Nagpur News: सरकारी अस्पताल में देश की पहली रोबोटिक बायपास सर्जरी, अब तो एआई का है जमाना

सरकारी अस्पताल में देश की पहली रोबोटिक बायपास सर्जरी, अब तो एआई का है जमाना
  • यह एआई पद्धति की एडवांस सर्जरी सिस्टम है : डॉ. गजभिये
  • 15 दिन इंतजार, टेलीसर्जरी का पहला केंद्र होगा मेडिकल
  • मरीज में 90 फीसदी ब्लॉकेज
  • सामान्य से 10 गुना ज्यादा प्रभावी

Nagpur News. शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) के नाम एक बड़ी उपलब्धि शामिल हुई है। देश में मेडिकल पहला ऐसा सरकारी अस्पताल बन गया है, जहां पहली रोबोटिक बायपास सर्जरी सफलता पूर्वक की गई है। 55 साल की महिला की हार्ट में 90 फीसदी ब्लॉकेज थे। रोबोटिक सर्जरी से सारे ब्लाकेज साफ किए गए, जिससे मरीज को नया जीवन मिला है।

सामान्य से 10 गुना ज्यादा प्रभावी

मेडिकल में सालभर पहले रोबोटिक सर्जरी यूनिट की शुरुआत हुई थी। तबसे अब तक 200 छोटी बड़ी सर्जरी हो चुकी हैं। रोबोटिक बायपास सजरी पहली है। इस संबंध में आयोजित पत्र परिषद में अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये ने बताया कि मेडिकल देश का पहला ऐसा सरकारी हॉस्पिटल है, जहां रोबोट के माध्यम से सालभर में सर्वाधिक सर्जरी की गई है। नियमित होने वाली बायपास सर्जरी में कई तरह की समस्याएं आती हैं। रोबोटिक में यह समस्या नहीं आती। सुपर स्पेशलिटी के सीवीटीएस विभाग प्रमुख डॉ. सतीश दास ने रोबोटिक बायपास सर्जरी की। उन्होंने बताया कि सामान्य बायपास में मरीजों की छाती को बड़ा चीरा लगाना पड़ता है, जबकि रोबोटिक में की-होल के माध्यम से सर्जरी की जाती है। यह एआई पद्धति की एडवांस सर्जरी सिस्टम है। इसमें मात्र 10 एमएम का चीरा लगाकर रोबोट के माध्यम से भीतर सर्जरी की जाती है। इसमें रक्त सुरक्षा, दर्द व रक्तस्राव कम होता है। इसके अलावा सक्रमण का डर भी नहीं होता है और मरीज की रिकवरी जल्दी होती है।

मरीज में 90 फीसदी ब्लॉकेज

बड़ा ताजबाग निवासी 55 साल की शहनाज बेगम को 26 जनवरी को भर्ती किया गया था। उसकी छाती में दर्द था। ईसीजी व एंजियोग्राफी जांच में पता चला कि उसे हार्टअटैक आया है। उसके हार्ट में 90 फीसदी ब्लॉकेज पाए गए। तब मेडिकल व सुपर स्पेशलिटी के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने रोबोटिक सर्जरी का विकल्प चुना। यह सामान्य सर्जरी से 10 गुना आसानी से होती है। निजी अस्पतालों में इसका खर्च 10 से 20 लाख रुपए तक आता है, जबकि मेडिकल में यह सर्जरी मुफ्त में की जाती है। पत्र परिषद में डॉ. सुधीर श्रीवास्तव, डॉ. अविनाश गावंडे, डॉ. बतकल, डॉ. कुणाल रेवतकर, डॉ. आशीष, डॉ. वलिमा फातेमा, डॉ. योगेश झंवर, डॉ. केतकी रामटेके, डॉ. भूपेश तिरपुडे, डॉ. हेमंत भनारकर, डॉ. गायत्री देशपांडे, डॉ. विक्रांत आकुलवार आदि उपस्थित थे।

टेलीसर्जरी के लिए शुरू है प्रशिक्षण

मेडिकल में 15 दिन में टेलीसर्जरी शुरू हो जाएगी। इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की व सहायक डॉक्टरों की टीम प्रशिक्षण ले रही है। बताया गया कि टेलीसर्जरी में विशेषज्ञ डॉक्टर देश-दुनिया में बैठकर सर्जरी कर सकता है। मरीज की निगरानी के लिए विशेष टीम होगी। सर्जरी के स्पेशलिस्ट डॉक्टर दूर रहकर भी आसानी से दिशा-निर्देश देकर सर्जरी को सफलता पूर्वक पूरी कर सकेंगे।

Created On :   1 March 2025 7:47 PM IST

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