नागपुर: अंबाझरी में आदिवासी लड़कियों के छात्रावास की सिर्फ घोषणा, अभी तक स्थान हस्तांतरित नहीं

अंबाझरी में आदिवासी लड़कियों के छात्रावास की सिर्फ घोषणा, अभी तक स्थान हस्तांतरित नहीं
  • विश्वविद्यालय प्रशासन की लेटलतीफी का असर
  • आदिवासी लड़कियों के छात्रावास की सिर्फ घोषणा ही रही

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलगुरू के बंगले के पास अंबाझरी परिसर में आदिवासी लड़कियों और अल्पसंख्याकों के लिए छात्रावास साथ ही क्रीडा संकुल बनाने की घोषणा की गई थी। आदिवासी लड़कियों और अल्पसंख्याकों के लिए छात्रावास और क्रीडा संकुल के लिए अंबाझरी परिसर की जगह देने के लिए जिलाधिकारी ने भी सहमति जताई थी। लेकिन स्थान के लिए अभी तक ना राज्य सरकार को कोई प्रस्ताव भेजा गया, ना ही इसे विश्वविद्यालय काे हस्तांतरण किया गया। उल्लेखनीय है कि, छात्रावास की समिति ने तत्काल जगह उपलब्ध करने कुलगुरू को अपील की थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की लेटलतीफी के कारण कार्यवाही के लिए प्रस्ताव रुका है।

विश्वविद्यालय के 100 वर्षों के गौरवशाली इतिहास को देखते हुए दूसरे राज्याें से विद्यार्थी नागपुर विश्वविद्यालय में शिक्षा लेना चाहते हैं। लेकिन विश्वविद्यालय में बाहर से आने वाले विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध छात्रावास कम पड़ रहे हैं। इसिलिए नागपुर विश्वविद्यालय की जगह विद्यार्थीयों के छात्रावास के निर्माण के लिए समाज कल्याण विभाग, आदिवासी विकास विभाग को उपलब्ध कराने की मांग उठी। छात्रावास निर्माण का खर्च समाज कल्याण और आदिवासी विकास विभाग से लिया जाए और एक समन्वय समिति का गठन करते हुए छात्रों के हित में निर्णय लेने की मांग करते हुए सीनेट सदस्य दिनेश शेराम में सीनेट बैठक में प्रस्ताव रखा था। शेराम ने आदिवासी लड़के और लड़कियों के लिए छात्रावास बनाने की मांग पर रखे प्रस्ताव को सीनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। साथ ही दिनेश शेराम की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने आगे कदम नहीं बढ़ाया, जिससे हस्तांतरण का प्रस्ताव अटका है।

यूनिवर्सिटी पर वित्तीय भार नहीं पड़ेगा, फिर भी विलंब

आदिवासी लड़कियों के छात्रावास के लिए राज्य सरकार द्वारा जगह उपलब्ध कराई जाए इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन को जिलाधिकारी के साथ बैठक लेनी है और जगह का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजना है। इसके बाद आदिवासी विभाग के निधि से ही इस छात्रावास का निर्माण किया जाएगा। यानि छात्रावास के निर्माण के लिए विश्वविद्यालय पर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन इतना विलंब क्यों कर रहा है? यह सवाल सीनेट सदस्य उठा रहे हैं।

तत्काल बैठक ली जाए : दिनेश शेराम

सीनेट सदस्य दिनेश शेराम ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की लेटलतीफी के कारण आदिवासी छात्रों के हितों का प्रस्ताव अटका पड़ा है। इसलिए शेराम ने मांग की है कि, विश्वविद्यालय प्रशासन को तुरंत जिलाधिकारी के साथ बैठक कर मामले में कोई हल निकालना चाहिए।


Created On :   16 Sept 2024 1:54 PM GMT

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