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Nagpur News: खूब चला कानूनी हथौड़ा, अहम मामलों से चर्चित रहा पूरा साल- किसी को राहत और किसी को नहीं
- काफी दिक्कतों के बाद बर्वे को मिली बड़ी राहत, मालू को डिफॉल्ट जमानत
- आखिरकार केदार नहीं लड़ सके चुनाव लाडली बहन योजना पर भी उठा सवाल
- दुष्कर्मी को ट्रिपल फांसी की सजा
- ब्रह्मोस मिसाइल इंजीनियर को उम्रकैद
Nagpur News : वर्ष 2024 अदालती निर्णयों के हिसाब से अहम रहा। एनडीसीसी बैंक घोटाले के दोषी एवं बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष तथा पूर्व मंत्री सुनील केदार के दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग को पहले बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। दोषसिद्धि पर रोक न लगने के कारण आखिरकार केदार विधानसभा के चुनाव नहीं लड़ सके। वहीं दूसरी आेर राज्य सरकार की मुख्यमंत्री लाडली बहन और अन्य मुफ्त योजनाओं की वैधता को नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी गई। लाडली बहन योजना के दम पर महायुति ने राज्य में सत्ता हासिल कर ली, लेकिन कोर्ट ने आखिरी मौका देने के बावजूद भी सरकार की ओर से अब तक कोई जवाब दायर नहीं किया गया। इसके अलावा नागपुर खंडपीठ ने जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष रश्मि बर्वे के जाति वैधता प्रमाणपत्र रद्द करने का जाति प्रमाणपत्र सत्यापन समिति का विवादित फैसला रद्द करते हुए बर्वे को बड़ी राहत दी। वहीं नशे में तेजी से कार चलाकर रामझुले पर दो लोगों को कुचलने में आरोपी रितिका उर्फ रितु मालू को डिफॉल्ट जमानत मिली।
रात 10 बजे खुला कोर्ट
जमीन के विवाद के एक मामले में वह जगह रेलवे प्रशासन की होने का दावा करते हुए गार्ड लाइन स्थित घर पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई शुरू की। कोर्ट में मामला प्रलंबित होने के बाद भी यह कार्रवाई की जा रही थी। ऐसे में पीड़ितों के सामने दूसरा कोई रास्ता न होने की वहज से रात 9 बजे पीड़ितों ने सहायता के लिए अपने वकील के माध्यम से सीधे जिला न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के घर दस्तक दी। मामले की गंभीरता को ध्यान में लेते हुए न्यायाधीश ने मुख्य भूमिका निभाते हुए संबंधित न्यायाधीश को मामले में तुरंत सुनवाई करने को कहा। इसके चलते रात 10 बजे कोर्ट ने पीड़ित परिवार को राहत दी और अगले दिन हुई सुनवाई में "जैसे थे' के आदेश पारित किए। रात्रि 10 बजे सामान्य लोगों के लिए सहायता के न्याय देवता तत्पर होने की इस घटना की शहर में चर्चा थी।
दुष्कर्मी को ट्रिपल फांसी की सजा
जिला व सत्र न्यायालय ने पांच साल की नाबालिग लड़की का अपहरण, दुष्कर्म और बेरहमी से हत्या करने के आरोप में दुष्कर्मी संजय देव पुरी (रा. लिंगा, कमलेश्वर) को ट्रिपल फांसी की सजा सुनाई। सत्र न्यायाधीश एस. आर. पडवल ने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया। उसे हत्या, पोक्सो कानून धारा 6 के तहत और बलात्कार इन तीन मामलों फांसी सुनाई गई। नागपुर में ट्रिपल फांसी की यह पहली घटना बताई जा रही है। इसके अलावा दिघोरी परिसर के बहुचर्चित पवनकर हत्याकांड जिसमें खुद के बेटे, बहन समेत पांच लोगों की बेरहमी से हत्या करने वाले हत्यारे विवेक गुलाबराव पालटकर (41) के फांसी की सजा नागपुर खंडपीठ ने बरकरार रखी।
कुलाध्यक्ष तथा पीएम को भी नोटिस
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति पद का अतिरिक्त भार आयआयएम नागपुर के संचालक डॉ. भीमराय मेत्री को सौंपा गया था। राष्ट्रपति द्वारा की गई कुलपति के इस नियुक्ति को नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी गई थी। इस मामले कोर्ट ने हिंदी विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष के रूप में राष्ट्रपति को नोटिस जारी किया था। वहीं आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी अधिनियम की संवैधानिक वैधता के चुनौती के मामले में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष के तौर पर सीधे प्रधानमंत्री को भी नोटिस जारी किया गया था।
यह रहे अजब-गजब मामले
पेड़ कटाई के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका प्रलंबित है। इस मामले में स्थानीय वृक्ष प्राधिकरण द्वारा सड़क चौड़ीकरण के लिए 78 पेड़ों की कटाई को मंजूरी दी गई। इन 78 पेड़ों में से 56 पेड़ सबसे पुराने हैं। इसमें वृक्ष विशेषज्ञ ने गजब तर्क देते हुए कहा था कि पेड़ों की उम्र ज्यादा होने से उनके ऑक्सीजन उत्सर्जन की क्षमता कम हो रही है। इसलिए इन पेड़ों की कटाई की जा सकती है। वहीं यवतमाल जिले में अवधूतवाडी पुलिस स्टेशन का निर्माण अवैध तरिके से होने का दावा करते हुए नागपुर खंडपीठ में फौजदारी जनहित याचिका दायर है। इस मामले में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय प्राधिकारी की अनुमति के बिना पुलिस स्टेशन का निर्माण किया है। निर्माण में अपराधियों से अवैध रूप से एकत्रित पैसा का उपयोग किया गया है।
