Nagpur News: शक्तिपीठ में उपजाऊ और सिंचित भूमि का नहीं होगा अधिग्रहण

शक्तिपीठ  में उपजाऊ और सिंचित भूमि का नहीं होगा अधिग्रहण
  • किसानों के विरोध को देखते हुए नए सिरे से भूमि का अधिग्रहण होगा
  • राज्य के 12 जिले होंगे कवर

Nagpur News महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम ने किसानों के विरोध को देखते हुए महाराष्ट्र शक्तिपीठ राजमार्ग के लिए उपजाऊ और सिंचित भूमि अधिग्रहित नहीं करने का निर्णय लिया है। नए सिरे से भूमि का अधिग्रहण करने को कहा गया है। एमएसआरडीसी ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। नए सिरे से जमीन अधिग्रहित करने के निर्णय से महामार्ग की लंबाई में मामूली अंतर आ सकता है। वर्धा जिले के पवनार से सिंधुदुर्ग तक बननेवाले इस शक्तिपीठ से राज्य के 12 जिले कवर होंगे और नागपुर से गोवा जाने के लिए समय की बचत होगी।

प्रस्तावित महाराष्ट्र शक्ति पीठ महामार्ग के लिए 9,385.36 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करने की योजना है। स्थानीय लोगों के विरोध के कारण कोल्हापुर जिले के भुदरगढ़, करवीर, अजरा, हातकणंगले, शिरोल और कागल तालुकाओं में भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को स्थगित किया गया है। यदि योजना में कोई परिवर्तन होता है तो अधिग्रहित क्षेत्र में परिवर्तन हो सकता है तथा भूमि अधिग्रहण का कार्य किसानों की सहमति से ही किया जाएगा। स्थानीय नागरिकों की मांग के अनुरूप सभी प्रासंगिक योजनाओं में समुचित परिवर्तन करने हेतु कार्यवाही की गई है। मार्च 2023 में बजट सत्र में महामार्ग की घोषणा की गई थी, लेकिन किसानों के विरोध को देखते हुए प्रोजेक्ट पूरा होने में बहुत देरी होने की संभावना है।

महाराष्ट्र शक्ति पीठ महामार्ग महाराष्ट्र के 12 जिलों से यानी वर्धा, यवतमाल, हिंगोली, नांदेड़, परभणी, बीड, लातूर, धाराशिव, सोलापुर, सांगली, कोल्हापुर और सिंधुदुर्ग से गोवा-महाराष्ट्र सीमा तक जोड़ने के लिए प्रस्तावित किया गया है। सरकार ने पवनार (वर्धा) से पत्रादेवी (सिंधुदुर्ग) महाराष्ट्र-गोवा बॉर्डर एक्सप्रेसवे (महाराष्ट्र शक्तिपीठ महामार्ग) के अंतिम डिजाइन को 07. फरवरी 2024 को स्वीकृति प्रदान की। प्रस्तावित महाराष्ट्र शक्तिपीठ महामार्ग की अनुमानित लंबाई 802.592 किमी है। इसके अलावा, भूमि अधिग्रहण सहित परियोजना की अनुमानित लागत रु. 86,358.90 करोड़ रुपये की लागत से परियोजना का कार्य 3 वर्ष की अवधि में पूरा किया जा सकेगा। इसके लिए लगभग 9385.36 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करना होगा।

समृद्धि महामार्ग के बाद प्रस्तावित शक्तिपीठ महामार्ग व कोंकण महामार्ग राज्य के 36 में से 23 जिलों से होकर गुजरेगा। कृषि और अन्य माल परिवहन की लागत को कम करने में मदद मिलेगी।

यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के प्रमुख शक्तिपीठों माहुर, तुलजापुर और कोल्हापुर को जोड़ेगा, साथ ही मराठी के प्रथम कवि संत मुकुंदराज स्वामी और जोगाई देवी की जन्मस्थली अम्बेजोगाई के तीर्थ स्थल को भी जोड़ेगा। औंढानागनाथ और परली वैद्यनाथ में 12 ज्योतिर्लिंग में से 2 तथा महाराष्ट्र के सबसे पूजनीय पंढरपुर में विट्ठल-रुखमाई मंदिर को भी जोड़ा जाएगा। इसी तरह, कारंजा (लाड), माहुर, अक्कलकोट, गंगापुर, नरसोबाची वाडी और दत्त गुरु के स्थान औंदुबर जैसे धार्मिक स्थलों को भी सुविधाएं मिलेगी।


Created On :   25 Jan 2025 6:07 PM IST

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