नाराजगी: राकांपा अजित गुट के प्रदेश ओबीसी विभाग समन्वयक बालबुधे ने दिया इस्तीफा

राकांपा अजित गुट के प्रदेश ओबीसी विभाग समन्वयक बालबुधे ने दिया इस्तीफा
  • छगन भुजबल गुट की महायुति में नाराजगी सामने आयी
  • भाजपा को ठहरा रहे ओबीसी विरोधी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश ओबीसी समन्वयक ईश्वर बालबुधे ने पद व पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि महायुति में राकांपा अजित गुट की स्थिति व ओबीसी के प्रति भाजपा की भूमिका का विरोध जताते हुए बालबुधे ने शरद पवार के नेतृत्व की राकांपा में जाने की तैयारी की है। बालबुधे के साथ अन्न व आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल के कुछ समर्थक भी राकांपा अजित गुट से इस्तीफा दे सकते हैं। अविभाजित राकांपा में भी बालबुधे ओबीसी विभाग के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। छगन भुजबल के साथ वे ओबीसी मामलों की राजनीति करते रहे हैं। 10 से अधिक ओबीसी समाज संगठनों के साथ उन्होंने राज्य स्तर पर राजनीतिक ताकत बनायी है। पिछले कुछ समय से ओबीसी मामलों को लेकर भाजपा के विरोध में विपक्ष आक्रामक है। इस बीच छगन भुजबल की भूमिका भी सत्ता पक्ष के विरोध में नजर आती रही है। उनके कुछ वक्तव्यों को लेकर भाजपा के नेता व विधायकों ने विरोध जताया है। खबर है कि कुछ दिन पहले ओबीसी संगठनों के नेताओं की बैठक हुई। उसमें महायुति की ओबीसी के प्रति भूमिका पर असंतोष जताया गया। कहा गया कि विविध समितियों में ओबीसी प्रतिनिधियों को स्थान नहीं दिया गया। लोकसभा चुनाव में भुजबल की राजनीतिक उपेक्षा की गई। उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया गया। इसके अलावा ओबीसी संबंधित विविध प्रलंबित मांगों पर चर्चा भी नहीं की गई। अविभाजित राकांपा में 12 से अधिक विधायक ओबीसी समाज की राजनीति के भरोसे चुने गए। लेकिन ओबीसी मामले में अजित पवार व प्रफुल पटेल भी भाजपा के सामने चुप रहे हैं। ऐसे ही कई विषयों पर चर्चा के बाद राकांपा पदाधिकारियों ने शरद पवार से मुलाकात की। उसके बाद राकांपा अजित गुट को छोड़ने का निर्णय लिया गया।

ओबीसी को न्याय मिले

राज्य में ओबीसी समाज को न्याय के लिए विविध संगठन संघर्ष कर रहे हैं। ओबीसी आरक्षण में किसी भी तरह की कटाैती नहीं होना चाहिए। ओबीसी को सत्ता में भागीदारी मिलना चाहिए। महायुति में ओबीसी को न्याय की मांगें नजरअंदाज होती रही है। भाजपा की कथनी व करनी में साफ अंतर दिख रहा है। अब विविध ओबीसी संगठनों की मांगों को पूरी ताकत से आगे बढ़ाएंगे।

Created On :   5 Sept 2024 4:00 PM GMT

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