Nagpur News: मनोरोगी भाई को आखिरकार जिला विधि सेवा प्राधिकरण ने ढूंढ निकाला

मनोरोगी भाई को आखिरकार जिला विधि सेवा प्राधिकरण ने ढूंढ निकाला
  • लापता 48 वर्षीय मानसिक रूप से बीमार भाई की तलाश थी
  • पिछले साढ़े तीन माह से वह भाई की तलाश में सड़कों पर भटक रहा था
  • अपने भाई से मिला, तो उसकी आंखें छलक आईं

Nagpur News. बुलढाणा के 63 वर्षीय अण्णा बेर्डे (बदला हुआ नाम), जो अपने लापता 48 वर्षीय मानसिक रूप से बीमार भाई की तलाश कर रहा था। अंततः उसको शनिवार, 15 फरवरी को सफलता मिली। पिछले साढ़े तीन माह से वह भाई की तलाश में सड़कों पर भटक रहा था। जब वह अपने भाई से मिला, तो उसकी आंखें छलक आईं। इस कठिन समय में जिला विधि सेवा प्राधिकरण, नागपुर की कानूनी सेवा टीम उनकी मदद के लिए मौजूद रही।

मामला कुछ इस तरह है। 29 अक्टूबर 2024 को जब अण्णा नागपुर के मोरभवन बस स्टेशन क्षेत्र में कार ढूंढ रहे थे, तब उनके साथ मौजूद मानसिक रूप से बीमार भाई ओमप्रकाश (बदला हुआ नाम) लापता हो गया। उन्होंने सीताबर्डी पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई और उसके बाद खुद ही नागपुर शहर की गलियों में भाई खोजबीन शुरू कर दी। मंदिरों, धार्मिक स्थलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों सहित वर्धा, चंद्रपुर, अमरावती, सावनेर, वाकी आदि में लगातार खोज के बाद भी भाई नहीं मिलने पर उन्होंने अंततः नागपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को फोन किया। कानूनी सेवा दल तुरंत उनकी सहायता के लिए पहुंचा और उनकी कठिन यात्रा का सुखद अंत हुआ।

खोज यवतमाल में खत्म हुई | शहर के फुटेज की जांच की गई। जिसमें भाई रहाटे कॉलोनी चौक, वर्धा रोड की ओर जाते दिखा। वर्धा और यवतमाल में ऐसे व्यक्तियों के लिए काम करने वाले संगठनों के सोशल मीडिया पर फुटेज डाले। पश्चात अण्णा ने नंदादीप फाउंडेशन, यवतमाल के एक वीडियो में एक व्यक्ति की पहचान अपने लापता भाई के रूप में की। विधिक सेवा टीम तत्काल नंदादीप फाउंडेशन, यवतमाल पहुंची, तो वहां अण्णा को अपना लापता भाई मिल गया और अण्णा की पिछले साढ़े तीन महीने से जारी खोज आखिरकार समाप्त हो गई।

बौद्धिक रूप से अक्षम लोगों के लिए गठित है सेवा दल | नागपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी.पी. सुराना ने नागपुर शहर में मानसिक रूप से बीमार और बौद्धिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए न्यायाधीश सचिन एस. पाटील, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नागपुर के नेतृत्व में गठित मानसिक विधिक सेवा दल, धर्मार्थ संगठनों, नागपुर पुलिस विभाग, सरकारी अस्पताल के सहयोग से शहर में अपने परिवार से बिछड़े हुए मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों की खोज करता है और सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करता है। यह उन्हें उपचार और सुरक्षा के लिए प्रादेशिक मनोरोग अस्पताल, नागपुर में भर्ती कराने के लिए एक अभियान भी चलाता है।

Created On :   16 Feb 2025 8:26 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story