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Nagpur News: पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा - राकांपा को फिर से खड़ी करेंगे, बनाएंगे रणनीति
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- पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने की दैनिक भास्कर से चर्चा
- अपने बल पर चुनाव लड़ने का निर्णय नहीं
- निकाय चुनावों के लिए आघाड़ी नेताओं की चर्चा बाकी है
Nagpur News. राकांपा शरदचंद्र पवार की संगठनात्मक स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है। विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद पार्टी में निराशा को दूर करने की व्यापक रणनीति तैयार की जा रही है। राकांपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि मुंबई में पार्टी की संसदीय समिति की बैठक में राकांपा की संगठनात्मक स्थिति के अलावा स्थानीय निकाय संस्थाओं के चुनाव के संबंध में भी चर्चा होगी। फिलहाल महाविकास आघाड़ी ने निकाय संस्था चुनाव को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है। अकेले बल पर चुनाव लड़ने का दावा कुछ नेता, कार्यकर्ता तक ही सीमित हैं। चुनाव में गठबंधन को लेकर आघाड़ी के प्रमुख नेताओं में चर्चा बाकी है।
इस पर अमल
शनिवार को दैनिक भास्कर के संपादकीय सहयोगियों से देशमुख ने विविध विषयों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि 8 व 9 जनवरी को मुंबई में राकांपा की संसदीय समिति की बैठक होगी। पार्टी प्रमुख शरद पवार की उपस्थिति में संगठन कार्य की समीक्षा होगी। प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने पहले ही कहा है कि संगठन की जिम्मेदारी से उन्हें मुक्त किया जाए। पाटील व अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों की सहमति से ही नए संगठनात्मक कार्यों पर अमल किया जाएगा।
ईवीएम में गड़बड़ी
विधानसभा चुनाव का परिणाम विश्वास करने योग्य नहीं है। ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों को निराधार नहीं कहा जा सकता है। जनता भी यह मानने को तैयार नहीं है कि महायुति का भरपूर बहुमत मिला। चुनाव के समय लग रहा था कि राज्य में सत्ता परिवर्तन लगभग तय है, लेकिन परिणाम देखकर लगता है कि बोगस मतदान भी कम नहीं हुए होंगे।
विप की थी तैयारी
देशमुख ने कहा-मैंने विधानपरिषद की तैयारी की थी। महाविकास आघाड़ी के नेतृत्व में सरकार बनना लगभग तय माना जा रहा था। शरद पवार के कहने पर सलिल देशमुख को विधानसभा की उम्मीदवारी दी गई। सलिल ने जिला परिषद के माध्यम से क्षेत्र में व्यापक जनाधार तैयार किया है। भाजपा व महायुति में सबकुछ ठीक नहीं है। 17 मंत्रियों ने अब भी पदभार नहीं संभाला है।
शहरी नक्सल समस्या
राज्य में शहरी नक्सल की समस्या से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसे रोकने के लिए विशेष कानून बनाने की आवश्यकता है। मुंबई में भी नक्सलियों के कार्यालय पाए गए हैं। नक्सलियों के विरोध में सरकार के प्रत्येक कदम का समर्थन ही किया जाएगा।
Created On :   29 Dec 2024 7:19 PM IST