Nagpur News: स्टार्ट अप पर बैंकों का ब्रेक , लापरवाही के चलते कई आवेदक लाभ से वंचित

स्टार्ट अप पर बैंकों का ब्रेक , लापरवाही के चलते कई आवेदक लाभ से वंचित
  • 2700 में से सिर्फ 582 आवेदनों को ही मंजूरी
  • कर्मचारियों की कमी का हवाला दिया जा रहा

Nagpur News राज्य सरकार युवाओं के कौशल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई नई योजनाएं ला रही है, लेकिन बैंकों के टाल-मटोल रवैए से उन पर ब्रेक लगता हुआ नजर आ रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना (सीएमईजीपी) के तहत इस वर्ष 2,700 में से केवल 582 आवेदनों को ही मंजूरी मिल पाई है। बैंकों से पूछताछ करने पर उन्होंने कर्मचारियों की कमी का हवाला दिया है।

उचित जवाब नहीं मिलता : राज्य सरकार द्वारा लायी गयी मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना (सीएमईजीपी), जो नए उद्योगों को स्थापित कर बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन का उद्देश्य रखती है, बैंकों की लापरवाही के कारण अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं कर पा रही है। योजना के अंतर्गत उद्योग स्थापित करने वाले लाभार्थियों को सब्सिडी प्रदान की जाती है, जो उद्योग निदेशालय द्वारा नामित बैंकों के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाती है। हालांकि, बैंकों द्वारा आवेदकों को उचित जवाब नहीं दिए जाने और पर्याप्त जानकारी प्रदान न करने के कारण कई लोग इस योजना का लाभ लेने से वंचित रह रहे हैं।

बैंकिंग व्यवहार में सुधार जरूरी : जिला उद्योग केंद्र, नागपुर में यह आवेदन नि:शुल्क भरा जाता है, लेकिन बैंकों के उदासीन रवैये और नागरिकों में योजना की पर्याप्त जानकारी न होने के कारण कई लोग इससे वंचित रह रहे हैं। योजना में कुल 13 शासकीय बैंकों की भागीदारी है।

उद्देश्य-नए उद्योगों को बढ़ावा देना : जिला उद्योग केंद्र, नागपुर के महाव्यवस्थापक शिवकुमार मुद्दमवार ने बताया कि नागपुर में इस योजना को सफल बनाने में जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर का बहुमूल्य सहयोग रहा है। इस योजना का उद्देश्य जिले में नए उद्योगों को बढ़ावा देना है। इस वर्ष अधिक से अधिक नागरिकों को इस योजना का लाभ मिले, यह हमारी प्राथमिकता है। सरकार अब इस योजना के प्रचार-प्रसार में सुधार और बैंकों के कामकाज पर कड़ी निगरानी रखने की दिशा में कदम उठा सकती है, ताकि अधिक लोग इस योजना का लाभ ले सकें।

लाभार्थी पात्रता : इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को 5 लाख से 50 लाख तक का कर्ज दिया जाता है, जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जमाति, महिलाओं को केवल 5 प्रतिशत स्वयं भागीदारी तथा इतर प्रवर्ग को 10 प्रतिशत स्वयं भागीदारी पर कर्ज मुहैया कराया जाता है। योजना में लाभार्थी की आयु सीमा 18 से 45 वर्ष होनी चाहिए, आवेदक महाराष्ट्र का निवासी होना चाहिए, 10 से 25 लाख रुपये की परियोजना लागत वाले आवेदकों को कम से कम 7वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए, 25 लाख रुपए की परियोजना लागत के लिए आवेदक को कम से कम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए।


Created On :   6 March 2025 11:32 AM IST

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