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Nagpur News: नागपुर जीआरपी ने ओडिशा से पकड़ा गांजा बेचने वाले मुख्य आरोपी को
- जुलाई महीने में नागपुर स्टेशन पर पकड़ा था 32 किलो गांजा
- 4 आरोपियों को किया था गिरफ्ता
- विक्रेता था मुख्य आरोपी विक्रेता था मुख्य आरोपी
Nagpur News नागपुर रेलवे स्टेशन पर गत 2 महीने पहले नागपुर जीआरपी ने एक गाड़ी में 4 गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों में गांजा बेचनेवाले मुख्य आरोपी की तलाश पुलिस गत 2 महीने से कर रही थी। लेकिन वह हाथ नहीं आ रहा था। आखिरकार उसे ओडिशा राज्य के नक्सलवादी संवेदनशील इलाके से पकड़ा गया है। जिसे नागपुर लाकर पुलिस पूछताछ कर रही है। उपरोक्त कार्रवाई जीआरपी पुलिस अधीक्षक डॉ. अक्षय शिंदे, उपविभागिीय पुलिस अधिकारी पांडुरंग सोनवणे, उप अधीक्षक मुख्यालय रविंद्र शिंदे के मार्गदर्शन में हुई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 13 जुलाई को एनडीपीएस सेल ने गाड़ी में गांजा ले जाते हुए चार आरोपी को पकड़ा था। इन आरोपियों में रविद्र राय (29), अमित कुमार मिश्रा (29) दोनों निवासी मध्यप्रदेश, भारतेन्द्र सिंह राजेन्द्र सिंह (24), विवेक राजा (18) दोनों निवासी उत्तर प्रदेश को पकड़ा था। चारों की तलाशी लेने में इनके पास 4 बैग में भरकर 32 किलो गांजा मिला था। मोबाइल आदि मिलाकर कुल 5 लाख 28 हजार का सामान मिला था। इस मामले की जांच पुलिस उप निरीक्षक स्थानिय अपराध शाखा के प्रविण भिमटे को दी गई थी। जिसके बाद आरोपियों से गहन पूछताछ में पता चला कि, आरोपियों को ओडिशा में नेपाली नाम के एक व्यक्ति न गांजा बेचा था। जांच में पता चला कि, आरोपी का नाम नेपाल जगदिश दुर्गा (31) निवासी ओरीसा है। ऐसे में पुलिस लंबे समय से इसकी तलाश में थी। लेकिन आरोपी हर बार पुलिस को चकमा देने में सफल हो जाता था। इस बार पुलिस को जानकारी मिली थी, कि आरोपी ओरीसा राज्य के नक्सलवादी अतिसंवेदनशील जगह पर छुपा है। नागपुर की टीम ने यहां जाकर आरोपी को गिरफ्तार किया। जिसके पास से 2 मोबाइल बरामद किये गये। आगे की कार्रवाई की जा रही है।
पूरी कार्रवाई स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक विकास कानपिल्लेवार के सूचना के आधार पर जांच अधिकारी के साथ पुलिस हवालदार श्रीकांत धोटे, महेन्द्र मानकर, चंद्रशेखर येडेकर, नितीन शेंडे, अविन गजवे, पुलिस सिपाही चंद्रशेखर मदनकर, राहुल यावले, मंगेश तितरमारे, विशाल शेडें, सितन गनवीर, पंकज बांते आदि ने मिलकर की है।
ट्रेन बन रही तस्करी का जरिया : कुछ समय पहले तक ट्रेन केवल पैसेंजर के लिए होती थी। लेकिन अब इसमें अपराधिक गतिविधियां भी घुलने लगी है। ट्रेनों को तस्करी का जरिया बनाया जा रहा है। जिसमें शराब, गांजे से लेकर सोने-चांदी तक तस्करी होती है। ऐसे में कई मामले रेलवे पुलिस ने पकडे भी है। बावजूद इनकी तस्करी कम नहीं हो रही है। खासकर गांजा का एक जगह से दुसरी जगह पहुंचाने के लिए रेलवे को मुख्य जरिया बनाया जा रहा है। कई बार तो बिना आरोपी गांजे को एक जगह से दुसरी जगह तक पहुंचाने का काम किया जाता है। ऐसे मामले नागपुर जीआरपी में एक दर्जन से ज्यादा दर्ज हुए हैं। जिसमें गांजा लावारिस हालत में ट्रेनों में पाया गया है।
Created On :   4 Oct 2024 4:43 PM IST