Nagpur News: रामदेवबाबा यूनिवर्सिटी की अनुसंधान में ऊंची उड़ान, 270 पेटेंट्स को मंजूरी

रामदेवबाबा यूनिवर्सिटी की अनुसंधान में ऊंची उड़ान, 270 पेटेंट्स को मंजूरी
  • तीन वर्षों में 990 बौद्धिक संपदा का पंजीकरण
  • विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए

Nagpur News रामदेवबाबा विश्वविद्यालय (आरबीयू) ने अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए पिछले तीन वर्षों में 270 भारतीय पेटेंट्स प्राप्त किए हैं। 610 पेटेंट्स प्रकाशित हुए हैं। वहीं 300 कॉपीराइट्स और 990 से अधिक बौद्धिक संपदा अधिकार पंजीकरण प्राप्त करने का रिकॉर्ड बनाया है। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय की निरंतर अनुसंधान और नवाचार-प्रेरित पारिस्थितिकी तंत्र की सफलता को दर्शाती है, जिसके परिणामस्वरूप छात्रों, शोधकर्ताओं और प्रोफेसरों से नवीन स्टार्टअप का उदय हो रहा है। रामदेवबाबा विश्वविद्यालय में आयोजित पत्र परिषद में विश्वविद्यालय के कुलगुरू डॉ. राजेश पांडे ने यह जानकारी दी।

80% पेटेंट्स छात्र या विभाग के : डॉ. पांडे ने बताया कि, विश्वविद्यालय के पेटेंट्स में फॉस्फोर-आधारित सॉलिड स्टेट लाइटिंग, जैविक चिकित्सा उपकरण, एआई आधारित आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली स्वचालन, 5जी तकनीकी विकास और अन्य अत्याधुनिक तकनीकी क्षेत्रों में नवाचार शामिल है। विश्वविद्यालय के कई पेटेंट्स स्टार्टअप्स में रूपांतरित हो चुके हैं, जिनमें से कुछ ने विभिन्न सरकारी एजेंसियों से फंडिंग प्राप्त की है और अपने विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

उल्लेखनीय है कि, कुल पेटेंट्स में से 80 प्रतिशत पेटेंट्स छात्र या विभाग के हैं। रामदेवबाबा विश्वविद्यालय ने "आरसीओईएम टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर' की स्थापना की है, जो एक सेक्शन 8 कंपनी है और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने में काम कर रही है। विश्वविद्यालय ने उद्योग-समर्थित कई परियोजनाओं को लेकर पेटेंट्स प्राप्त किए हैं, जो उद्योगों की वास्तविक समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।

अब तक इस इनक्यूबेटर ने 60 से अधिक स्टार्टअप को समर्थन दिया है, जिनमें से कुछ ने सरकारी एजेंसियों और निवेशकों से पृष्ठभूमि प्राप्त की है। डॉ. पांडे ने यह भी बताया कि, विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में "डिजाइन थिंकिंग', "नवाचार' और "उद्यमिता' जैसे विषयों का समावेश किया गया है, ताकि छात्रों में नवाचार-उन्मुख मानसिकता को बढ़ावा दिया जा सके। पत्र परिषद में प्राचार्य डॉ. मनोज चांडक, अनुसंधान एवं विकास निदेशक डॉ. डी. एस. अदाणे, आईक्यूएसी निदेशक डाॅ. ए.ए. खुर्शीद, अनुसंधान एवं विकास उप निदेशक डॉ. जयू कलंबे, आपीआर समन्वयक डॉ. भालचंद्र हरदास उपस्थित थे।

100 से अधिक स्टार्टअप का निर्माण : रामदेवबाबा विश्ववि‌द्यालय की नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण पहल "आरजीएसटीसी-एमएसएमई' इनोवेशन प्रोग्राम है, जिसे राजीव गांधी विज्ञान और प्रौद्योगिकी आयोग द्वारा वित्त प्रदान किया जाता है। इस पहल के तहत 120 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को तकनीकी सहायता प्रदान की गई है, जिसके परिणामस्वरूप 100 से अधिक स्टार्टअप का निर्माण हुआ है।


Created On :   19 March 2025 12:12 PM IST

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