सर्वेक्षण: महाराष्ट्र के 59 फीसदी गांवों में कुष्ठ रोग का एक भी मरीज नहीं, शून्य का लक्ष्य

महाराष्ट्र के 59 फीसदी गांवों में कुष्ठ रोग का एक भी मरीज नहीं, शून्य का लक्ष्य
  • पांच साल में 23 हजार गांवों का सर्वेक्षण हुआ
  • गांवों की भी की गई स्क्रीनिंग
  • कोरोना के बाद मिले नए मरीज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रीय कुष्ठरोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार ने 2027 तक कुष्ठ रोग की व्यापकता को शून्य करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य की ओर महाराष्ट्र अग्रसर है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते पांच साल में प्रदेश के 59 फीसदी गांवों में कुष्ठ रोग का एक भी मरीज स्क्रीनिंग में नहीं मिला है। इसके साथ ही पिछले चार दशक में कुष्ठ रोग की दर में भी उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में 1955-56 से राष्ट्रीय कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम लागू है। इससे निपटने के लिए 1981-82 से राज्य में चरणबद्ध तरीके से प्रभावी उपचार प्रणाली लागू की गई। इसके परिणामस्वरूप 1981-82 में प्रति दस हजार पर कुष्ठ रोग की दर 62.40 से घटकर वर्ष 1991-92 में 14.70 हो गई। इसी तरह 2022-23 में यह दर प्रति दस हजार मरीज के पीछे 1.02 हो गई है।

  • 1981-82 में प्रति दस हजार पर कुष्ठ रोग की दर 62.40 मरीज थी
  • 2022-23 में यह 1.02 हो गई थी

कोरोना के बाद मिले नए मरीज

कोरोना महामारी के दौरान कुष्ठ रोग कार्यक्रम के अधिकारी एवं कर्मचारी कोविड-19 महामारी नियंत्रण कार्यक्रम में व्यस्त रहे, जिससे नए कुष्ठ रोगियों की पहचान प्रभावित हुई थी। कोरोना के नियंत्रण में आते ही विगत तीन वर्षों में कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए विभिन्न स्तरों पर नियमित कार्यक्रमों के साथ-साथ विशेष गतिविधियां क्रियान्वित की गईं। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग ने गांवों, बस्तियों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों का निरीक्षण किया और वर्ष 2021-22 में 14,520 कुष्ठ के नए मामले और 2022-23 में 19,860 नए कुष्ठ रोग के मामले सामने आए हैं।

कुष्ठ रोग के लक्षण

• त्वचा पर घाव होना

• मोटी, बेजान तैलीय त्वचा

• कान की झिल्ली का मोटा होना

• भौंहों के बालों का पतला होना

• आंखें पूरी तरह से बंद करने में दिक्कत

• हाथों-पैरों में झुनझुनी होना

• टेढ़ी उंगलियां

स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोना के नियंत्रण में आते ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई स्क्रीनिंग में स्वास्थ्य विभाग ने उन 25,000 गांवों का भी चयन किया था। जहां पिछले पांच वर्षों में कुष्ठ रोग के शून्य मामले पाए गए थे। इनमें से सिर्फ 676 गांवों में 793 नए कुष्ठ रोगी पाए गए हैं और उन पर उपचार भी शुरू हो चुका है। इस संख्या का अगर आकलन राज्य के कुल 41 हजार गांवों से करें तो 59 फीसदी गांवों में कुष्ठ रोग का एक भी मरीज नहीं मिला है।


Created On :   5 Aug 2024 4:14 PM IST

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