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Nagpur News: एमपीएससी परीक्षा : नागपुर से किए थे 5 हजार से अधिक कॉल
![एमपीएससी परीक्षा : नागपुर से किए थे 5 हजार से अधिक कॉल एमपीएससी परीक्षा : नागपुर से किए थे 5 हजार से अधिक कॉल](https://www.bhaskarhindi.com/h-upload/2025/02/06/1400924-hudkeshwer.webp)
- हुड़केश्वर में चल रहा था फर्जी एजुकेशनल कॉल सेंटर
- क्राइम ब्रांच को भनक तक नहीं लगी
- चार फरार आरोपियों का नहीं चला पता
Nagpur News एमपीएससी परीक्षा पेपर कांड का मामला अब चर्चा का विषय बन गया है। आरोपी योगेश वाघमारे और उसके साथी इसके लिए नागपुर में फर्जी एजुकेशनल कॉल सेंटर खोल रखे थे। यह सेंटर नरसाला रोड पर न्यू कीर्ति नगर में सरोदे नामक क्यक्ति के मकान में किराए से चलता था और नागपुर की क्राइम ब्रांच और उसकी पांचों यूनिट, हुड़केश्वर थाने का डीबी स्क्वॉड सभी अनभिज्ञ थे। पुणे में यह मामला उजागर नहीं होता, तो न जाने कितने उम्मीदवारों को लूट चुके होते। कॉल सेंटर की बात तब सामने आई, जब पुणे में एमपीएससी परीक्षा पेपर कांड से जुड़ा एक मामला दर्ज हुआ।
नियुक्ति के विज्ञापन : सूत्रों के अनुसार नागपुर के कॉल सेंटर से डेढ़ माह के अंदर 5 हजार से अधिक कॉल किए गए थे। इस सेंटर में युवतियां काम कर रही थीं। इन्हें नियुक्त करने के लिए शहर के एक मराठी अखबार में विज्ञापन दिया गया था कि रॉयल कंस्लटंसी कॉल सेंटर के लिए युवतियों की जरूरत है। 8 युवतियों को चयन किया गया था। एक युवती बाहर से आई थी, जो वापस चली गई। बाकी युवतियां नागपुर शहर की थीं, जो सुबह 11 बजे शाम 5 बजे तक काम करती थीं।
कुलपे बंधुओं का मोबाइल फोन बंद एमपीएससी पेपर बिक्री मामले में फरार आरोपी आशीष कुलपे और उसके भाई प्रदीप कुलपे का मोबाइल फोन बंद है। पुलिस इन दोनों के परिजनों व रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही है। कुलपे बंधुओं के कॉल डिटेल से पता चला कि इनकी आरोपी योगेश वाघमारे से लगातार बातचीत थी। वॉटसएप पर पीडीएफ शेयर करते थे। आशीष और प्रदीप की तलाश में पुणे पुलिस की एक टीम नागपुर और म.प्र. के बालाघाट व उसके आसपास के क्षेत्र में डटी है। पुणे के चाकण में भी पुलिस ने आशीष व प्रदीप की तलाश में कुछ स्थानों पर तलाशी ली।
मार्गदर्शन करने का लालच| सूत्रों से पता चला है कि झांसे में आने वाले एमपीएससी उम्मीदवार को आरोपी लालच देते थे कि वह उन्हें ऑफ या ऑनलाइन मार्गदर्शन करेंगे। इसके लिए आरोपियों द्वारा संबंधित उम्मीदवार से खुद ही संपर्क किया जाता था। उम्मीदवार से आरोपियों की क्या बातें होती थी, यह बात कॉल सेंटर में काम करने वाली युवतियों को कुछ नहीं बताया जाता था।
सेंटर में युवतियों का काम : सूत्रों के अनुसार फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाली युवतियों को बताया गया था कि कॉल सेंटर से प्रापर्टी डीलिंग और कर्ज दिलाने के साथ ही एजुकेशन वर्क किया जाएगा। जीतेश को आशीष ने मोबाइल नंबरों को डेटा उपलब्ध कराया था। यह डेटा इनके पास कहां से आया, यह तो आरोपी ही बता सकते हैं। इस डेटा के आधार पर युवतियां सुबह कार्यालय पहुंचने के बाद माेबाइल नंबरों पर फोन कर सामने वाले से यह पूछती थीं कि क्या आप एमपीएससी की परीक्षा दे रहे हैं या परीक्षा देने की तैयारी कर रहे हैं या फिर परीक्षा देने के बाद असफल हो गए हैं। अगर सामने वाले ने इनसे एमपीएससी परीक्षा की तैयारी के बारे में बताते थे, तो यह उन्हें स्टडी करने में सहयोग की बातें करके जीतेश को उसका नंबर देती थीं। इसके बाद जीतेश उनसे क्या बातें करता था, इन युवतियों को कुछ नहीं पता है। युवतियां गरीब परिवार से हैं।
हर रोज 40 कॉल : सूत्रों से पता चला है कि योगेश वाघमारे न्यू कीर्ति नगर में संचालित होने वाले फर्जी एजुकेशनल कॉल सेंटर में कभी नहीं आया था, लेकिन आशीष कुलपे दो बार आया था। वह भी अपनी कार कुछ दूर रोककर पैदल ही सेंटर में आता था। जीतेश भी बहुत कम समय के लिए कॉल सेंटर में बैठता था। प्रत्येेक युवती हर रोज 40 से अधिक कॉल करती थी। आरोपियों ने अपने कार्यालय का बोर्ड तक नहीं लगाया था। इस मकान को 8 हजार रुपए में किराए पर लिया था। सरोदे ने यह मकान कुछ समय पहले खरीदा था। सरोदे भी मकान बेचने के लिए निकाला था। जीतेश के साथ योगेश, विशाल, आशीष और प्रदीप कॉल सेंटर चला रहे थे। योगेश को पुणे पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। फरार जीतेश, आशीष और प्रदीप की तलाश जारी है। खास बात यह है कि युवतियों से एमपीएससी उम्मीदवार का नंबर लेने के बाद खुद ही अकेले में बंद कमरे के अंदर बातें करते थे। उस दौरान कॉल सेंटर में काम करनेवाली किसी भी युवती को उनके कमरे के अंदर जाने की अनुमति नहीं रहती थी।
Created On :   6 Feb 2025 4:16 PM IST