Nagpur News: कोर्ट के सामने बड़ा खुलासा , बाघों के शिकार के तार म्यांमार तक जुड़े

कोर्ट के सामने बड़ा खुलासा , बाघों के शिकार के तार म्यांमार तक जुड़े
  • 5 वर्ष में देश भर में कुल 628 बाघों की मौत
  • 160 बाघ, महाराष्ट्र में, विशेष रूप से विदर्भ क्षेत्र में मारे गए

Nagpur News पिछले 5 वर्ष में देश भर में कुल 628 बाघों की मौत हुई है। इनमें से 160 बाघ, महाराष्ट्र में, विशेष रूप से विदर्भ क्षेत्र में मारे गए हैं। यह चौंकाने वाली जानकारी न्यायालय मित्र एड. सुधीर वोडीतेल ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत की है। साथ ही उन्होंने बाघों के शिकार से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारी भी न्यायालय के सामने रखते हुए कहा कि, बाघों के शिकार के तार म्यांमार तक जुड़े हुए हैं।

रास्ता रोकने पर कोर्ट ने ली थी सुध : उमरेड-करांडला अभयारण्य में पर्यटकों ने एफ-2 बाघिन और उसके पांच शावकों का रास्ता रोका था। इस पर नागपुर खंडपीठ ने गंभीरता से स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर की और एड. सुधीर वोडीतेल को न्यायालय मित्र के रूप में नियुक्त किया। याचिका पर गुरुवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। इस दौरान एड. वोडीतेल ने याचिका का दायरा बढ़ाते हुए अदालत के समक्ष बाघों के बारे में उपरोक्त जानकारी प्रस्तुत की।

न्यायालय मित्र ने दी हाई कोर्ट में जानकारी, देश में 628, विदर्भ में 160 बाघों की मौत : मध्य प्रदेश के कुछ लोगों पर भी संदेह : उन्होंने यह भी बताया कि जंगलों में अवैध खनन जारी है। बाघों के शिकार के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह मामला केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मध्य प्रदेश के कुछ लोगों पर भी संदेह है। इतना ही नहीं, इस मामले में एक सह-आरोपी मेघालय का निवासी है, और इसके तार म्यांमार तक जुड़े हुए हैं। इस पर कोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाघ संवर्धन प्राधिकरण, केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग, और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो को प्रतिवादी बनाने के आदेश दिए।

पड़ोसी राज्य को सख्त चेतावनी : महाराष्ट्र में बाघों के शिकार की जाँच वन विभाग कर रहा है। न्यायालय ने आदेश दिया है कि इस जांच की वर्तमान स्थिति का रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत किया जाए, जिसे केवल न्यायालय मित्र एड. वोडीतेल ही देख सकेंगे। यदि राज्य वन विभाग को जाँच में केंद्र सरकार की एजेंसियों के सहयोग की आवश्यकता हो, तो केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को भी सहायता प्रदान करनी चाहिए। इसके अलावा, अगर इस जांच में मध्य प्रदेश पुलिस, वन विभाग, या राजस्व विभाग ने सहयोग नहीं किया, तो यह मामला सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष रखा जाएगा, ऐसी सख्त चेतावनी भी न्यायालय ने दी है।

अवैध फिशिंग, बम से हमला, कोर्ट ने मांगी जांच रिपोर्ट : पेंच टाइगर रिजर्व में अवैध मछली पकड़ने की घटनाएं सामने आई हैं। हाल ही में, स्थानीय लोगों ने वन विभाग की गश्ती टीम पर बम से हमला किया था। इस हमले में मध्य प्रदेश के कुछ आरोपी भी शामिल थे। इस मामले की जांच नागपुर ग्रामीण पुलिस कर रही है। इसलिए कोर्ट ने मामले की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इस हमले में वन विभाग की नावों को भी जला दिया गया था। इसलिए कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि, वन विभाग गश्ती दल को नई नावें उपलब्ध कराई जाए, यदि व्याघ्र संरक्षण दल में पद खाली हों और सुरक्षा की आवश्यकता हो, तो गश्ती दल को राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) के सशस्त्र जवान उपलब्ध कराए जाए।

Created On :   21 Feb 2025 4:29 PM IST

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