राजनेताओं को कहीं राहत, तो कहीं नोटिस
नगरसेवक पर हमला करने के आरोप में दर्ज आपराधिक मामला रद्द करने के लिए पूर्व विधायक बच्चू कडू को नागपुर खंडपीठ से राहत मिली थी। राज्य के पूर्व विपक्ष नेता तथा ब्रह्मपुरी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस के उम्मीदवार विजय वडेट्टीवार का नामांकन रद्द करने की मांग को लेकर चुनौती दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी थी। वहीं केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के खिलाफ एक चुनाव याचिका दायर की गई। याचिका में दावा किया गया है कि लोकसभा चुनाव में मतदान के दिन मतदान केंद्रों के नजदीक बीजेपी बूथों पर नियमों का उल्लंघन किया गया। इस मामले में कोर्ट ने नितीन गडकरी को नोटिस जारी किया है।
ईवीएम को कंप्यूटर घोषित करने की मांग
ईवीएम मशीन एक तरह से कंप्यूटर डिवाइस होने के कारण ईवीएम, वीवीपैट का उपयोग करने से पहले आईटी एक्ट 2020 के प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन करने के चुनाव आयोग को आदेश दिए जाने की मांग करने वाली याचिका नागपुर खंडपीठ में दायर की गई है। याचिका में ईवीएम को कंप्यूटर घोषित करते हुए आईटी एक्ट लागू करने का अनुरोध किया गया है।
दीक्षाभूमि : अंरडग्राउंड पार्किंग विवाद
दीक्षाभूमि की अंरडग्राउंड पार्किंग को लेकर काफी विवाद चला, आंबेडकरी अनुयायियों ने इस पार्किंग काे लेकर विरोध किया था। बाद में यह अंडरग्राउंड पार्किंग की जगह समतल की गई। यह अंरडग्राउंड पार्किंग को लेकर चल रहा विवाद सुलझाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की 16.44 एकड़ और कपास अनुसंधान संस्थान की 3.84 एकड़ जमीन दी जाए यह अनुरोध करते हुए दीक्षाभूमि के विकास के लेकर प्रलंबित जनहित याचिका में एड. शैलेश नारनवरे ने अर्जी दायर की है।
आरएसएस मुख्यालय की सुरक्षा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय को किस आधार पर सुरक्षा प्रदान कि जाती है? इस सवाल पर आरटीआई के तहत जानकारी न मिलने से ललन किशोर सिंह ने नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की गई है। इस मामले में कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जरूरी संशोधन करने अन्यथा याचिका खारिज करने का आदेश दिया है।
प्राे. साईबाबा दूसरी बार निर्दोष बरी
बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने कथित नक्सल समर्थक और दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी. एन. साईबाबा समेत सभी आरोपियों को निर्दोष बरी किया। नक्सली समर्थक होने को लेकर प्राे. साईंबाबा को गडचिरोली सत्र न्यायालय ने 7 मार्च 2017 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने दूसरी बार प्रो. साईबाबा को निर्दोष बरी किया था।
ब्रह्मोस मिसाइल इंजीनियर को उम्रकैद
जिला व सत्र न्यायालय ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में ब्रह्मोस एयरोस्पेस के अभियंता निशांत प्रदीप कुमार अग्रवाल (उम्र 32, निवासी नेहरू नगर, रूडकी, जिला हरिद्वार, उत्तराखंड) को साइबर आतंकवाद में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एम. वी. देशपांडे ने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया था। वहीं दूसरी ओर नागपुर खंडपीठ ने निशांत अग्रवाल की जमानत और सजा निलंबन की मांग खारिज करते हुए बड़ा झटका दिया था।
यह जनहित याचिका रही चर्चा में
शहर के मेयो और मेडिकल अस्पतालों की खराब हालत और वहां की असुविधाओं को लेकर जनहित याचिका प्रलंबित है। इस याचिका में काेर्ट ने विदर्भ के मेडिकल कॉलेजों में एसोसिएट प्रोफेसरों के 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से तत्काल भरने के आदेश दिए। शहर में गड्ढों के कारण होने वाली दुर्घटना और शहर पुलिस की रिक्त पदें, अंबाझरी बांध की सुरक्षा एवं ओवरफ्लो के निर्माणाधीन पुल, धंतोली व रामदासपेठ में यातायात समस्या, इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से फ्रीडम पार्क मेट्रो स्टेशन होते हुए मानस चौक तक प्रस्तावित भूमिगत मार्ग (टनेल), अजनी वन में अवैध पेड़ कटाई, नायलॉन मांजा के इस्तेमाल पर बंदी आदि जनहित याचिका इस साल चर्चा में रही। साथ ही कोर्ट ने शहर में पीओपी मूर्तियों के इस्तेमाल पर मनपा द्वारा की गई आवश्यक कार्रवाई पर संतुष्टि जताते हुए इस जनहित याचिका का निपटारा कर दिया।
Created On :   28 Dec 2024 7:17 PM IST