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Nagpur News: पर्यटकों ने बाघों को रोका, वन विभाग ने मांगी माफी
- दिशा-निर्देश तैयार करने विशेष समिति का गठन
- वन विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार
Nagpur News उमरेड-करांडला अभयारण्य में पर्यटकों ने एफ-2 बाघिन और उसके पांच शावकों का रास्ता रोका था। इस पर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने गंभीरता से स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर की और वन विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। इसके चलते शुक्रवार हुई सुनवाई में अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने बाघों को रोकने के मामले में कोर्ट से माफी मांगी। साथ ही उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जिप्सी चालक, गाइड और पर्यटकों के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने एक विशेष समिति गठित की गई है।
अदालत ने स्पष्टीकरण मांगा था : मामले पर न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। 31 दिसंबर को उमरेड-करांडला अभयारण्य में पर्यटकों ने बाघों का रास्ता रोका था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया तथा विभिन्न समाचार पत्रों में इसकी खबरें प्रकाशित हुईं। हाई कोर्ट ने इस पर गंभीर संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर की और इस सारे मामले में वन विभाग से स्पष्टीकरण मांगा था। कोर्ट के आदेश के अनुसार अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने शुक्रवार को कार्ट में शपथ-पत्र दाखिल किया। उन्होंने शपथ-पत्र के माध्यम से आश्वासन दिया कि अभयारण्य में हुई घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
अब टूरिस्ट के लिए दिशा-निर्देश : महाराष्ट्र वन अधिनियम, 2014 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत घटना की जांच चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए विभागीय वन अधिकारी, सहायक वन संरक्षक और क्षेत्रीय वन अधिकारी की एक विशेष समिति गठित की गई है। वन विभाग ने कोर्ट को यह भी बताया गया कि यह समिति पर्यटकों के लिए दिशा-निर्देश तैयार करेगी। इस पर कोर्ट ने वन विभाग को 18 जनवरी तक यह रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए।
अगली सुनवाई 20 जनवरी को : कोर्ट ने वन विभाग द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर संतोष जताया, लेकिन यह भी कहा कि और इस मामले में अधिक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। साथ ही कोर्ट ने इस मामले में एड. सुधीर वाेडीतेल को न्यायालय मित्र के रूप में नियुक्त किया। राज्य सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील तथा वरिष्ठ विधिज्ञ देवेन चौहान ने पैरवी की। याचिका पर अब अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
Created On :   11 Jan 2025 6:54 PM IST