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Nagpur News: परीक्षा का डर : हैलो, काउंसलर सर...पढ़ा याद नहीं रहता, क्या करूं, रोज फोन कर रहे औसतन 25 छात्र
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- पढ़ाई कैसे करें, यह सवाल सबसे ज्यादा पूछा जा रहा
- कक्षा 10वीं के छात्र 12वीं वालों से अधिक चिंतित
Nagpur News महाराष्ट्र बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा हाल ही में शुरू हुई है। 21 फरवरी से 10वीं बोर्ड की परीक्षा भी शुरू होने जा रही है। बोर्ड की परीक्षा होने के कारण छात्रों को परीक्षा से पहले और परीक्षा के दौरान काफी दबाव का सामना करना पड़ता है। छात्रों को सबसे ज्यादा चिंता इस बात होती है कि उनका पेपर कैसा जाएगा? परीक्षा के इसी डर से नागपुर जिले में प्रतिदिन 20 से 25 छात्र काउंसलर को फोन कर विभिन्न प्रश्नों का समाधान पूछ रहे है। काउंसलरों के मुताबिक छात्रों के सामने सबसे बड़ी चुनौती पढ़ा हुआ याद नहीं रहने की है। इसके साथ ही, पढ़ाई कैसे करें और परीक्षा के दौरान समय की योजना कैसे बनाएं? इस बारे में भी खूब सवाल पूछे जा रहे हैं।
12 काउंसलर को सौंपी यह जिम्मेदारी : नागपुर विभागीय बोर्ड की ओर से 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा शुरू होने के 15 दिन पहले काउंसलर के फोन नंबर जारी किए गए। नागपुर के अलावा चंद्रपुर, गोंदिया, भंडारा, वर्धा और गड़चिरोली जिले के लिए 12 काउंसलर को यह जिम्मेदारी दी गई है। नागपुर जिले में प्रतिमा मोरे और विशाल गोस्वामी काउंसलर के रूप में काम कर रहे हैं। उनके पास प्रतिदिन आ रहे छात्रों के फोन और छात्रों द्वारा पूछे जा रहे विभिन्न सवालों के आधार पर उन्होंने यह जानकारी दी।
4 माह तक जारी रहेगी काउंसलिंग : काउंसलर प्रतिमा मोरे ने बताया कि, प्रतिदिन 20 से 25 छात्र काउंसलिंग के लिए फोन करते हैं। इसमें छात्र आमतौर पर कई तरह के सवाल पूछते हैं जैसे याद न कर पाना, पढ़ा हुआ तुरंत भूल जाना, परीक्षा का डर कैसे दूर किया जाए। इसके अलावा पढ़ाई कैसे करें, पढ़ाई और परीक्षा के दौरान अपने समय की योजना कैसे बनाएं, इस बारे में भी छात्र बहुत सारे प्रश्न पूछते हैं। कभी कभी उनके अभिभावक भी छात्रों के साथ सवाल पूछते हैं। केवल कक्षा 12वीं ही नहीं, कक्षा 10वीं के भी छात्र बड़ी संख्या में काउंसलिंग के लिए फोन करते हैं। चूंकि कक्षा 10 के छात्र पहली बार बोर्ड परीक्षा दे रहे हैं, इसलिए वे कक्षा 12 के छात्रों की तुलना में अधिक चिंतित होते हैं। प्रतिमा मोरे ने यह भी कहा कि, परीक्षा शुरू होने से पहले से लेकर परिणाम घोषित होने और प्रवेश लेने तक यानी करीब 4 महीने यह काउंसलिंग का काम जारी रहता है।
पहले पेपर के बाद डर में कमी : काउंसलर प्रतिमा मोरे ने बताया कि, ज्यादातर परीक्षा शुरू होने के पहले ही छात्रों के काउंसलिंग के लिए फोन आते है, लेकिन जैसे ही पहला पेपर होता है, वैसे ही परीक्षा को लेकर छात्रों के मन में जो डर था, वह धीरे धीरे कम होता जाता है। पहले पेपर के बाद छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ता है। जिस कारण परीक्षा शुरू होने के बाद काउंसलिंग के लिए फोन करने वाले छात्रों की संख्या कम हो जाती है।
गंभीर सवालों पर अलग से काउंसलिंग : काउंसलर विशाल गोस्वामी ने कहा कि, परीक्षा से संबंधित छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का समाधान 5 से 10 मिनट के भीतर दिया जाता है। हालाँकि, कभी-कभी कुछ छात्र घर के बारे में कुछ गंभीर प्रश्न पूछते हैं। ऐसे समय में फोन पर इनका समाधान संभव नहीं होता। इसलिए, उन्हें अक्सर व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए बुलाया जाता है और परामर्श दिया जाता है।
Created On :   18 Feb 2025 3:49 PM IST