- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- पीए और ओएसडी की नियुक्ति में...
Mumbai News: पीए और ओएसडी की नियुक्ति में भ्रष्टाचार के मामले न हों ऐसे लोगों को दी जा रही प्राथमिकता

- शिंदे के मंत्रियों के पीए और ओएसडी की नियुक्ति नहीं होने पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा
- मंत्रिमंडल बैठक के अंदर की खबर
- दिव्यांगों के लिए मिलेगी डीपीडीसी की एक प्रतिशित निधि
- राज्य के हर जिले में की जाएगी उमेद मॉल की स्थापना
Mumbai News. राज्य सरकार के गठन होने के 2 महीने बाद भी कई मंत्रियों के निजी सचिव की नियुक्ति नहीं हो पाई है। मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में शिंदे गुट के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने यह मुद्दा उठाया। सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों ने बैठक में मुख्यमंत्री फडणवीस से कहा कि निजी सचिव और कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होने से काम में बाधा आ रही है। इसके बाद फडणवीस ने इन मंत्रियों को भरोसा दिया कि यह प्रक्रिया बहुत जल्द पूरी होगी। फडणवीस ने कहा कि मुझे इस बात की जानकारी है कि कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया के चलते कुछ मंत्रियों के निजी सचिव की नियुक्ति नहीं हो पाई है। यह पारदर्शी सरकार चलाने के लिए जरूरी है।
शिवसेना (शिंदे) के एक मंत्री ने 'दैनिक भास्कर' से बातचीत में बताया कि हमारी पार्टी के कई मंत्रियों ने निजी सचिव और विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) की नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री फडणवीस के समक्ष मुद्दा उठाया। इस मंत्री ने कहा कि लगभग 2 महीने से ज्यादा का कार्यकाल हो चुका है लेकिन निजी सचिव और ओएसडी की नियुक्ति नहीं होने से विभाग के कार्य नहीं हो रहे हैं। इसकी वजह से हमें और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि फडणवीस ने हमें भरोसा दिया कि यह प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी। फडणवीस ने मंत्रियों से कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि एक मंत्री के पास पिछले तक 10 साल से एक ही निजी सचिव तैनात है। ऐसे में पारदर्शी सरकार चलाने में कोई परेशानी न आए, इसलिए मंत्रियों द्वारा भेजे गई सूची की जांच पड़ताल की जा आरही है। दरअसल मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा निजी सचिव और ओएसडी के चरित्र, भ्रष्टाचार के आलावा विभागीय जांच चलने का पता लगाया जा रहा है। फडणवीस ने मंत्रियों से इस मुद्दे पर बातचीत के दौरान सभी अधिकारियों और निजी सचिवों को बैठक के हॉल से बाहर निकाल दिया था।
निजी सचिव नियुक्त नहीं होने से विभाग में लौटने लगे हैं कर्मचारी
2 महीने बाद भी मंत्रियों के निजी सचिव की नियुक्ति नहीं होने के चलते अब सामान्य प्रशासन विभाग ने ऐसे कर्मचारियों को अपने-अपने मूल विभाग में लौटने का आदेश जारी किया है। एक मंत्री के निजी सचिव ने बताया कि मैं पिछले ढाई साल से मौजूदा मंत्री महोदय के साथ में हूं, लेकिन सरकार के गठन के 2 महीने बाद भी मेरी दोबारा से मंत्री के निजी सचिव के तौर पर नियुक्ति नहीं हो पाई है। जिसके चलते अब मुझे सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश दिया है कि ढाई साल पहले मैं जहां जिस कार्यालय में कार्यरत था, अब उसी कार्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है। दरअसल मंत्रियों ने अपने निजी सहायक और अधिकारियों की नियुक्ति की जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी है, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इन सभी के रिकार्ड्स की छानबीन की जा रही है। जिसकी वजह से इनकी नियुक्ति नहीं हो पाई है। वैसे मुख्यमंत्री फडणवीस अपनी कैबिनेट के सहयोगियों के कार्यालय में किसी भी ऐसे अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने देना चाहते हैं, जिसके विपक्ष के नेताओं के साथ संबंध जगजाहिर हों। इसके अलावा ऐसे कर्मचारियों पर विशेष नजर रखी जा रही है, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं।
दिव्यांगों के लिए मिलेगी डीपीडीसी की एक प्रतिशित निधि
प्रदेश की जिला नियोजन विकास समितियों (डीपीडीसी) की वार्षिक सामान्य योजना के तहत दिव्यांगों के लिए एक प्रतिशत निधि आरक्षित होगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 से हर साल दिव्यांगों के लिए एक प्रतिशत निधि उपलब्ध कराई जाएगी। मंगलवार को उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री अजित पवार ने यह जानकारी दी। राज्य के वित्त विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। अजित ने कहा कि साल 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में दिव्यांग व्यक्तियों की जनसंख्या 2.63 प्रतिशत है। राज्य में दिव्यांग व्यक्तियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर उनके कल्याण और सशक्तिकरण के लिए एक प्रतिशत निधि उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगों के लिए आरक्षित एक प्रतिशित निधि का उचित तरीके से इस्तेमाल के लिए आदेश जारी किया जाएगा। अजित ने कहा कि जिला वार्षिक योजना के तहत नवाचार, शाश्वत विकास लक्ष्य और मूल्यांकन, निगरानी व डाटा एन्ट्री के लिए 5 प्रतिशत निधि आरक्षित रखी जाती है। जबकि शेष 95 प्रतिशत निधि में से 19 प्रतिशत निधि विभिन्न विभागों के नियमित योजना के लिए आरक्षित रखी जाती है। अब दिव्यांगों के लिए भी एक प्रतिशत निधि आरक्षित रखी जाएगी।
राज्य के हर जिले में की जाएगी उमेद मॉल की स्थापना
राज्य भर में स्वयं सहायता समूहों को उचित बिक्री चैनल उपलब्ध कराने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर दस जिलों में दस 'उमेद मॉल' स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग के अंतर्गत महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण आजीविका सुधार मिशन के कार्यक्रम में कहा कि हम पूरे राज्य में चरणबद्ध तरीके से उमेद मॉल का निर्माण करेंगे। इसके साथ ही राज्य का आने वाले समय में एक करोड़ लोगों को करोड़पति बनाने का संकल्प है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने घोषणा की कि वर्तमान में राज्य में 18 लाख लखपति दीदी हैं। जबकि मार्च तक हमारे पास पच्चीस लाख लखपति दीदी होंगी। उन्होंने कहा कि 'महालक्ष्मी सरस' एक पहल है जो पिछले 21 वर्षों से लगातार चल रही है। उमेद के माध्यम से 'महालक्ष्मी सरस' एक ऐसी पहल है जो राज्य भर में महिला स्वयं सहायता समूहों को एक उचित मंच प्रदान करती है। महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद बहुत अच्छे हैं। लेकिन उन्हें बेचने के लिए कई उपाय करने होंगे। इन समूहों के उत्पादों को उमेद मॉल में बेचा जा सकेगा। कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्री जयकुमार गोरे, ग्रामीण विकास राज्य मंत्री योगेश कदम और कई अधिकारी भी मौजूद रहे।
Created On :   11 Feb 2025 10:06 PM IST