Nagpur News: सालाना भरते हैं करोड़ों का टैक्स, फिर भी नियमित नहीं उठता मेडिकल अस्पताल का कचरा

सालाना भरते हैं करोड़ों का टैक्स, फिर भी नियमित नहीं उठता मेडिकल अस्पताल का कचरा
  • दंत चिकित्सालय व मेडिकल परिसर में जहां-तहां कचरे के ढ़ेर
  • मौखिक व लिखित शिकायत के बावजूद नहीं ली जाती सुध
  • बीमारियों का प्रकोप, फिर भी उदासीनता

Nagpur News : शासकीय दंत चिकित्सालय व महाविद्यालय व शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) इन दिनों नई समस्या से पीड़ित है। यहां के परिसर का कचरा रोज नहीं उठाया जाता। यह जिम्मेदारी नागपुर महानगर पालिका अंतर्गत जोन कार्यालय की बतायी गई है। कचरा उठाने के लिए संबंधित जोन कार्यालयों को मौखिक व लिखित शिकायत दी गई है। बावजूद कचरा नहीं उठाया जा रहा है। बताया गया कि दाेनों संस्थानों को सालाना 4 करोड़ रुपए का टैक्स भुगतान करना पड़ता है। बावजूद चिकित्सा संस्थान परिसरों के कचरे को लेकर जोन कार्यालय गंभीर नहीं है।

दो जोन को कर चुके हैं शिकायत

शासकीय दंत चिकित्सालय व महाविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि उनके संस्थान को सालाना टैक्स करीब दो करोड़ रुपए भुगतान करना पड़ता है। बावजूद उनकी इमारत के आसपास का कचरा नियमित नहीं उठाया जाता है। इसके कारण परिसर में कचरे के ढ़ेर लग जाता है। यहां पिछले 15 दिनों से पेड़ों की टहनियां व अन्य कचरे के ढ़ेर लगे हैं। इसके लिए संस्थान का कर्मचारी हनुमाननगर व धंतोली जोन कार्यालय को मौखिक शिकायत दे चुका है। वहीं हनुमाननगर जोन कार्यालय को लिखित पत्र देकर कचरा उठाने के लिए अनुरोध किया गया है। दो बार पत्र देने के बावजूद कचरा नहीं उठाया गया है। सूत्रों ने बताया कि जब भी इस बारे में शिकायत करने जाते है, तो केवल आश्वासन दिया जाता है। बताया गया कि मेडिकल बायोवेस्ट छोड़कर अन्य सामान्य कचरा उठाने की जिम्मेदारी जोन कार्यालय की है। लेकिन संबंधित कर्मचारी यह जिम्मेदारी निभाने में कोताही बरतते है।

बीमारियों का प्रकोप, फिर भी उदासीनता

शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) की भी यही स्थिति है। मेडिकल परिसर में नियमित सफाई के अभाव में जहां-तहां कचरे के छोटे-बड़े ढेर लगे हैं। मेडिकल के स्वच्छता निरीक्षकों की निगरानी में सफाई कर्मचारी सफाई कर एक जगह कचरा जमा करते हैं, लेकिन इस कचरे को उठाकर उसे डंपिंग यार्ड पहुंचाने की जिम्मेदारी मनपा जोन की बतायी जाती है। चिकित्सा संस्थान होने के कारण यहां हर राेज हजारों की संख्या में मरीज आते हैं। उनके साथ परिजन और रिश्तेदार भी होते हैं। सार्वजनिक परिसर में कचरे के कारण बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है। जिले में डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य संक्रामक व गैर संक्रामक बीमारियों का प्रकोप चल रहा है। ऐसे में कचरे के कारण गंदगी, मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है।

हर रोज आते हैं हजारों मरीज और रिश्तेदार

शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल की ओपीडी में हर रोज औसत 400 नए मरीज दातों की जांच व उपचार करने आते हैं। वहीं पुराने मरीजों की संख्या 200 से अधिक है। 100 से अधिक छोटी-बड़ी सर्जरियां की जाती है। वहीं मेडिकल की ओपीड़ी औसत 28 सौ है। पुराने मरीजों की संख्या 700 से अधिक होती है। करीब 250 छोटी-बड़ी सर्जरियां होती है। औसत 15 प्रसूतियां होती है। ऐसे में चिकित्सा संस्थान परिसरों में सफाई होना जरुरी है, लेकिन मनपा जोन कार्यालयों द्वारा इन संस्थानों का कचरा उठाने के प्रति उदासीनता बरती जाती है। बताया जाता है कि शिकायत के बावजूद 15-15 दिनों तक कचरा नहीं उठाया जाता है।

Created On :   19 Sept 2024 1:25 PM GMT

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