Nagpur News: मिलेगा अवसर, नाटक से उभरेंगे फिल्मी कलाकार : पाटील

मिलेगा अवसर, नाटक से उभरेंगे फिल्मी कलाकार : पाटील
  • 21वीं बाल नाटक प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ
  • बाल कलाकारों ने नाट्य मंचन के जरिए दिए विभिन्न संदेश
  • नन्हे अदाकारों ने उपस्थितों का दिल जीता

Nagpur News बाल रंगमंच बहुत महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से नाटक के प्रति प्रेम विकसित होता है और व्यक्ति जीवनभर नाटकों के लिए तैयार रहते हैं। नाटक एक कला है और इसका प्रयोग जीवन के हर क्षेत्र में किया जाता है। अखिल भारतीय मराठी नाट्य परिषद, नागपुर शाखा के अध्यक्ष अजय पाटील ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे निश्चित रूप से महान कलाकार और प्रतिष्ठित सिने अभिनेता पैदा होंगे। वह महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक कार्य निदेशालय द्वारा आयोजित 21वीं महाराष्ट्र राज्य बाल नाटक प्रतियोगिता के प्रारंभिक दौर के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

संस्कार और पर्यावरण की बात : उद्घाटन पश्चात सर्व प्रथम स्त्री शिक्षण प्रसारक मंडल की ओर से बच्चों का नाटक "बिज अंकुरले' प्रस्तुत किया गया। नाटक का निर्माण रवींद्र फडणवीस ने किया और पटकथा डाॅ. सतीश सालुंखे का था, निर्देशन पल्लवी देशमुख ने किया। नाटक अंतर्गत एक गरीब लड़की साइकिल खरीदना चाहती है। उसकी बड़ी बहन उसकी जिद पूरी करने के लिए घर की गाय बेचकर उसे साइकिल देती है। इच्छा और आवश्यकता के संस्कार नाटक के माध्यम से बच्चों के सामने प्रस्तुत किया गया। इसके बाद दादीबाई देशमुख हिंदू गर्ल्स स्कूल के गोविंद गोडबोले द्वारा लिखित और वंदना बनकर द्वारा निर्देशित "चिमी आणि मनु' नाटक प्रस्तुत किया गया। इस नाटक के माध्यम से प्रकृति के साथ रिश्ते मजबूत करने की खूबसूरत कोशिश को साकार किया गया।

पानी और पक्षी हैं महत्वपूर्ण : अन्य नाटकों में "अमूल्य जीवन' के माध्यम से जल संकट और उसके महत्व के बारे में संदेश दिया गया। इस नाटक का निर्माण सुबोध आष्टीकर ने किया था। लेखक कै. कृष्णा रामेकर और निर्देशक अनिता सुरकर थीं। स्वानंद सांस्कृतिक मंडल द्वारा "स्कॉलरशिप' नाटक प्रस्तुत किया गया। नाटक अमोल डोंगरवार द्वारा लिखा गया था और अमोल निंबरते द्वारा निर्देशित था। यह नाटक बच्चों के मन में यह बात बिठाने में सफल रहा कि जिन चीजों के लिए हम जीवनभर दौड़ते रहते हैं, वे हमारे अच्छे कर्मों के कारण हमें फायदा भी पहुंचाती हैं। गोविंद गोडबोले द्वारा लिखित नाटक "झेप' की प्रस्तुति से मोबाइल, इंटरनेट, उपग्रह से बड़ी मात्रा में पैदा हुए "रेडिएशन' के बारे में बताया गया। तांडव क्रिएशन के "अकबर बीरबल का बाइस्कोप' जिसे योगेश राउत ने लिखा था आखिर में प्रस्तुत हुआ। करण जौहर बीरबल के दरबार में आते हैं। वह ऑडिशन देते हैं और खूब मजा करते हैं। इस नाटक ने बच्चों सहित दर्शकों को खूब गुदगुदाया।

Created On :   3 Jan 2025 1:53 PM IST

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