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Nagpur News: जिला नियोजन समिति में स्थान पाने के इच्छुकों की भरमार, पालकमंत्री ने बुलायी बैठक
- जिला परिषद चुनाव की तैयारी का दिख सकता है इफेक्ट
- जिला नियोजन समिति में स्थान पाने के इच्छुकों की भरमार
Nagpur News. जिला नियोजन समिति को बर्खास्त करने के बाद समिति की पहली पहली बैठक 1 फरवरी को पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षता में होगी। इस बैठक में नई समिति तैयार करने के संकेत मिल सकते हैं। इस समिति में स्थान पाने के इच्छुकों की भरमार है। हालांकि विकास कार्य के लिहाज से देखा जाए तो यह समिति जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लिए अधिक महत्वपूर्ण है। समिति में सदस्य नियुक्ति का सर्वाधिकार पालकमंत्री के पास रहता है। लिहाजा माना जा रहा है कि जिला परिषद चुनाव की तैयारी का इफेक्ट इस समिति पर दिख सकता है।
क्या काम करती है समिति
जिला नियोजन समिति का काम विकास कार्ययोजनाओं का प्रारुप तैयार करना होता है। इसके अंतर्गत पंचायत व नगरपरिषद के कार्यक्षेत्र को एकत्र करके विकास योजना प्रारुप तैयार किया जाता है। नागपुर जिले में इस समिति में मनपा क्षेत्र का भी समावेश किया गया है। खास बात है कि इस समिति में सत्ता पक्ष के कार्यकर्ताओं का समायोजन किया जाता है। समिति में विधानसभा सदस्य , विधानपरिषद सदस्य पदेन सदस्य नियुक्त हाेते हैं। अन्य सदस्यों की नियुक्ति सत्तापक्ष करता है। समिति का अध्यक्ष पालकमंत्री व सचिव जिलाधिकारी होता है।
रहती है अड़चन
जिला नियोजन समिति में स्थान पाने के लिए सत्तापक्ष में इच्छुकों की भरमार रहती है। लिहाजा कई बार सत्तापक्ष अड़चन महसूस करने लगता है। महाविकास आघाडी सरकार के समय इस समिति में सदस्यों की समुचित नियुक्ति नहीं हो पायी थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महायुति की सरकार बनी तब भी प्रमुख सत्ता पक्ष अड़चन में रहा। महायुति में शामिल राकांपा अजित गुट व शिवसेना शिंदे गुट से 6-6 सदस्य नियुक्त किए गए। लेकिन भाजपा अपने निर्धारित सदस्य नियुक्त नहीं कर पायी। समिति में दो प्रमुख गट रहता है। इनमें कार्यकारी गट के तौर पर लघु गट का महत्व रहता है। देवेंद्र फडणवीस पालकमंत्री बने तब लघु गट में फडणवीस के अलावा चंद्रशेखर बावनकुले, प्रवीण दटके व पिंटू झलके के अलावा शिवसेना शिंदे से कृपाल तुमाने काे शामिल किया गया था। राकांपा अजित गुट को स्थान नहीं मिल पाया था। भाजपा ने सुधीर पारवे, राजीव पोतदार, अशाेक धोटे, चरणसिंह ठाकुर को समिति में स्थान दिया था। समिति के सामान्य समझे जानेवाले बड़े गट में शिवसेना शिंदे के सूरज गोजे, मंगेश काशीकर, अमित कातुरे को स्थान मिला था। राकांपा अजित के अनिल अहिरकर, श्रीकांत शिवणकर सदस्य नियुक्त किए गए थे।
क्या हो सकता है
समिति से जुड़े एक पदाधिकारी के अनुसार-सरकार ने 28 जनवरी को अचानक परिपत्रक जारी कर समिति को बर्खास्त किया। सदस्यों को सूचना तक नहीं दी गई। वही स्थिति सदस्य नियुक्ति को लेकर हो सकती है। फिलहाल भाजपा ने मित्रदलों ने सदस्य नियुक्ति के लिए नामाें की सूची नहीं मांगी है। जिला परिषद में कांग्रेस के नेतृत्व की सत्ता रही है। भाजपा बहुमत के साथ जिप की सत्ता में लौटने के लिए प्रयास कर रही है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं को विशेष तौर से जिला नियोजन समिति में स्थान दिलाया जा सकता है।
Created On :   30 Jan 2025 8:54 PM IST