शिक्षा पर जोर: सरकारी स्कूल 100% आरटीई आरक्षित, पालक निजी स्कूल की जिद न करें

सरकारी स्कूल 100% आरटीई आरक्षित, पालक निजी स्कूल की जिद न करें
  • राज गुुरुकुल स्कूल में प्रवेश से वंचितों को शिक्षणाधिकारी की सलाह
  • गलती से पोर्टल में पुराना पता अपलोड किया
  • स्कूल बरसों पहले स्थानांतरित हो चुका

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीई प्रवेश प्रक्रिया के नाम पर विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ बदस्तूर जारी है। नागपुर शहर में आरटीई स्कूल का एक अनोखा प्रकरण सामने आया। आरटीई पोर्टल में स्कूल का जिस जगह पता दिया है, वहां स्कूल है ही नहीं। पालकों ने पोर्टल में दिया पता ढूंढ निकालने पर पता चला कि वहां से 8 साल पहले स्कूल स्थानांतरित हो गया। जो पता दिया गया है, वहां बड़ा मैदान है। बीच में एक खंडहर में तब्दील इमारत है। चारों ओर घांस-फूस और झाड़ियां उगी है। इस विषय में शिक्षणाधिकारी सिद्धेश्वर कालुसे ने पालकों को अफलातून सलाह दी। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल 100% आरटीई आरक्षित है। पालक निजी स्कूल में प्रवेश की जिद पर अड़े न रहें।

शिक्षणाधिकारी ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा : शेष नगर हसनबाग परिसर में पहले राज गुरुकुल स्कूल हुआ करता था। 8 साल पहले वहां से झिंगाबाई टाकली परिसर में स्थानांतरित किया गया। आरटीई पोर्टल में स्कूल का पुराना पता अपलोड किया गया। आरटीई की लॉटरी में 12 बालकों को वह स्कूल आवंटित किया गया। जो पता आरटीई पोर्टल में दिया है, वहां स्कूल का नामोनिशान नहीं है। पालक पता ढूंढते हुए वहां पहुंचे। मैदान में घांस-फूस और बीच में खंडहर में तब्दील इमारत बची है। वहां मवेशियों ने डेरा जमाया है। यह देख पालक चौंक गए। शिक्षणाधिकारी से शिकायत करने पर कोई फायदा नहीं हुआ। उल्टे प्रवेश से वंचित बालकों को सरकारी स्कूल में प्रवेश लेने की सलाह देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।

न चिट्टी न फोन : आरटीई प्रवेश प्रक्रिया की दस्तावेज पड़ताल प्रक्रिया अवधि खत्म हो गई। राज गुरुकुल स्कूल आवंटित विद्यार्थियों के पालकों को अभी तक स्कूल तथा शिक्षा विभाग से न कोई चिट्टी आई और न किसी का फोन। शिक्षा विभाग से निराशा हाथ लगने पर पालकों ने मजबूरी में अन्य स्कूलों में बालकों का प्रवेश निश्चित कर लिया है।

आरटीई विरोधी मानसिकता : सरकार ने चालू शैक्षणिक वर्ष में निजी अनुदानित, सरकारी और स्थानीय निकाय स्कूलाें में आरटीई प्रवेश देने की नीति बनाई थी। उसे सभी स्तर से विरोध हुआ। अदालत में जनहित याचिका दायर की गई। अदालत के आदेश पर नई आरटीई प्रवेश नीति रद्द कर पुरानी आरटीई पद्धति से प्रवेश देने का सरकार ने निर्णय लिया। अदालत के आदेश का सम्मान करते हुए सरकार ने नीति बदली लेकिन ने सरकारी स्कूल में प्रवेश का रास्ता दिखाकर अदालत के आदेश के विरोधी मानसिकता का परिचय दिया।

सरकारी स्कूल बेहतर विकल्प : राज गुरुकुल स्कूल आवंटित बालकों के लिए सरकारी स्कूल प्रवेश का बेहतर विकल्प है। सरकार ने सरकारी स्कूलों की 100% सीटे आरटीई आरक्षित की थी। पालकों ने उसे अदालत में चुनौती देने पर नजी स्कूलों में 25% सीट आरटीई प्रवेश के लिए आरक्षित की गई। राज गुरुकुल स्कूल ने गलती से पोर्टल में पुराना पता अपलोड किया। स्कूल वहां से बरसों पहले स्थानांतरित हो चुका है। पालकों ने निजी स्कूल की जीद िपर अड़े रहना उचित नहीं है। लॉटरी में चयनित बालकों को सरकारी स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। सिद्धेश्वर कालुसे, शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक), जिला परिषद


Created On :   9 Aug 2024 8:28 PM IST

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