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Nagpur News: महाराष्ट्र पहले नंबर पर था, आगे भी रहेगा, जल्द ही सभी रिकार्ड टूट जाएंगे : सीएम
- कहा-महाराष्ट्र में देश का 31 फीसदी निवेश
- महाराष्ट्र निवेश में पहले नंबर पर पहुंच गया
- राज्य में 167 प्रकल्पों को सुधारित प्रशासकीय मंजूरी
Nagpur News मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाविकास आघाड़ी के सत्ताकाल में कर्नाटक के बाद गुजरात विदेशी पूंजी निवेश में पहले नंबर पर चला गया। महायुति की सत्ता आने के बाद पहले नंबर पर आया है। देश का 31 फीसदी निवेश महाराष्ट्र में हो रहा है। पहले क्वॉर्टर में देश के कुल निवेश का 52 फीसदी महाराष्ट्र में हुआ। दूसरे क्वॉर्टर में पहले नंबर पर पहुंचा। जल्द ही सभी रिकार्ड टूट जाएंगे। महाराष्ट्र विदेशी निवेश में पहले नंबर पर था और आगे भी रहने का दावा विधानसभा में किया।
रिकार्ड परियोजनाएं : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के उद्योग गुजरात ले जाने का विपक्ष लगातार आरोप कर रहा है। उसी के साथ महाराष्ट्र निवेश में पहले नंबर पर पहुंच गया, यह भी जनता को बताना चाहिए। कर्नाटक गई टोयोटा कंपनी वापस हमारे पास आई। कर्नाटक में उसकी फैक्टरी थी। गत ढ़ाई साल में राज्य में 167 प्रकल्पों को सुधारित प्रशासकीय मंजूरी दी गई। उसमें से 25.21 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचाई के नीचे आएगी। यह एक रिकार्ड है, जिसमें कोंकण के 20 प्रकल्पों का समावेश है। कृष्णा घाटी के 15, गोदावरी, मराठवाड़ा सिंचाई 28, तापी घाटी 13, विदर्भ सिंचाई के 81 प्रकल्प है।
नदी जोड़ों प्रकल्प : महाराष्ट्र को सूखे से मुक्त कराने का हमारा संकल्प है। नदी जोड़ प्रकल्प के बराबर जलसंधारण का भी महत्व है। नदी जोड़ प्रकल्प के पीछे राज्यों में विवाद मुख्य वजह है। मध्य प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना विवाद है। साल 2019 में जल प्रारूप तैयार कर जीआर निकाला गया। उसे केंद्र सरकार से सभी प्रकार की मंजूरी मिल चुकी है। उसमें से कुछ के टेंडर निकल चुके हैं। उसी में वैनगंगा-नलगंगा समान प्रकल्प है। उसका 3 लाख, 71 हजार हेक्टेयर लाभक्षेत्र है। नागपुर, वर्धा, अमरावती, अकोला, यवतमाल, बुलढाणा, वाशिम जिलों का इस प्रकल्प से चित्र बदलनेवाला है।
ऊर्जा पर बड़ा काम : नागपुर, पुणे मेट्रो के काम तेज गति से चल रहे हैं। सौर ऊर्जा का काम चल रहा है। मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी 2.0 योजना लाई गई है। एमएसईबी सोलर पॉवर लिमिटेड देश की पहली कंपनी है, जिसकी स्थापना केवल किसानों को बिजली देने के लिए की गई है। 16 हजार मेगावॉट का प्रकल्प तैयार शुरू है। यह देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादन प्रकल्प है। इसमें 8428 कृषि फिडर सेपरेट किए हैं। अब तक 669 मेगावॉट क्षमता कार्यान्वित हो चुकी है। 1 लाख, 30 हजार 486 किसानों को थ्री फेज बिजली आपूर्ति की जा रही है।
Created On :   20 Dec 2024 12:23 PM IST