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Nagpur News: नागपुर जिले के बांधों में कम हो रहा पानी , जलसंकट का बढ़ा खतरा
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- पारा चढ़ने से पानी का वाष्पीकरण बढ़ा
- प्रशासन का दावा- नहीं होगा जलसंकट
Nagpur News इस साल फरवरी माह में ही गर्मी का प्रकोप शुरू हो गया है। ऐसे में वाष्पीकरण के बढ़ने से जिले के बांधों में तेजी से जलस्तर में कमी हो रही है। बड़े बांधों के साथ ही मध्यम और लघु बांधों में भी जलसंचय घट रहा है। ऐसे में गर्मी के दिनों में जिले में जलसंकट की स्थिति होने की संभावना बन रही है। जलसंपदा विभाग और मनपा का दावा है कि वाष्पीकरण तेज होने के बाद भी शहर में जलापूर्ति में कटौती अथवा जलसंकट की स्थिति नहीं होगी। मनपा ने फिलहाल जलापूर्ति में कटौती के लिए कोई योजना क्रियान्वित करने से इनकार किया है।
बांधों में जलसंचय की स्थिति : इस साल फरवरी माह में ही जिले के जलाशयों में जलस्तर में कमी होने लगी है। इससे जलसंकट हो सकता है, हालांकि मनपा के जलप्रदाय विभाग का दावा है कि इस साल भीषण गर्मी के बाद भी जलसंकट की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। कन्हान और तोतलाडोह में शहर में जलापूर्ति के लिए पर्याप्त जल आरक्षित रखा गया है। वाष्पीकरण का कोई असर नहीं पड़ेगा। दोनों जलाशयों से मनपा का जलप्रदाय विभाग प्रतिदिन करीब 700 एमएलडी पानी 30 लाख की आबादी के लिए लेता है। आंकड़ों के मुताबिक जिले के 5 बड़े बांधों में कुल जल क्षमता 1449 दशलक्ष घन मीटर है, इसमें से 894 दशलक्ष घ.मी. जलसंचय यानी करीब 62 फीसदी मौजूद है। हालांकि जिले के 12 मध्यम श्रेणी और 60 लघु श्रेणी के बांधों में भी जलस्तर में कमी हुई है। मध्यम श्रेणी के बांधों में 180 दशलक्ष घ. मी. जलसंचय क्षमता है। इसमें से 83 दशलक्ष घ.मी. जलसंचय ही बना हुआ है।
700 एमएलडी प्रतिदिन की जरूरत : जलप्रदाय विभाग प्रतिदिन तोतलाडोह से (500 एमएलडी) और कन्हान नदी से (200 एमएलडी) कुल 700 एमएलडी पानी लेता है। इस जल का शुद्धिकरण कर शहर को जलापूर्ति की जाती है। साल 2019 में जलसंकट के चलते मनपा को डेडस्टाक से पानी लेने की नौबत आ गई थी। ऐसे में जलस्तर के घटने से चिंता की स्थिति बन रही है, लेकिन मनपा के अधिकारियों का दावा है कि जिले के बड़े बांधों के वर्तमान जलसंचय को देखते हुए गर्मियों में जलापूर्ति में कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा।
संभाग में फिलहाल दिक्कत नहीं : जलसंपदा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक नागपुर समेत 6 जिलों में 16 बड़े बांध, मध्यम श्रेणी के 42 और लघु श्रेणी के 320 बांध मौजूद हैं। तेज धूप के चलते वाष्पीकरण तेज हुआ है। संभाग में मध्यम श्रेणी के बांधों में 66 फीसदी जलस्तर अब भी बना रहने से किसानों को भी सिंचाई के लिए जल मुहैया कराया जाएगा। दूसरी ओर 320 लधु श्रेणी के बांधों में भी 74 फीसदी जल भंडारण मौजूद है। हालांकि तेज धूप के चलते मई माह में संभाग में जलापूर्ति में कटौती की नौबत आ सकती है।
जलापूर्ति पर नहीं होगा असर : शहर में जलापूर्ति के लिए दो बांधों से पानी लिया जाता है। सिंचाई विभाग से अक्टूबर माह में ही जलापूर्ति के लिए जलसंचय का आरक्षण हो जाता है। ऐसे में वाष्पीकरण होने से भी जलापूर्ति पर संकट की स्थिति नहीं बनेगी। मनपा प्रशासन से वैकल्पिक रूप में इस्तेमाल के लिए 450 सार्वजनिक कुंओं की सफाई भी शुरू कर दी है। - श्रीकांत वाईकर, कार्यकारी अभियंता, जलप्रदाय विभाग, मनपा
Created On :   22 Feb 2025 7:31 PM IST