नागपुर: मैत्री क्लिनिक में जांच कराने से कतराते हैं लोग, सरकार ने दी है सुविधा

मैत्री क्लिनिक में जांच कराने से कतराते हैं लोग, सरकार ने दी है सुविधा
  • शारीरिक शोषण व कुपोषण चिंता का विषय
  • अडोलसंट रिप्रोडक्टिव सेक्सुअल हेल्थ कार्यक्रम
  • सरकार ने मूलभूत सुविधाएं दी

डिजिटल डेस्क, नागपुर. केंद्र सरकार के अडोलसंट रिप्रोडक्टिव सेक्सुअल हेल्थ कार्यक्रम के लिए सरकार ने मूलभूत सुविधाएं दी हैं। ग्रामीण व उपजिला अस्पतालों में मैत्री क्लिनिक शुरू किए गए हैं, लेकिन सामाजिक अवधारणा के चलते क्लिनिक में जांच कराने कोई नहीं आता, इसलिए बालरोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को इसके लिए पहल करनी चाहिए। प्रशिक्षित स्टॉफ व वहां का सेसटायजेशन करने के लिए विभाग तैयार है। ऐसा नागपुर विभाग की स्वास्थ्य उपसंचालक डॉ. कांचन वानेरे ने कहा। बालरोग विशेषज्ञों का संगठन अडोलसंट हेल्थ अकादमी की नागपुर शाखा की नई कार्यकारिणी के पदग्रहण समारोह में अतिथि के रूप में डॉ. कांचन वानेरे उपस्थित थीं। खास तौर से इस कार्यक्रम में जाने माने डॉक्टर उदय बोधनकर ने भी शामिल हुए। डॉक्टर उदय बोधनकर ने कहा कि बच्चों के लिए अच्छी चिकित्सकीय सेवाओं की जरूरत है, जिसके चलते जरूतमंदों तक मदद मिल सके और वे इसका लाभ उठा सकें।


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बच्चों को सही दिशा देना हमारी जिम्मेदारी : अडोलसंट हेल्थ अकादमी की केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. गीता पाटील ने बताया, 10 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों को पोषक व सकारात्मक माहौल व देने की आवश्यकता है। इसके लिए पालकों को सहानुभूति व प्रभावी संवाद कौशल्य से बच्चों का दिल जीतने की जरूरत है। बच्चों को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक धूम्रपान, ड्रग्स व अन्य नशाखोरी से दूर रखने की आवश्यकता है। उन्हें सोशल मीडिया का सही तरीके से इस्तेमाल करने देना चाहिए। इसके लिए सही दिशा देने का कार्य पालक, डॉक्टर व समाज की जिम्मेदारी है। ऐसा भी डॉ. पाटिल ने कहा।

शारीरिक शोषण व कुपोषण चिंता का विषय

डॉ. पाटिल ने बताया कि, ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों का बचपन छीनकर उन्हें काम पर लगाया जाता है। उनके परिवार की मजबूरी के चलते ऐसा करना पड़ता है। ऐसे में बच्चों को बीच में ही शिक्षा से वंचित होना पड़ता है। ऐसे बच्चे समाज कंटकों के शिकार होते हैं। उनका शारीरिक शोषण होने के बावजूद वे किसी को बताते नहीं है। साथ ही कुपोषण की स्थिति भी भयावह है, इसलिए बालरोग विशेषज्ञ डॉक्टरों को बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अभियान चलाने की आवश्यकता है। ऐसा भी डॉ. पाटिल ने कहा।

नई कार्यकारिणी के अध्यक्ष डॉ. लिनेश यावलकर, सचिव डॉ. दिनेश सरोज समेत अन्य सदस्य डॉ. प्रवीण डहाके, डॉ. वसंत खलतकर, डॉ. अविनाश गावंडे, डॉ. मंजुषा गिरि, डॉ. मीना देशमुख, डॉ. स्वाति वाघमारे, डॉ. संजय देशमुख, डॉ. कुश झुनझुनवाला आदि उपस्थित थे।

Created On :   16 Feb 2024 7:16 PM IST

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