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Nagpur News: कुएं में गिरने से तेंदुए की मौत, न लगी थी जाली - न थी सुरक्षा दीवाल
- खेत स्थित कुएं में गिरने से तेंदुए की मौत
- वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई
- तेंदुए के शव को बाहर निकालकर शव विच्छेदन की प्रक्रिया की गई
Nagpur News. पेंच व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत तुयापार बीट के एक खेत स्थित कुएं में गिरने से तेंदुए की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई, तेंदुए के शव को बाहर निकालकर शव विच्छेदन की प्रक्रिया की गई। इससे पहले भी इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें नीलगाय से लेकर बाघ तक कुएं में गिर चुके हैं।
पेंच व्याघ्र प्रकल्प के अंतर्गत 9 के करीब बीट आती हैं। जिसमें सिल्लारी, कोलीतमारा, खुबाडा, पवनी, खुर्सापार आदि बीट शामिल हैं। इन सभी बीटों के दायरे में 3 सौ से ज्यादा गांव हैं। जो जंगल के समीप हैं। ग्रामवासी अधिकतम खेती पर निर्भर हैं। उन्होंने खेत में सिंचाई के लिए बड़े कुएं भी खोद रखे हैं। ऐसे में रात के अंधेर में जंगल से इंसानी इलाकों तक चहल-पहल करनेवाले वन्यजीव इन खुले कुओं में गिर जाते हैं। समय रहते उन पर नजर पड़ी, तो रेस्कयू टीम बचा लेती है। लेकिन ध्यान नहीं गया तो, मौत हो जाती है।
दहोदा-भट्टीटोला नामक गांव में पुरूषोत्तम वासनिक नामक किसान का खेत है। उसके खेत में खुला कुआं है, जिसमें 25 जनवरी को एक तेंदुआ गिर गया था। जिसकी मौत हो गई। परिवार के सदस्य को जब कुए में तेंदुआ मृत अवस्था में देखाई दिया, तो उसने तुंरत इसकी जानकारी वन विभाग को दी। जिसके बाग रैपिड रैसक्यू टीम, वन अधिकारी कर्मचारी व स्थानिय स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधियों ने कुएं से तेंदुए का शव बाहर निकाला। अधिकारी व कर्मचारियों की उपस्थिति में तेंदुए का पोस्टमार्टम हुआ। प्राथमित तौर पर तेंदुए की मौत पानी में डूबने से हुई है।
छानबीन
तेंदुए की मौत का कारण तलाशने के लिए वन विभाग की ओर से खोजी कुत्तों की मदद ली गई। वन विभाग के स्निपर श्वान की मदद से कुंए के आसपास की तलाशी ली गई। ताकि शिकार के एंगिल से जांच हो सके, लेकिन तलाशी के दौरान कुछ संदिग्ध नहीं मिला।
नहीं बनाई सुरक्षा दीवार
नियमानुसार जंगल के पास खेतों को बाउंड्री जरूरी है। ताकी वन्यजीव इन खेतों के भीतर न आ सके। कुओं पर सुरक्षा दीवार या जाली लगाना जरूरी है। ताकि अंधेरे में कोई भी वन्यजीव गिर ना सके, लेकिन कोई भी किसान इसे गंभीरता से नहीं लेते दिख रहा है। यही कारण है, कि आए दिन इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। जिसमें वन्यजीवों की मौत हो रही हैं। वहीं वन विभाग भी इसके लिए कोई सख्त कदम नहीं उठा रहे है।
Created On :   27 Jan 2025 4:53 PM IST