Nagpur News: यहां मौसी के घर रहता था जगदीश उइके, न्यायालय में साइबर पुलिस ने किया पेश

यहां मौसी के घर रहता था जगदीश उइके, न्यायालय में साइबर पुलिस ने किया पेश
  • न्यायालय में पेशी
  • दो दिन का पीसीआर बढ़ा
  • बम धमाके व प्लेन हाइजैक करने का धमकी भरा ई-मेल भेजने का मामला

Nagpur News : जैश ए मोहम्मद और एसजेएफ नामक आतंकी संगठनों द्वारा देश में कई धार्मिक स्थलों, ट्रेनों, बस अड्डों और एयरपोर्ट को बम से उड़ाने व विमान हाइजैक करने का ईमेल भेजकर सनसनी फैला देने वाले जगदीश उइके का रविवार काे पुलिस रिमांड समाप्त हुआ। थाना साइबर पुलिस ने रविवार को उसे न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने उइके को मंगलवार तक पुलिस रिमांड में भेजने का आदेश दिया है।

जगदीश के दो कमरों की तलाशी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गोंदिया निवासी जगदीश उइके नागपुर में अपनी मौसी के घर में रहता था। जिस कमरे में जगदीश रहता था, उन दो कमरों की तलाशी ली गई, लेकिन पुलिस को कमरों से कोई विशेष सामग्री या वस्तु हाथ नहीं लग सकी। यह वही जगदीश उइके हैं, जिसने ईमेल भेजा था कि उक्त दोनों आतंकी संगठनों ने करीब 75 हजार करोड़ रुपए में नागपुर सहित देश के अन्य कुछ एयरपोर्ट व अन्य कुछ स्थानों पर बम धमाके व विमान हाइजैक करने का कांट्रैक्ट लिया है। कई शासकीय कार्यालयों के अलावा पीएमओ और डीसीएम कार्यालय को भी उक्त धमकी भरे कई ई-मेल भेजे थे। जगदीश उईके (35) चंदननगर निवासी को नागपुर पुलिस ने 31 अक्टूबर की सुबह गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के तहत विविध मामले दर्ज किए गए हैं।

वह चाहता था कि डीसीएम के हाथों लोकार्पित हो पुस्तक

पुलिस सूत्रों के अनुसार, कुछ वर्ष पहले जगदीश ने आतंकवादी एक तूफानी राक्षस' नामक पुस्तक हिंदी और अंग्रेजी में लिखा था। पुस्तक में करीब 120 पन्ने हैं, जिसमें 60 पन्ने हिंदी में लिखे गए हैं और 60 पन्ने उसने अंग्रेजी में अनुवादित कराया है। जगदीश ने पुलिस रिमांड के दौरान पूछताछ में बताया कि उसकी पुस्तक का लोकार्पण एक पब्लिकेशन कंपनी ने किया है, लेकिन वह चाहता था कि अगर उसकी पुस्तक का लोकार्पण डीसीएम के हाथों किया जाता तो उसे अच्छा रिस्पांस मिलता। लेकिन पब्लिकेशन कंपनी के लोकार्पण करने के बाद उसे वैसे रिस्पांस नहीं मिल पाया था, जैसा वह चाहता था, इसलिए उसने यह हथकंडा अपनाया। पुलिस का मानना है कि वह दिमागी तौर पर काफी परेशान है। उसे मानसिक विशेषज्ञ की जरुरत है। मानसिक विशेषज्ञ के उपचार के बाद वह धीरे-धीरे शायद ठीक हो जाए।

120 पेज की पुस्तक का मुख्य लेखक है

सूत्रों के अनुसार, जगदीश उइके ने "आतंकवाद एक तूफानी राक्षस नामक जिस पुस्तक को लिखा है, वह उसका मुख्य लेखक और हिंदी लेखक है, इसका अंग्रेजी भाषा में ए आर मेश्राम ने अनुवाद किया है। इस पुस्तक में अखबारों में आतंकवाद से संबंधित प्रकाशित किए गए आर्टिकल को उसने अपने शब्दों में लिखकर उसे हिंदी और अंग्रेजी भाषा में पुस्तक के रूप में प्रकाशित कराया है। खास बात यह है कि उसकी यह पुस्तक 120 पेज की है, जिसमें हिंदी और अंग्रेजी में लिखा गया है।

क्या लिखा है पुस्तक में...ज्यों का त्यों

आतंकवाद एक तूफानी राक्षस' नामक पुस्तक के इस शीर्षक के नीचे उसने यह भी संदेश लिखा है कि देश और दुनिया की आतंकवाद से जुड़ी सच्ची बातें, आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का रामबाण उपाय’। मुख्य नोट- यह किताब जिस देश में खरीदी जाएगी, उस देश की 100 प्रतिशत कमाई से, 50 प्रतिशत कमाई उस देश को, देश हित में दान इस रीत के आधार पर उनके देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या उनके देश के राजदूतों के पास दिया जाएगा।’

वरिष्ठों के मार्गदर्शन में जांच शुरू

थाना साइबर पुलिस इस प्रकरण की जांच कर रही है। जगदीश के लिए मानसिक विशेषज्ञ की बात पर जांच के बारे में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन में आगे की जांच पड़ताल की जाएगी। फिलहाल वह नागपुर थाना साइबर पुलिस की रिमांड पर है। इस प्रकरण की जांच पुलिस निरीक्षक अमोल देशमुख कर रहे हैं। अगर केंद्र की जांच एजेंसियां उसे हिरासत में लेने के लिए न्यायालय से प्रॉडक्शन वारंट लेकर पहुंचती हैं तो उसे उनके हवाले किया जाएगा। हालांकि अभी तक नागपुर एटीएस की टीम ने भी उससे कोई पूछताछ नहीं की है, नागपुर की एटीएस टीम को भी न्यायालय से अनुमति लेकर आने पर ही पुलिस, आरोपी जगदीश उइके को उनके हवाले करेगी।

Created On :   3 Nov 2024 4:10 PM GMT

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