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Nagpur News: महाभारत काल से लेकर नागवंशी शिवालय हैं आस्था केंद्र, भक्तों का लगता मेला

- नागा साधु ने करवाया था मेहंदीबाग में मंदिर का निर्माण
- 1868 में बजेरिया में हुई थी मंदिर की स्थापना
- टाटा की एम्प्रेस मिल के अंदर बनाया गया था भगवान भोले का मंदिर
Nagpur News. महाशिवरात्रि पर ‘बम-बम भोले’ और ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से शिवालय गूंजे। पारशिवनी तहसील स्थित घोगरा महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक तीर्थक्षेत्र लगभग 1000 साल पुराना है। किंवदंती के अनुसार मंदिर का निर्माण महाभारतकाल में पांडवों द्वारा किया गया था। एक अन्य किंवदंती के अनुसार मंदिर का निर्माण सातवाहन राजवंश के दौरान किया गया। घोगरा महादेव पर्यटन स्थल भी है। महाशिवरात्रि पर्व पर 26 से 28 फरवरी तक यात्रा रहेगी।
नागपुर शहर और जिले में महाभारत काल में पांडवों द्वारा निर्मित शिव मंदिर से लेकर नागवंशी नागा साधुओं द्वारा बनवाए गए सैकड़ों साल प्राचीन मंदिर हैं। पौराणिक के साथ ही ऐतिहासिक महत्व के कारण शिवजी के मंदिर तीर्थक्षेत्र बन गए हैं जहां महाशिवरात्रि पर मेला लगता है। शिवजी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है।
नागा साधु ने करवाया था मेहंदीबाग में मंदिर का निर्माण
मेहंदीबाग पुल के पास स्थित नागा शिव मंदिर करीब 300 साल पुराना है, जो नागवंशी साधु के काल में बनाया गया है। यहां पहले नागा साधु रहते थे। नागा शिव मंदिर में एक नागा साधु की समाधि स्थल भी है। यह मंदिर नागा साधु द्वारा संचालित किया गया था। मंदिर का संचालन राजू येलेकर, दशरथ कालमेक, दिनेश गावांडे, प्रवीण चौधरी, मोहन लांजेवार द्वारा किया जा रहा है। इसे चमत्कारी मंदिर कहा जाता है। मंदिर परिसर में एक कुआं था, जिसे पुल निर्माण के दौरान पाट दिया गया।
1868 में बजेरिया में हुई थी मंदिर की स्थापना
बजेरिया के नन्नूमल बिल्डिंग के पास स्थित प्राचीन शिव मंदिर सन 1868 में स्थापित हुआ था। मंदिर में शिवलिंग एवं भोलेनाथ के साथ नंदी देवता है। सन 1900 में भक्त गेंदालाल शाहू एवं गणपत गजोधर परदेशी सेवा करते थे। उन्हें पता चला कि यह जगह प्रेमलाल प्रयाग शाहू की है। उन्होंने यह जगह मंदिर को दान कर दिया। बाद में रमेश शाहू ने 60 वर्ष तक सेवा की। और फिर उनके पुत्र सुरेन्द्र शाहू ने सेवा संभाली। सन 2019 में मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ तब से यहां भक्त पूजन करने आते हैं।मंदिर में बुधवार, 26 फरवरी से शिव महापुराण संगीतमय कथा महोत्सव शुरू हो रहा है।
टाटा की एम्प्रेस मिल के अंदर बनाया गया था भगवान भोले का मंदिर
एम्प्रेस मिल रोड, वंदे मातरम् बगीचा के पास स्थित बजेरिया का श्री रामेश्वर धाम शिव मंदिर करीब 140 वर्ष पुराना है। यह मंदिर टाटा की एम्प्रेस मिल के अंदर बना था। कहा जाता है कि मंदिर के आसपास नाग- नागिन का जोड़ा शिवलिंग का दर्शन करने आता था। एम्प्रेस मिल बंद होने के बाद यह जगह महाराष्ट्र सरकार ने बेच दी। धीरे-धीरे आसपास जंगल जैसा माहौल हो गया। इस बीच शिव भक्त सुखराम महाराज रोज मंदिर में शिवजी की सेवा करने लगे। मंदिर का जीर्णोद्धार होने के बाद अब बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं।
भेड़ाघाट से लाई गई थी शिवजी की संगमरमर की मूर्ति
श्री तपोवन मंदिर ट्रस्ट की ओर से उद्योग भवन के पास, जिला कंपाउंड, सिविल लाइन में संचालित शिव मंदिर करीब 50 साल पुराना है। 27 साल पहले जबलपुर के भेड़ाघाट से शिवजी की प्रतिमा लाकर स्थापित की गई है। साथ ही हनुमान मंदिर में आशीर्वाद मुद्रा वाली मूर्ति चित्रकूट से 25 साल पहले लाई गई थी। मंदिर के सचिव भोजराज पाइक के अनुसार ट्रस्ट द्वारा महाशिवरात्रि पर दूध और साबूदाना की खिचड़ी का महाप्रसाद वितरण किया जाता है। हर गुरुवार को महाप्रसाद रहता है। ट्रस्ट द्वारा गरीबों की सेवा भी की जाती है। कई लोगों का विवाह ट्रस्ट द्वारा किया गया। मंदिर के पुजारी प्रदीप पांडे हैं।
Created On :   26 Feb 2025 5:35 PM IST