांडेवाड़ी डंपिग यार्ड कचरामुक्त नहीं हो पाया है। बरसों से जमा कचरे के पहाड़ को वैज्ञानिक पद्धति से प्रक्रिया करने के लिए करीब 5 साल पहले बायोमाइनिंग का ठेका चेन्नई की जिग्मा कंपनी को दिया गया। 1015 रुपए प्रति मीट्रीक टन की दर से 10 लाख मीट्रीक टन कचरे को हटाने के लिए 100 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। इसके बाद इसी कंपनी को स्मार्ट सिटी की ओर से 785 रुपए प्रति मीट्रीक टन की दर से 6 लाख लाख मीट्रीक टन कचरे को हटाने के लिए 48 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। इस साल के आरंभ में एक बार फिर से 10.50 लाख मीट्रीक टन कचरे को बायोमाइनिंग करने के लिए मनपा ने जिग्मा को एक बार फिर से जिम्मेदारी दी है।
Created On :   18 Aug 2024 4:36 PM IST